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Dr Upama Singh
ए! बारिश जरा जम के बरस खुशहाली आई है वर्षा ऋतु आई है आया है सावन भादो उमंग नया जीवन भर आई पेड़ पौधों में सुखी धरती देखो अब मुस्कुराई है चारों तरफ़ हरियाली आई है पंछियों की चचाहट मेढ़कों की टर टर खेत खलियानों ताल तलैया सारे में पानी भर जाए पेड़ो में डालो झूले गांव री सखी कजरी गीत आज प्यार की बारिश में भींगेंगे मन मीत संग। आज के #rapidfire में बारिश पर कविता लिखें। 😊 इस सुंदर पोस्ट को हाईलाईट कर, शेयर ज़रूर करें!😍 #rzबारिशकविता #restzone #yqrestzone #yqdidi #
Soulmate (Yuhee)
बूँदें आसमां से जो आ गिरे धरा पर ज़माने की तपिश धुलने लगी यूँही तेरी खामोशियां हैं आसपास गरज़तीं हैं धड़कने कुछ ख़ास आज के #rapidfire में बारिश पर कविता लिखें। 😊 इस सुंदर पोस्ट को हाईलाईट कर, शेयर ज़रूर करें!😍 #rzबारिशकविता #restzone #yqrestzone #yqdidi #
Nitin Beboria
#बारिश का मौसम बरस रहा है फिरसे लगता है आज फिर वो उदास है ना जाने क्यों नहीं समझ पाते वो हमे याद करे, हम उनके साथ है ये बारिश का मौसम, ये भी बढ़ा अजीब है अगर साथ हो यार तो बढ़ा हसीन है और साथ ना हो यार तो हाल उस मोर के जैसा जो नाचना तो चाहता है बरसात में पर पंख लेगया है वो शिकारी और अब वो बैठा बेवस है #बारिश #कविता #शायरी
Maroof alam
बचपन और बारिश कविता देखो चमकी दामिनी चम -चम परिंदों के पंख भी चमके चमकीले पवन ले आयी झोंका आंधी का झूम रहे सरसों के फूल पीले धीमे धीमे गिरीं जो बूंदें मन बर्षा संग लहराया देखो हरियाली का नजारा बच्चों के मन को भाया बाग बगीचे पवन संग देखो कैसे झूम रहे हैं एक गुट बनाकर बच्चे देखो कैसे बर्षा मे भीग रहे हैं बच्चों अपने वस्त्र तो देखो हो गये सारे गीले सारे गलियारों मे बस्ती के बर्षा का पानी भरा हुआ है बच्चे छम छम करते दौड़ रहे हैं कागज की नाव बनाकर देखो पानी में छोड़ रहे हैं बच्चों के ये दिन भी हैं,कितने रंगीले मारुफ आलम बचपन और बारिश/कविता
Rakesh Singh Sidar
बारिश बारिश ! किसी वक्त तबाही का मंजर ले के आती है तो किसी वक्त फसलों के मरते बालियों में जान डाल देती है बारिश में सब बह जाती है . . . . आँसू भी ! और कभी आँखे सुख जाती हैं . . . . बूंदों भर के लिए । ©Rakesh Singh Sidar #Nojoto #Hopeless #कविता #बारिश
Aanart Jha
आज बहुत बारिश हुई मन फिर मचला है जमीन का सीना चीर कर एक अंकुरित फिर फूटा है वो बचपन की नादानी वो घर के सामने से बहता पानी सब याद आया है वो तंग गलियां वो कच्चे मकान वो घरों में बनते बारिश के पकवान घरों की छतों से बहता पानी वो दादी वो नानी की कहानी #बारिश #वक्त #बचपन #कविता