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theABHAYSINGH_BIPIN
White टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो पुरानी कितनी प्यारी थी, जहां हफ्तों रुकता था हर मेहमान। भाईचारे की भावना एक हस्ती थी, अब भाई को नहीं मिलता सम्मान। अब किराए का शहर छोड़कर, उसी गांव में फिर से बस रहा इंसान। खो दिया है सबका अपमान कर, अब गैरों में ढूंढता है सम्मान। ये कैसा दौर चला है कलयुग का, देखकर भी कुछ न सीखता है इंसान। मुकर जाता है एक मदद के नाम से, अभय से ना रखता है जान-पहचान। ©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_qoute टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो
#sad_qoute टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो
read moreKrisswrites
मकान मालिक ने सड़क पर फेंक दिया किराएदार का सामान... बल्लभगढ़ जेसीबी चौक, संजय कॉलोनी नजदीक रेलवे पावर हाउस.. #FaridabadNews #Ballabhgarh J
read moreबेजुबान शायर shivkumar
रोज सुबह उठकर आने वाला मेरा ख्वाब हो तुम। कोरे पन्नों पर लिखे हर वो मेरे अल्फाज हो तुम। जिसकी रोज कल्पना करूं अगर वह आज हो तुम। मेरे दिल के हर वो गम-ए-जख्मों का इलाज हो तुम। सदियों से चले आने वाला वो रिति-रिवाज हो तुम उस इश्क के मकान में भरे मेरे इम्तियाज हो तुम। सोच कर तुम्हें ही अपने साथ मे हम भी मुस्कुराते हैं.. पर क्या करें अभी इस चेहरे से यु नाराज हो तुम ।।🪷👀 ©बेजुबान शायर shivkumar रोज सुबह उठकर आने वाला मेरा ख्वाब हो तुम। कोरे पन्नों पर लिखे हर वो मेरे अल्फाज हो तुम। जिसकी रोज कल्पना करूं अगर वह आज हो तुम। मेरे दिल
रोज सुबह उठकर आने वाला मेरा ख्वाब हो तुम। कोरे पन्नों पर लिखे हर वो मेरे अल्फाज हो तुम। जिसकी रोज कल्पना करूं अगर वह आज हो तुम। मेरे दिल
read moreIG @kavi_neetesh
Unsplash हमने जब अपना हक मांगा हमने जब भी अपना हक मांगा तो हैरानी हो गई। बोल पड़े हम घर में भाई फिर खींचातानी हो गई। मुंह फेर लिया अपनों ने रिश्तेदार भी रूठ गए। बड़े जतन से बांध रखा वो प्रेम के मोती टूट गए। घर में दीवारें खिंच गई मकान बिकाऊ हो गया। समझदार थे उनका अब पुत्र कमाऊ हो गया। कैसे बांध सके वो डोरी जलन पड़ी थी पांवों में। तुच्छ स्वार्थ से शूल बिछाए सूनी सी इन राहों में। संभल संभलके चलते फिर भी धोखा मिलता है। पांव से जमी खिसकती कभी फैसला हिलता है। जिसका पलड़ा भारी होता लोग उधर हो जाते हैं। सलाह मशवरे आकर हमको रोज देकर जाते हैं। रिश्तेदारों को भी जाने क्यों ये परेशानी हो गई। हमने जब अपना हक मांगा तो हैरानी हो गई। अपनी मेहनत हक का खाना बेईमानी हो गई। न्याय की खातिर टूट पड़े तो खींचातानी हो गई। ©IG @kavi_neetesh #camping Extraterrestrial life Entrance examination Hinduism Aaj Ka Panchang Kalki हमने जब अपना हक मांगा हमने जब भी अपना हक मांगा तो हैरान
#camping Extraterrestrial life Entrance examination Hinduism Aaj Ka Panchang Kalki हमने जब अपना हक मांगा हमने जब भी अपना हक मांगा तो हैरान
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
स्वलिखित शायरी शीर्षक रिश्तों का शीशमहल विधा शायरीनुमा भाव वास्तविक रिश्तों का शीशमहल कब मकान में बदल गया पता न चला, भावुकता कब ईंट पत
read moreअदनासा-
विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳 https://www.instagram.com/reel/DCl9Pvlt624/?igsh=Nm9yYzJhMjB5emds #हिंदी #उर्दू #शायर #अशफ़ाकहुसैन
read moreShivkumar barman
White कच्चे मकान् तेरे ©Shivkumar barman #कच्चे_मकान #मकान #घर #Nojoto #कविता #हिन्दीकविता #कविता95 #बेजुबानशायर143 #Poetry Kshitija Abhishek Kumar Pandey Sudha Tripathi बेजु
कच्चे_मकान मकान घर कविता हिन्दीकविता कविता95 बेजुबानशायर143 Poetry Kshitija Abhishek Kumar Pandey Sudha Tripathi बेजु
read moreDr. Nishi Ras (Nawabi kudi)
अक़्सर जिन हाथों में, मकान बनाने का हुनर होता है, उनके घर की हर ईट-हर दीवारें, चीख़ कर बंजर अफ़साने ब्यान करती है! ©Dr. Nishi Ras (Nawabi kudi) Upcoming Book #मकान #makan #ghar #hunarbaaz #hunar #दीवारें #Nojoto #Hindi #hindipoetry #hindishayari life quotes sad life quotes in life q
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read moreरघुराम
White बन सकेगा नही मकान, रहेगा कैसे ईन्सान। देख जरा भगवान,नियति का विधान।। किसी को मिला मकान,किसी को कर दिया विरान। व्यथितत हो रहा मन,सह नही रहा है तन।। मिले सबको मकान,बने सबका मकान।। ©रघुराम #Sad_Status मकान
#Sad_Status मकान
read moreनवनीत ठाकुर
White बस्ती हो और मकान न हो। महफिल हो और शराब न हो। तेरे हुस्न की चर्चा रहे हर लम्हा, फिर भी तेरा दीदार न हो। तेरे हुस्न का जादू, जैसे नसीब का खेल, वरना तेरे बिना महफिल भी, सुनसान हो। तू हो पास, तो हर दिल में बहार हो, तू जैसे रेत पर खड़ी, ख्वाबों की दीवार हो। हर ग़ज़ल में जिक्र तेरा, तेरे बिना हर लफ्ज़ बेकार हो। तेरी यादों का नशा, हर लम्हा ताज़गी बक्शे, तेरे बिना कोई जश्न, जैसे बंजर कोई बाग़ हो। तू ही राहत, तू ही सुकून, तेरे बिना अधूरा जैसे हर ख्वाब हो। महफिल हो और शराब न हो, तेरा चर्चा रहे बस तेरा दीदार न हो। ©Navneet Thakur बस्ती हो और कोई मकान न हो#
बस्ती हो और कोई मकान न हो#
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