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khushbu kumari

जबले आसमान मे परिन्दा रही #treanding #viral #Reels #khushbukumari #वीडियो

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Radha Krishna

डोंगरगढ़ पुरी धाम कहां है जबले बिराजे कहां आए कहां #समाज

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JAINESH KUMAR ''ज़ानिब''

#छत्तीसगढ़ी_ग़ज़ल जबले आये हंव मैं तो पिया के बस्ती से, मोर जीवन गुजरत हे मस्ती में ।। #JAINESH_KUMAR love poetry #Emotions #feelings #Dreams #yqquotes

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छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
पिया के बस्ती

जबले आये हंव मैं तो पिया के बस्ती से,
मोर जीवन गुजरत हे मस्ती में ।। 2 ।।

दिल लेके गेंव घायल वो कर दिस, दिल के हर गली ल अपन नाव कर लिस,
मैं तो आये हंव मोहब्बत के बस्ती से, मोर जीवन गुजरत हे मस्ती में ।।

मोर मन के भीतरी म जेकर अदब हे, मोर दोनों जहां म ओखरे अदब हे,
दिल लगाए हंव संगदिल के बस्ती से, मोर जीवन गुजरत हे मस्ती में ।।

जबले चाहे हंव मैंहा बइरी पिया ल, खो दे हंव मैंहा हिया ओखर गली म,
अवांव कईसे बाज मैं दिल के बस्ती से, मोर जीवन गुजरत हे मस्ती में ।।

मुर्दा मोर दिल तैं ज़िंदा कर दे, पल में ये दिल तैं धड़कना सीखा दे,
आये हंव मैं मिलके अईसे हस्ती से, मोर जीवन गुजरत हे मस्ती में ।।

मया के पैग़ाम मोर हर एक ल कहि दे, नई हे मोहब्बत ओला ये कहि दे,
दिल ले आये मोर यार के बस्ती से, मोर जीवन गुजरत हे मस्ती में ।। #छत्तीसगढ़ी_ग़ज़ल
जबले आये हंव मैं तो पिया के बस्ती से,
मोर जीवन गुजरत हे मस्ती में ।।
#jainesh_kumar 
#love 
#poetry 
#emotions 
#feelings

JAINESH KUMAR ''ज़ानिब''

#छत्तीसगढ़ी_गीत #JAINESH_KUMAR कईसे बतावंव तोला रे संगी मैं तोर से मिले बर मोर जीवरा ह कतका तरसत हे जबले गे हस तैंहां मोर ले रिसा के ये बै #Pain #Heart #Broken #onesidedlove #yqaestheticthoughts

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छत्तीसगढ़ी गीत
तरसत हे

कईसे बतावंव तोला रे संगी मैं तोर से मिले बर 
मोर जीवरा ह कतका तरसत हे
जबले गे हस तैंहां मोर ले रिसा के
ये बैरी बादर घलोक नई बरसत हे ।। 2 ।।
कईसे बतावंव तोला रे संगी.........।।

सावन के पानी नैना ले बरसे तन मोर नई भींजे
अगास ले गरज के बिजरी मोर मन ल जराए ।। 2 ।।
मन मंदिर म तैंहां समाये तोर बिन कछु नई भाये हो
जियत हंव मर मर के मैं फेर तैं दरस नई दिखाये वो
कलपत हावंव तोर बैरी फेर तोला तरस नई आये वो
कईसे बतावंव तोला रे संगी.......................।।

पखरा होगे तैंहां रे कईसे मोर पिरित ल भुलाके
जिहंव कईसे मैं सब किरिया कसम बिसराये रे ।। 2 ।।
बिन पानी के मछरी बरोबर देख कईसे तड़पत हों
करू होगे मया हमर अब तो ज़हर बनके रही गेहों रे
नई सहाए अब ये पिरा छोड़ के ये दुनिया जावत हों
कईसे बतावंव तोला रे संगी.....................।।

कईसे बतावंव तोला रे संगी मैं तोर से मिले बर 
मोर जीवरा ह कतका तरसत हे
जबले गे हस तैंहां मोर ले रिसा के
ये बैरी बादर घलोक नई बरसत हे ।। #छत्तीसगढ़ी_गीत 
#jainesh_kumar 
कईसे बतावंव तोला रे संगी मैं तोर से मिले बर 
मोर जीवरा ह कतका तरसत हे
जबले गे हस तैंहां मोर ले रिसा के
ये बै
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