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Sandip rohilla
White अब इन खाली सड़कों पर सबकुछ खाली सा लगता है। ना ईद ईद सी लगती है ना ये त्यौहार दिवाली सा लगता है। और टूट रहा हूं जब से खुद में सबकुछ जाली सा लगता है। अब इन खाली सड़कों पर सबकुछ खाली सा लगता है। मुस्कुराहटें लापता है मेरी हँसी का खोज नहीं है। ग़म की वर्षा रोज होती हैं बाकि कुछ भी रोज नहीं है। अंधकार सा है जीवन में रोशनी का भी खोज नहीं है। मुस्कुराहटें लापता है मेरी हँसी का खोज नहीं है। ग़म की वर्षा रोज होती हैं बाकि कुछ भी रोज नहीं है। अब तो मुझको इस बाग का खोया माली सा लगता है। अब इन खाली सड़कों पर सबकुछ खाली सा लगता है। ना ईद ईद सी लगती है ना ये त्यौहार दिवाली सा लगता है। और टूट रहा हूं जब से खुद में सबकुछ जाली सा लगता है। अब इन खाली सड़कों पर सबकुछ खाली सा लगता है। ©Sandip rohilla #sad_quotes Krisswrites Shilpa Yadav Riti sonkar Sircastic Saurabh #शून्य राणा
#sad_quotes Krisswrites Shilpa Yadav Riti sonkar Sircastic Saurabh #शून्य राणा
read moreNeeraj Neel
Unsplash खुशियां तकिया के सिरहाने होंगी , आशीर्वाद के ईटों से सजी दीवारें होंगी खिड़कियों में धूप सजती होगी, घर में बुजुर्गों की दुआ बस्ती होगी। अब दूर कहीं नहीं चलना होगा , एक सिर पर छत अपना होगा। हम खुशियां सारी बटोर लाएगे, हम घर में अपने सपने सजाएंगे। हम घर में रोज दीप जलाएंगे , घर आंगन में चांद तारे उतार लाएगे। अब चेहरे में एक आराम होगा , मेरे घर के दरवाजे में अब अपना नाम होगा। हा अपना नाम होगा। ✍️ नीरज नील ©Neeraj Neel poem
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read morekavi Abhishek Pathak
रात भर एक चाँद का साया रहा, दिल में कोई खामोश उजाला रहा। तारों ने कहानियाँ बुन दी कई, पर मेरी आँखों में बस वो ही चेहरा रहा। चुपके से हवाओं ने कुछ कहा, जैसे कोई राज़ धीरे से बयां किया। दिल की किताब में एक पन्ना खुला, और उसमें तेरा नाम ही लिखा रहा। ©kavi Abhishek Pathak #poem
diya the poetter
White नई सुबह एक नई सुबह एक नया एहसाह करा देती है जीवन के पथ पर चलने की राह दिखाती है सूर्य सिर पे चढ़ता है । मानव नित नए आयाम रचता है महकती फूलों की क्यारियों में तितलियां बैठती है भंवरे गीत सुनाते है। नई सुबह नए गीत गुनगुनाती है। मां की रसोई महकती है दादी के भजन से घर उमंग में डूबा जाता है नन्हे नन्हे भाई बहन आंगन में भागे जाते है घर उजाले में डूब जाता है नई रोशनी हमे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है नई सुबह एक नया एहसाह करा देती हैं। दिया आर्या (दक्षिता) ©diya the poetter #poem
swary dhungel
निम्तो थोरै न्यानो माया धेरै आशीर्वादको खाचो छ मलाई मेरो नयाँ जीवनको शोभायात्राको निम्ति हजुरहरुको उपस्तितिको चाहना छ मलाई हजारौं रंगीन स्वप्ना कोर्न जाँदैछु नयाँ शहर मनमा उर्लिएका हजारौं रहरलाई दिनुछ अब एउटा मिठो ठहर दुई कथाको एक हुने महाउत्सव हुदैछ आउनुहोस् है हजुरहरू मेरो र उनको मिलन हुँदैछ ©swary dhungel poem
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read moreHINDI SAHITYA SAGAR
जीने की इक वजह मेरी तू ही तो था। तेरा ठुकरा के जाना यूँ तड़पा गया, नाम से जिसके मैं जी रही अब तलक, नाम उसके मर जाना मुझे आ गया। -✍️शैलेन्द्र राजपूत ©HINDI SAHITYA SAGAR poem
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जीने की इक वजह मेरी तू ही तो था। तेरा ठुकरा के जाना यूँ तड़पा गया, नाम से जिसके मैं जी रही अब तलक, नाम उसके मर जाना मुझे आ गया। -✍️शैलेन्द्र राजपूत ©HINDI SAHITYA SAGAR poem
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