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shayar_dillwala
ना असर किसी गम का है नाही असर इस ठंड का है। ठिठुर ते हुए हमें देखना चाहते हो तो ये तुम्हारी गलती है। मजबूत रहेंगे मरते दम तक। दम भी जब निकल जाए जो बेजान भी हम दमदार ही रहेंगे। ना असर किसी गम का है नाही असर इस ठंड का है। ठिठुर ते हुए हमें देखना चाहते हो तो ये तुम्हारी गलती है। मजबूत रहेंगे मरते दम तक। दम भी जब निकल
Naksh Saini
lalitha sai
Trust, respect, listen, love. जीवन में एक दूसरे को समझ ने के लिए.. झुकना अवश्य है.. मगर इसको झुकना नहीं.. एक दूसरे के प्रति.. प्रेम भाव कहते है..❤️ जहां अहंकार का बात आता
Harshita Dawar
Written by Harshita Dawar ✍️✍️ #Jazzbaat# वादा वादा लेने का सोचा आज। वादा केसे लू जब रिश्ता से अनजान है। वादा कसे लू जब तारूफ कराने की हिम्मत नहीं। वादा करके टूट ते हुए देखे है दिल फेक रिश्ते। वादा करते देखे है दिल से टूट ते हुए दिलो के हिस्से। वादा करते देखे है दिल से जुड़े बेजुबान रिश्ते। वादा करते देखे है दिलो से मजबूर हुए रिश्ते। वादा करते देखे है दिलो में कुछ और छिपाए कुछ और दिखाते रिश्ते। वादा ये वादा। वादा कसे लू ।।।कसे लू ये वादा। वादा किया था साथ चलने का। वादा किया आज हाथो में हाथ थामने का। वादा दिया साथ निभाने का। वादा की वआ आजमाने का। वादा दिल के जज्जबा तो का। वादा जन्मों का।प्यार का। वादा वादा वादा बस कर दिया। और कुछ ले लिया ये वादा। #वादे #यादें #yqdidi #yqbaba #yqhindi Written by Harshita Dawar ✍️✍️ #Jazzbaat# वादा वादा लेने का सोचा आज। वादा केसे लू जब रिश्ता से अनजा
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat ढाक ढाक कर चलती रही। अपने ज़ख्मों को। बस समुंदर की ख़ामोश लहरों। के किनारे अपने कदमों के निशानों। को लहरों से मिट्टी में मिल ते देखती रही। अपने वजूंद को मिट्टी में मिल ते हुए देखती रही। अपनी परछाई के पीछे दौड़ती मुड़कर देखती। छूने की कोशिश करती पर पर गायब हो जाती। फिर पलटती पिघल ती।बरसती।तड़पती। ख़ून के अश्रु को समाना चाहती ।पर समुंद्र में जाकर। समुंद्र को और भी नमकीन कर देती। उन तारों को गिनते गिनते आकर्षक आकार बनाती। चांद को निहारती।बातें करती। कभी खुद को।कभी खारे पानी को इल्ज़ाम दे देती। चांद की रोशनी में खुद को छानकर । रेत में मिलाती रही। खुद को तरसती रही। कभी दुत्तकारतीं।कभी तराशती रही। कभी तलाशती रही। पहचाने जाने पर।फिर ज़ख्मों को ओढ़नी से छिपाती रही। अब ख़ुद को पहचानें जाने वालों से दूर जाने लगी थी। पहचान ख़ुद की बनानी थी। समुद्र में साहिंल क़ हासिंल करना था। #cinemagraph #thoughts #hurt #women #author #yqdidi #yqbaba Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat ढाक ढाक कर चलती रही। अपने ज़ख्मों को। बस स