Find the Latest Status about सिम from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सिम.
Mehfuza
White कुछ अफ़्साने आंखों में सिमट जाते हैं, कुछ अफ़्साने पन्नों में सिमट जाते हैं। ©Mehfuza #City कुछ अफ़्साने आंखों में सिमट जाते हैं, कुछ अफ़्साने पन्नों में सिमट जाते हैं।
Internet Jockey
उस भक्त की भी करते हैं लोग पूजा नहीं सिमरा जिसने नाम कभी दूजा ©Internet Jockey #hanumanjayanti उस भक्त की भी करते हैं पूजा नहीं सिमरा जिसने नाम कभी दूजा हनुमान hanuman Jayanti quotes in hindi
Rajkumar Siwachiya
White तेरे बिन साजना सिमट जागी हाए तन्हाई गैल लिपट जागी फेर उभरू गी ना उम्र भर इसी दुखा मय छिमट जागी ✨🥺✨👩❤️👨🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️♠️ ©Rajkumar Siwachiya तेरे बिना म सिमट जागी हाए तन्हाई गैल लिपट जागी फेर उभरू गी ना उम्र भर इसी दुखा मय छिमट जागी ✨🥺✨👩❤️👨🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️♠️ #Romanti
Rakesh Kumar Sah
Anuradha T Gautam 6280
alfaaz_or_ishq
RV Chittrangad Mishra
अमरगढ़ की अमर गाथा चित्रांगद की कलम से खून से लतपथ ये है इतिहास अपने अमरगढ का, जिनको वर्णित करने में हर शब्द मेरे रो दिये है | है नमन उन वीरों को जो खून से सींचे अमरगढ़, और अमरगढ को अमर करने में खुद को खो दिये है | सन अट्ठारह सौ अट्ठावन तारीख अट्ठारह नवंबर, की बताने जा रहा हूं आंसू में डूबी कहानी | अंग्रेजों और देश के दीवानों का वो युद्ध भीषण, वीरों के लहू के रंग मे थी रंगी राप्ती की पानी | क्रूर अंग्रेजों ने जब बर्बरता से कहर ढाई, खौल उठा खून वीरों के हृदय का हिंदुस्तानी | बांध माथे पर कफन सेना फिर बल्लाराव जी की, बढ़ चली आगे छुड़ाने गोरों से अपनी गुलामी | जान का परवाह ना कर लड़ रहे थे वीर सैनिक, अंग्रेजों की गोलियों से आज इनका सामना था | हम जिएं या ना जिएं परवाह ना इस बात की थी, देश हो आजाद हर इक जुबां पर ये कामना था | देखना मुमकिन ही नही सोंचना भी जिसको मुश्किल, ऐसे हादसों सबने सीने से लगा लिया | हाथ को भी हाथ ना दिखाई दे वो अंधियारा, ऐसे में हाथों ने हथियारों को उठा लिया | घाट उतारा मौत के ग्रैफोर्ड कमाण्डर को वीरों ने, कब्र इसकी अमरगढ में आज भी इसकी निशां है | कर्नल कॉक्स और रोक्राफ्ट फिर सेना लेकर घेर लिया, सैनिकों को गोरों की बढ़ा गोलियों से सामना है | लड़ते लड़ते सैनिकों की सांस अब रूकने लगी थी, हाय रे क्या दृश्य होगा हो गया पतझड़ अमरगढ | देश के अस्सी दिवाने जान का बलिदान देकर, अमरगढ़ के नाम पर वो कर दिये खुद को समर्पण | जो बचे थे वीर कूदे जां बचाने राप्ती में, देख उनके काले बालों को गोरों ने मारी गोली | दे दिया वीरों ने अंतिम सांस भी इस अमरगढ को, देश की आजादी खातिर खून से खेले थे होली | है नमन उन मांओ को जिन आंचल में ना लाल लौटा, रह गया आंचल सिमट उस आंचल को शतशत नमन है | है नमन उस प्रेयसी को अपना जो सिंदूर खोई, ऐसी सूनी मांग को भी मेरा ये शतशत नमन है | नमन है उन बहन बेटियो को कि जिसने प्यार खोई, ऐसी राखी और लोरी रहित जीवन को नमन है | है नमन उनको कि जिनसे शौर्य है इस अमरगढ का, और अमरगढ को अमर करने में खुद को खो दिये है | है नमन उन वीरों को जो खून से सींचे अमरगढ़ और अमरगढ को अमर करने में खुद को खो दिये है | ©RV Chittrangad Mishra अमरगढ़ की अमर गाथा चित्रांगद की कलम से खून से लतपथ
||स्वयं लेखन||
अनजाना सा एक दर्द सिमटा है मुझमें जिससे मेरी रूह को रिहाई नहीं मिल रही, मिट जाए जिससे ये गम मेरा वो खुशियों की दवाई नहीं मिल रही। ©Gunjan Rajput अनजाना सा एक दर्द सिमटा है मुझमें जिससे मेरी रूह को रिहाई नहीं मिल रही, मिट जाए जिससे ये गम मेरा वो खुशियों की दवाई नहीं मिल रही। #berang