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Stories related to कितनों को बर्बाद करोगी

Tripurari Pandey

#Newyear2025 सभी को

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New Year 2025 नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐🙏🙏✍️

©Tripurari Pandey #Newyear2025 सभी को

Himanshu Prajapati

#love_shayari साल का‌ साल‌ बदल गया मै खुद इतने साल का‌ हो गया, तुम्हें पड़ी है अभी भी इस नये साल की, साला ये साल ने कितनों को हर‌ साल‌ बदल

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White साल का‌ साल‌ बदल गया 
मै खुद इतने साल का‌ हो गया,
तुम्हें पड़ी है अभी भी इस नये साल की,
साला ये साल ने कितनों को 
हर‌ साल‌ बदल दिया..!

©Himanshu Prajapati #love_shayari साल का‌ साल‌ बदल गया 
मै खुद इतने साल का‌ हो गया,
तुम्हें पड़ी है अभी भी इस नये साल की,
साला ये साल ने कितनों को 
हर‌ साल‌ बदल

F M POETRY

#थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने...

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Unsplash थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने..

आती है मुसलसल तुम्हारे हाथ कि खुश्बू..



यूसुफ़ आर खान....

©F M POETRY #थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने...

Baljeet Singh

अपने आप को बदलो अपने आप को पहचानो

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CalmKrishna

ख्याल! #बर्बाद #किसके_लिए hindi shayari love shayari zindagi sad shayari sad shayari

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White ________&&

©CalmKrishna ख्याल!

#बर्बाद #किसके_लिए 
 
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हिमांशु Kulshreshtha

मेरे दर्द को..

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White मेरे दर्द को पढ़ने की
कोशिश करते हैं लोग
अख़बार की ख़बर नहीं
किताबों की बात करते हैं लोग

©हिमांशु Kulshreshtha मेरे दर्द को..

theABHAYSINGH_BIPIN

मन मेरा अशांत क्यों है भला, आख़िर क्यों है ज़ुबां सिली? कुछ बोलकर भी चुप हूँ मैं, अधरों पर क्यों सवाल खड़ा? नयन रूखे से लगते हैं अब, लबों प

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White मन मेरा अशांत क्यों है भला,
आख़िर क्यों है ज़ुबां सिली?
कुछ बोलकर भी चुप हूँ मैं,
अधरों पर क्यों सवाल खड़ा?

नयन रूखे से लगते हैं अब,
लबों पर क्यों नहीं मुस्कान भला?
एक शोर उठता है, रह-रह कर जो,
आख़िर खुद में ही क्यों दबा?

ढूंढता हूँ, फिर भागता हूँ,
सवालों का कभी जवाब नहीं मिला।
गिरता हूँ, उठता हूँ और फिर चलता हूँ,
मन में लिए कितने सवाल चला।

कितनों से बात की मैंने,
कितनों को बेहतर सलाह दी।
मिला दे मुझे खुद से या रब से,
एक मकसद को डर में फिरा।

सुना, गुनाह रब माफ़ करते,
मंदिर मस्ज़िद को निकला।
माफ़ कर सकूँ पहले खुद को,
खुद से मैं अब तक खुद नहीं मिला।

©theABHAYSINGH_BIPIN मन मेरा अशांत क्यों है भला,
आख़िर क्यों है ज़ुबां सिली?
कुछ बोलकर भी चुप हूँ मैं,
अधरों पर क्यों सवाल खड़ा?

नयन रूखे से लगते हैं अब,
लबों प

Er.Santosh Sinha

कभी अगर हम बिछड़ गए तो मुझको याद करोगी क्या ..? #nojohindi Poetry हिंदी कविता

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Ashvani Kumar

तुम्हारे एकांत को

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©Ashvani Kumar तुम्हारे एकांत को

Bachan Manikpuri

विचारों को बदले

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