Nojoto: Largest Storytelling Platform

New स्लेटी कलर Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about स्लेटी कलर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, स्लेटी कलर.

    PopularLatestVideo

JALAJ KUMAR RATHOUR

कहानियाँ और किस्से, पार्ट-२ विभिन्न विश्वस्नीय स्रोतों की सहायता से लगभग एक हफ्ते बाद मैंने और मेरे दोस्त अर्चित ने पता किया कि, उसका नाम #जलज

read more
कहानियाँ  और किस्से, 
पार्ट-२
विभिन्न विश्वस्नीय स्रोतों की सहायता से लगभग एक हफ्ते बाद मैंने और मेरे दोस्त अर्चित ने  पता किया कि, उसका नाम "सांझ"है । वो बंसल जी की नातिन है और बंसल जी व अपनी नानी के साथ रहती है।
वैसे मोहल्ले के प्रत्येक युवा में एक नई ऊर्जा आ गयी थी, सभी युवाओं ने सुबह सुबह टहलना शुरू कर दिया था ये संपूर्ण असर सांझ की वजह से था। वो थी ही इतनी आकर्षित कि लोग उसके दीवाने हो जाते थे। मैं भी उसके इन आशिको  में शामिल था । १जुलाई को मेरे स्कूल खुलने वाले थे। इसलिए नई किताबो और कॉपियों पर नेमप्लेट और कवर चढ़ाने के लिए मैं राजू पुस्तक भंडार की दुकान पर गया था। 
हमारे छोटे से शहर में किताबो और पुस्तको के लिए यही एक प्रसिद्ध दुकान थी। राजू भैया की इतनी बिक्री होती देख मेरे मन में कई बार इसी धंधे में जुड़ने का प्लान  आया पर वक्त से साथ सब धीरे-धीरे बदलता चला गया। १जुलाई के दिन आज नौवी क्लास में मेरा पहला दिन था। विज्ञान वर्ग में गणित का मिलना हमारे कॉलेज में जैकपॉट के लगने जैसा था और ये जैकपॉट मेरे हाथ भी लगा था।  के. के इंटर कॉलेज के रूम नंबर 9 में हमारे क्लासटीचर बैठे हुए थे। मेरे पास आये एक लड़के ने कान के पास फुसफुसाते हुए कहा "बडे खतरनाक है नागेंद्र सर मेरा भाई बता रहा था", उसने बताया की उसका भाई दसवी क्लास में है और पिछली साल नागेंद्र सर उसी के क्लासटीचर थे। गणित विषय के ज्ञाता और कविताओं के शौकीन है। नागेंद्र सर, मैं और मेरे साथ जो लड़का आया था इतेंद्र चौहान , ने सर से अपना नाम क्रमांक पंजिका में दर्ज करवाया और पंखे की नीचे वाली सीट पर बैठ गए।बाये तरफ लड़के और दाहिने तरफ लड़कियो के लिए जगह थी। समझ नही आता कि जब हम बराबरी की बात करते है,लड़के और लड़कियो में फिर उनके लिए जगह अलग अलग क्यूँ, क्या उन्हे हम एहसासे कराते है कि तुम लड़की हो,या हम उनके हिस्से पर भी अपना हक समझते है,तभी नागेंद्र सर ने कहा" आज मैं अटेंडेंस ले रहा हूँ कल से गणित शुरू करेंगे और सर ने बोलना शुरू किया, "रोल न. 1-पूजा, फिर रुककर बोले नाम सिर्फ आज ही बोल रहा हूँ आगे से सिर्फ रोल न. बोलूँगा........ रोल न. -9 खुशी...... रोल न. - 15 दीक्षा... रोल न. -18 आराध्या, रोल न. 19- साँझ , क्लास के दरवाजे से आवाज आयी "प्रेजेंट सर", सुबह के दस बजे थे उस वक्त इस वजह से सूरज की सीधी रोशनी दरवाजे से होते हुए मेरी आँखों, मेरे लक्ष्य देखने से बाधित कर रही थी। दरवाजे पर हाँफती और अपनी जुल्फो को कानो का रास्ता मुकम्मल कराती स्लेटी कलर के कुर्ते और सफेद दुपट्टे में वो बिल्कुल, दिन में सूर्य के कम प्रकाश में नजर आने वाले चाँद के समान लग रही थी,जिसे देखने के लिए सूर्य की रोशनी से तुमको लड़ना पड़ता है और सूर्य की रोशनी से मेरा लड़ना सफल भी हो गया था क्युकी ये सांझ, मेरी वाली ही सांझ थी , सर रोल न. बोलते जा रहे थे और सर ने रजिस्टर बन्द कर दिया, मैं सर के पास गया और बोला सर मेरा नाम नही बुला, उन्होंने नाम पूछा और बोला रोल न.20, सो रहे थे क्या जब में बोल रहा था। पहला घण्टा बजा और सर चले गए और छोड़ गए मेरा उपहास मेरा क्लास के सभी चेहरो पर, 
... #जलज राठौर कहानियाँ  और किस्से, 
पार्ट-२
विभिन्न विश्वस्नीय स्रोतों की सहायता से लगभग एक हफ्ते बाद मैंने और मेरे दोस्त अर्चित ने  पता किया कि, उसका नाम

JALAJ KUMAR RATHOUR

कहानियाँ और किस्से, पार्ट-२ विभिन्न विश्वस्नीय स्रोतों की सहायता से लगभग एक हफ्ते बाद मैंने और मेरे दोस्त अर्चित ने पता किया कि, उसका नाम #जलज

read more
कहानियाँ  और किस्से, 
पार्ट-२
विभिन्न विश्वस्नीय स्रोतों की सहायता से लगभग एक हफ्ते बाद मैंने और मेरे दोस्त अर्चित ने  पता किया कि, उसका नाम "सांझ"है । वो बंसल जी की नातिन है और बंसल जी व अपनी नानी के साथ रहती है।
वैसे मोहल्ले के प्रत्येक युवा में एक नई ऊर्जा आ गयी थी, सभी युवाओं ने सुबह सुबह टहलना शुरू कर दिया था ये संपूर्ण असर सांझ की वजह से था। वो थी ही इतनी आकर्षित कि लोग उसके दीवाने हो जाते थे। मैं भी उसके इन आशिको  में शामिल था । १जुलाई को मेरे स्कूल खुलने वाले थे। इसलिए नई किताबो और कॉपियों पर नेमप्लेट और कवर चढ़ाने के लिए मैं राजू पुस्तक भंडार की दुकान पर गया था। 
हमारे छोटे से शहर में किताबो और पुस्तको के लिए यही एक प्रसिद्ध दुकान थी। राजू भैया की इतनी बिक्री होती देख मेरे मन में कई बार इसी धंधे में जुड़ने का प्लान  आया पर वक्त से साथ सब धीरे-धीरे बदलता चला गया। १जुलाई के दिन आज नौवी क्लास में मेरा पहला दिन था। विज्ञान वर्ग में गणित का मिलना हमारे कॉलेज में जैकपॉट के लगने जैसा था और ये जैकपॉट मेरे हाथ भी लगा था।  के. के इंटर कॉलेज के रूम नंबर 9 में हमारे क्लासटीचर बैठे हुए थे। मेरे पास आये एक लड़के ने कान के पास फुसफुसाते हुए कहा "बडे खतरनाक है नागेंद्र सर मेरा भाई बता रहा था", उसने बताया की उसका भाई दसवी क्लास में है और पिछली साल नागेंद्र सर उसी के क्लासटीचर थे। गणित विषय के ज्ञाता और कविताओं के शौकीन है। नागेंद्र सर, मैं और मेरे साथ जो लड़का आया था इतेंद्र चौहान , ने सर से अपना नाम क्रमांक पंजिका में दर्ज करवाया और पंखे की नीचे वाली सीट पर बैठ गए।बाये तरफ लड़के और दाहिने तरफ लड़कियो के लिए जगह थी। समझ नही आता कि जब हम बराबरी की बात करते है,लड़के और लड़कियो में फिर उनके लिए जगह अलग अलग क्यूँ, क्या उन्हे हम एहसासे कराते है कि तुम लड़की हो,या हम उनके हिस्से पर भी अपना हक समझते है,तभी नागेंद्र सर ने कहा" आज मैं अटेंडेंस ले रहा हूँ कल से गणित शुरू करेंगे और सर ने बोलना शुरू किया, "रोल न. 1-पूजा, फिर रुककर बोले नाम सिर्फ आज ही बोल रहा हूँ आगे से सिर्फ रोल न. बोलूँगा........ रोल न. -9 खुशी...... रोल न. - 15 दीक्षा... रोल न. -18 आराध्या, रोल न. 19- साँझ , क्लास के दरवाजे से आवाज आयी "प्रेजेंट सर", सुबह के दस बजे थे उस वक्त इस वजह से सूरज की सीधी रोशनी दरवाजे से होते हुए मेरी आँखों, मेरे लक्ष्य देखने से बाधित कर रही थी। दरवाजे पर हाँफती और अपनी जुल्फो को कानो का रास्ता मुकम्मल कराती स्लेटी कलर के कुर्ते और सफेद दुपट्टे में वो बिल्कुल, दिन में सूर्य के कम प्रकाश में नजर आने वाले चाँद के समान लग रही थी,जिसे देखने के लिए सूर्य की रोशनी से तुमको लड़ना पड़ता है और सूर्य की रोशनी से मेरा लड़ना सफल भी हो गया था क्युकी ये सांझ, मेरी वाली ही सांझ थी , सर रोल न. बोलते जा रहे थे और सर ने रजिस्टर बन्द कर दिया, मैं सर के पास गया और बोला सर मेरा नाम नही बुला, उन्होंने नाम पूछा और बोला रोल न. 20,सो रहे थे क्या जब में बोल रहा था। पहला घण्टा बजा और सर चले गए और छोड़ गए मेरा उपहास मेरा क्लास के सभी चेहरो पर, 
... #जलज राठौर कहानियाँ  और किस्से, 
पार्ट-२
विभिन्न विश्वस्नीय स्रोतों की सहायता से लगभग एक हफ्ते बाद मैंने और मेरे दोस्त अर्चित ने  पता किया कि, उसका नाम

Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

#बरता स्लेटी #friends #कविता

read more
वो बरता,स्लेटी
वो बालपन सेठी
सौंधी-सौंधी खुश्बू
उससे आती रहती
जिसमें थी,हमारी
यादो की खेती
वो बरता,स्लेटी
वो बालपन सेठी
उससे होकर ही,
नदियां थी बहती
खेलने में मजा
आता था इतना
भूख,प्यास सुधि
हमको न रहती
ज्यादा बरतेवाला
अमीरों का साला
पर फिसल गई है
बचपन की वो रेती
कोहिनूर सस्ता है
बचपन महंगा है
गर कोई धन बदले
लौटा दे,बचपन खेती
खुदा कसम,छोड़ दूं,
धन,जायदाद की बेटी
वो बरता स्लेटी
वो बालपन सेठी
इसके स्वाद आगे
मिठाई फीकी रहती
उसके स्वाद में,तो
अद्भुत तृप्ति रहती
वो बरते की मिट्टी
भीतर बड़ी महकती
ख़ास छोड़ दूं,
सब प्रपंच सारे
खा लूं फिर से
बरते ढेर सारे
में तो भूला दूँ 
सारी दुनियादारी
गर लौट आये 
बचपन की यारी
वो बरते,
जिसके लिये 
हम थे झगड़ते
अब नही रहे,
सो वर्ष हुए पूरे
मोबाइल युग मे
बच्चों के हाथों मे
न है,बरता स्लेटी
छोड़ दे,व्यर्थ हेकड़ी
उन्हें दे बरता स्लेटी
जिसमें बचपन की
वो चिड़िया चहकती
तोड़े मोबाइल बैटरी
ताकि बच्चे न पाये
रेडिशन हवा बहती
ओर पाये स्वस्थ रेती
वो बरता स्लेटी
बालपन की सेठी
उसमें मासूमियत
फूल से ज्यादा रहती
विज्ञान कहता है
बरते से पथरी होती
पर बचपन कहता है
इससे बीमारी न होती
तन से ज्यादा
मन के बढ़े,रोगी
बरते तो बरते है
ये हर व्याधि छेदी
जो काम करे,भले
वो खाते,स्लेटी बरते
स्लेटी बरते खाने से
मिटे तम घने से घने
खाते रहो,बरते स्लेटी
आंसू खाएंगे गुलेटी
हंसी की आयेगी,पेटी
यह है,बचपने की खेती

दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" #बरता स्लेटी

#friends

माखन GAMING

BLACK कलर #लव

read more

Er. Nishant Saxena "Aahaan"

पिंक कलर #Comedy

read more

Suresh prajapat official

कलर ful #विचार

read more

Lata Sharma सखी

रंगों भरी दुनिया का बस एक रंग हो तुम,
चाहो तो दुनिया अपने रंग में रंग दो,
या दुनिया के रंग रंग जाओ.. 

है मुहब्बत इसका अलहदा रंग,
या मुहब्बत कर लो किसी से
या मेरे इश्क़ में पड़ जाओ.. 

हूँ मैं रंग ए वफ़ा गहरा चढ़ती हूँ,
या मुझे खुद में घोल लो,
या मुझे सुनो तुम घुल जाओ..

©Lata Sharma सखी #कलर #वर्ल्ड

Somendra Vyas

##ब्लैक कलर##

read more

Satarkalar Satarkalar

सतार भाई कलर #सस्पेंस

read more

S Sk

सोकत खान कलर

read more
अरे मेरी जा न 
धोखा तो मेने
दिया फिर भी
मुझे तरसती है सोकत खान कलर
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile