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azad satyam
कर देता हूं नज़र अंदाज़ उनको जिनके नज़र मिलाने का अंदाज़ बदल जाता है सम्भल जाता हूं वक्त पर जिनका हर एक मिजाज बदल जाता है आज़ाद हूं लेकिन मायने समझता हूं, तभी तो दूरी न हो कभी दिलो के बीच इसलिए अंदर से मचल जाता हूं पर हां वक्त पर सम्भल जाता हूं 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa ©azad satyam कर देता हूं नज़र अंदाज़ उनको जिनके नज़र मिलाने का अंदाज़ बदल जाता है सम्भल जाता हूं वक्त पर जिनका हर एक मिजाज बदल जाता है आज़ाद हूं लेकिन मा
कर देता हूं नज़र अंदाज़ उनको जिनके नज़र मिलाने का अंदाज़ बदल जाता है सम्भल जाता हूं वक्त पर जिनका हर एक मिजाज बदल जाता है आज़ाद हूं लेकिन मा
read moreazad satyam
चलो मैं भी बदल जाता हूं, अपने हिसाब से अब मैं भी ढल जाता हूं, बदल गए है सब मेरे अपने, जिनके संग देखे थे जीने के सपने, कोई मस्त है तो कोई व्यस्त है, याद भी कोई करता तो जब वो त्रस्त है, दूसरों को सहारा देता हूं और मैं भी संभल जाता हूं, चलो अब मैं भी बदल जाता हूं...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa ©azad satyam चलो मैं भी बदल जाता हूं, अपने हिसाब से अब मैं भी ढल जाता हूं, बदल गए है सब मेरे अपने, जिनके संग देखे थे जीने के सपने, कोई मस्त है तो कोई व्य
चलो मैं भी बदल जाता हूं, अपने हिसाब से अब मैं भी ढल जाता हूं, बदल गए है सब मेरे अपने, जिनके संग देखे थे जीने के सपने, कोई मस्त है तो कोई व्य
read moreAshok Verma "Hamdard"
White अभी मिट्टी से जुदा हुआ नहीं हूँ, थका हूँ पर कहीं रुका नहीं हूँ। गिराया वक्त ने, संभलता गया मैं, हारा जरूर हूँ, मगर झुका नहीं हूँ। तेरी राहों का राही बनूं कैसे, मैं कारवां हूँ, मगर रास्ता नहीं हूँ। बिखरने की सज़ा वक्त ने दी है, मगर ख़ुद में मैं अब तक मिटा नहीं हूँ। पिता का अक्स हूँ, पहचान यही है, पर अब तक खुद को तराशा नहीं हूँ। मंजिल मेरी भी होगी एक दिन, सफ़र में हूँ, पर अभी ठहरा नहीं हूँ। भूखा हूँ पर गैर का लूटूं ये मुमकिन नहीं, मैं मेहनत का हूँ, सौदा सस्ता नहीं हूँ। तुम संग हूँ, पर दिल से दूर हूँ शायद, खुद का भी हूँ, तेरा भी पूरा नहीं हूँ। अशोक वर्मा "हमदर्द " ©Ashok Verma "Hamdard" मिट्टी से जुड़ा हुआ हूं मैं
मिट्टी से जुड़ा हुआ हूं मैं
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White अक्सर हम जैसा चाहते है वैसा होता नही है आँखों के आगे बिखरती हुई उम्मीदें टूटते हुए ख्वाब अक्सर तन्हाइयों में आँखों ओर सीने में बेपनाह चुभते है, कैसे कह पायेंगे, उसे... महसूस करने के लिए क्योंकि चुभन तो महसूस मैंने की ख्वाब मेरे टूटे, दर्द मुझे हुआ साँसे मेरी बोझिल हुई ©हिमांशु Kulshreshtha अक्सर
अक्सर
read moreParasram Arora
White ये देह तो एक मुट्ठी धूल से बना हुआ खिलौना हैँ इस खिलोने से. थोड़ी देर खेल लेना क्योंकि टूटने का खतरा मंडरा. रहा हैँ सिर पर ©Parasram Arora खिलौना मिट्टी का
खिलौना मिट्टी का
read morearbin mutum
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset kridagi hwrkhibno nungcba ©arbin mutum #lyrics
theABHAYSINGH_BIPIN
Unsplash हा, मैं यूंहीं नहीं हूं ख्यालों में उसके, कभी-कभी खुद से भी मैं बातें करता हूं। सोचता हूं अक्सर, प्यार से भरी बातें उसकी, अक्सर सोचकर, उसे मैं मुस्कुराता हूं। बावली है थोड़ी, और चंचल सी यादें हैं उसकी, कभी-कभी दिन के ख्वाबों में मैं खो जाता हूं। मनमुग्ध सी मुस्कुराहट है होठों पर उसके, मैं अक्सर गहरी काली आंखों में डूब जाता हूं। होठों के तिल, खूबसूरती में चांद लगाते हैं उसके, देखकर अक्सर उसे, खुशी से झूम सा जाता हूं। खूबसूरत और प्यारे एहसासों से भरी है वो, मैं उसकी गहरी बातों में अक्सर खो जाता हूं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #lovelife #Ga #Hain #sayari #ishq #Love हा, मैं यूंहीं नहीं हूं ख्यालों में उसके, कभी-कभी खुद से भी मैं बातें करता हूं। सोचता हूं अक्सर, प