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काव्यांकुर तो_मयुर सं. लवटे
White *एक वॅलेनटाईन असा...* तिचा तो गुलाब नको मला तिचा होकार सुद्धा नको मला, एकटाच सुखी आहे आयुष्यात. तिच्या खोट्या प्रेमाची भीक नको मला... तिचा चॉकलेट - रुपी मोह नको मला तिच्या स्वार्थी प्रशंसा सुद्धा नको मला, स्वतःच विकत घेऊ शकतो सगळंच. तिचे बिनकामाचे ते बाहुले नको मला... तिचे आणा - भाका देणे नको मला तिचे साथ देणे सुद्धा नको मला, मी मलाच साथ देईन सदैव. तिच्या ओठांचा स्पर्श नको मला... तिच्या सोबतीची मिठी नको मला तिच्या संगतीचा सहवास सुद्धा नको मला, स्वतःच स्वतःच्या कुशीत झोप घेईन. तिची प्रेम स्वप्ने नको मला... तिची आठवण परत नको मला तिची मनात साठवण सुद्धा नको मला, एकटाच माझं आयुष्य पणाला नेईन. तिचा अर्ध्यावरचा साथ नको मला... काव्यांकुर तो _मयुर सं. लवटे आर्वी वर्धा, महाराष्ट्र मो. नं.:- 7028426669 ©मयुर लवटे #Sad_Status मराठी कविता संग्रह मराठी कविता प्रेम मराठी कविता मराठी कविता प्रेमाच्या
#Sad_Status मराठी कविता संग्रह मराठी कविता प्रेम मराठी कविता मराठी कविता प्रेमाच्या
read moreMohan Sardarshahari
आ रहे नव पल्लव जा रही है खिजां युवाओं के मिलन में बिक रहे हैं पिज्जा ।। रोज डे पर गर्व से तोड़ा एक ग़ुलाब अदब से थमा दिया करीब से देख शबाब। प्रपोज डे के दिन घंटों किया रियाज बोलना था मेरी होज्या पर आड़े आया रिवाज। चोकलेट डे बटोरा थोड़ा सा होंसला थोड़ा हाथ फिसला मौका हाथ से निकला। टेडी डे आते-आते बदली उसकी चाल एक भालू साथ दिखा मेरे लिए बचा मलाल। प्रोमिस डे पर बस खुद से किया वादा भारत में काम का नहीं हरगिज़ यह सौदा। आ रहे नव पल्लव जा रही खिजां युवाओं के साथ मिल बजावां होली का बाजा।। ©Mohan Sardarshahari होली का बाजा
होली का बाजा
read morePrakash writer05
White मेरी बहन सब की बहन है मगर सामने वाले की बहन क्या माल है यार यार तेरी यह सोच भी क्या कमाल है यार? पीछे वाली गली में रहने वाली लड़की के देखो घुंघराले बाल हैं यार लेकिन शायद तू यह नहीं जानता कि उसके लिए भी तेरी बहन के मस्त गुलाबी गाल हैं यार चल यार चल रहे नुक्कड़ वाली दुकान पर वहां ठेले पर तो एक से बढ़कर एक आइटम आते हैं मगर हम भूल जाते हैं कि हमारी बहन भी उसी ठेले वाले के यहां किसी के लिए मस्त आइटम बन जाती है यही हकीकत है आज की यही सच्चाई है समाज की तेरी बहन को किसी ने माल कहा तो हो जाएगा बवाल यार लेकिन नुक्कड़ वाली माल है यह तो मचाया तुमने ही धमाल है यार तेरी यह सोच क्या है?? यह सोच ही तो कमाल है यार तेरी बहन को जब यह पता लगेगा तब तुमने सोचा है कि तू उसकी नजरों में क्या रह जाएगा झूठ फरेबी कितनी चालें चलता है ना जाने किस किस की बहनों को तू छलता है मगर अफसोस है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन तेरी खुद की बहन भी छली जाएगी उसके दर्द की दास्तान भी तेरे खुद के सिर पर ही मढ़ी जाएगी खुद की बहन को बचाना है तो सोच में परिवर्तन लाना है अगर सामने वाले की बहन तेरी बहन होगी तभी गली नुक्कड़ में तेरी बहन किसी की बहन होगी खुद को बदलो सोच को बदलो नजर को बदलो नजरिए को बदलो नजारा तो खुद ही बदल जाएगा फिर कोई किसी की बहन को माल नहीं कह पाएगा किसी की बहन तेरे लिए क्या माल है यार? वाह तेरी यह सोच भी क्या कमाल है यार! ©Prakash writer05 मोटिवेशनल कविता इन हिंदी प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर
मोटिवेशनल कविता इन हिंदी प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर
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White दहलीज़ पर कविता" बहुत पछताए ,घर की लांघ के "दहलीज़"हम लड़कपन में, बड़ा भरोसा था जिनके वादे पे, मौसम की तरह रंग बदल गए कुछ दिन में। अनुजकुमार हेयय क्षत्रिय © # दहलीज़ पर कविता"
# दहलीज़ पर कविता"
read moreManojkumar Srivastava
हास्य-व्यंग्य ©Manojkumar Srivastava #हास्य और व्यंग्य# हिंदी चुटकुले
#हास्य और व्यंग्य# हिंदी चुटकुले
read moreवरुण तिवारी
सर्द रातों की हवाओं ने सताया इस तरह। मैं ठिठुरता रह गया बिस्तर कंटीले हो गए॥ बर्फ से कुछ बात करती चल रही थी ये हवाएं, फिर अचानक सायं से कम्बल के अंदर आ गई। पांव को कितना सिकोड़ूं पांव बाहर ही रहा, अवसर मिला ये फेफड़ों से जाने' कब टकरा गई॥ खाँसियां रुकती नहीं सब अंग ढीले हो गए। कपकपाती ठंड में फैशन हमारा था चरम पर कान के दरवाजों से ये वायु घुसती ही गई। सनसनाती घुस चुकी थी कुछ हवाएं इस बदन में मेरे तन की हड्डियां हर पल अकड़ती ही गई॥ पूस की इस रात सब मंजर रंगीले हो गए। कर्ण में धारण किए श्रुति यंत्र को घर की तरफ, ठंड से छुपते छुपाते गीत सुनते जा रहे थे। पेट में मेरे अचानक दर्द ने आहट दिया, साथ ही संगीत सारे सुर में सहसा बज उठे थे॥ अंततः चुपके से' अंतर्वस्त्र पीले हो गए॥ ©वरुण तिवारी #snow हास्य रचना
#snow हास्य रचना
read moreNarendra Vyawhare
लहानपणी शाळेत जायचो तेव्हा विद्धेची देवता म्हणून 'देवी सरस्वती' ची ओळख झाली, पण जेव्हा पुस्तकं वाचली तेव्हा कळालं की हिच पुस्तक वाचता यावी म्हणून स्त्री समाजाला स्वतंत्र जगता यावं आणि गोरगरिबांची लेकर सुशिक्षित व्हावी यासाठी सावित्री ज्योतीनी पुढाकार घेऊन आम्हला स्वतःच्या पायावर उभ केल.ना की कुण्या देवी -देवतांनी. ©Narendra Vyawhare महिला दिन मराठी कविता मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी
महिला दिन मराठी कविता मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी
read moreAnisha Kiratkarve
White आज पुन्हा एकदा वाटते कुठेतरी चुकतेय, चांदण्या शोधता शोधता चंद्रा पासून मुकतेय...... आज पुन्हा एकदा वाटते ,तिथेच जावे नव्याने जिथे सोडून आले स्वतः ला,मन काही ऐकत नाही किती समजवाव मनाला.... आज पुन्हा एकदा वाटते कोणासाठी तरी मी खास आहे... मन माझ ऐकत नाही ही फक्त खोटी आस आहे... आज पुन्हा एकदा वाटते,विसरून जावे स्वतः ला, ठेच लागली जिथं ,देव मानावं त्या दगडाला.... ©Anisha Kiratkarve #Couple छोटी कविता मराठी मराठी कविता प्रेम मराठी कविता मराठी कविता मैत्री
#Couple छोटी कविता मराठी मराठी कविता प्रेम मराठी कविता मराठी कविता मैत्री
read moreAnisha Kiratkarve
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset आज असा कसा खेळ रंगला माझा माझ्याच मनावर्ती, उगाच भांडते उगाच रुसते, नेमक बोलू कोणावरती... खूप काही आहे बोलण्यासारखे ,पण बोलावेसे वाटत नाही, कठीण होत आहे जगणे,जगता मला येतच नाही..... आज पुन्हा वाटते तीच भीती पुन्हा आवडतोय एकांत प्रेम कसे हे वाढत जाते काय कळेना दोघांत.... ©Anisha Kiratkarve #SunSet मराठी कविता संग्रह मराठी कविता कविता मराठी मैत्री मराठी कविता प्रेमाच्या मराठी कविता संग्रह
#SunSet मराठी कविता संग्रह मराठी कविता कविता मराठी मैत्री मराठी कविता प्रेमाच्या मराठी कविता संग्रह
read moreVilas Bhoir
green-leaves बंदिस्त या खोक्यामध्ये तु दिलेली आठवण अजुनही जपून ठेवली आहे... ©Vilas Bhoir #GreenLeaves मराठी हास्य विनोदी कविता राजकीय टोलेबाजी
#GreenLeaves मराठी हास्य विनोदी कविता राजकीय टोलेबाजी
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