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Kavi Himanshu Pandey

महा मानव #beingoriginal Hindi #Poetry

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कुंठा को सहना जिसे आ गया, बस वही मानव है, 
ज़ख़्मों को पीना जिसे आ गया, वही महा मानव है! 
........ Er. Himanshu Pandey

©Kavi Himanshu Pandey महा मानव #beingoriginal #NojotoHindi #Poetry

काव्यांकुर तो_मयुर सं. लवटे

#Sad_Status मराठी कविता संग्रह मराठी कविता प्रेम मराठी कविता मराठी कविता प्रेमाच्या

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White *एक वॅलेनटाईन असा...*

तिचा तो गुलाब नको मला
तिचा होकार सुद्धा नको मला,
एकटाच सुखी आहे आयुष्यात.
तिच्या खोट्या प्रेमाची भीक नको मला...

तिचा चॉकलेट - रुपी मोह नको मला
तिच्या स्वार्थी प्रशंसा सुद्धा नको मला,
स्वतःच विकत घेऊ शकतो सगळंच.
तिचे बिनकामाचे ते बाहुले नको मला...

तिचे आणा - भाका देणे नको मला
तिचे साथ देणे सुद्धा नको मला,
मी मलाच साथ देईन सदैव.
तिच्या ओठांचा स्पर्श नको मला...

तिच्या सोबतीची मिठी नको मला
तिच्या संगतीचा सहवास सुद्धा नको मला,
स्वतःच स्वतःच्या कुशीत झोप घेईन.
तिची प्रेम स्वप्ने नको मला...

तिची आठवण परत नको मला
तिची मनात साठवण सुद्धा नको मला,
एकटाच माझं आयुष्य पणाला नेईन.
तिचा अर्ध्यावरचा साथ नको मला...

काव्यांकुर तो _मयुर सं. लवटे
आर्वी वर्धा, महाराष्ट्र
मो. नं.:- 7028426669

©मयुर लवटे #Sad_Status  मराठी कविता संग्रह मराठी कविता प्रेम मराठी कविता मराठी कविता प्रेमाच्या

काव्यांकुर तो_मयुर सं. लवटे

#Thinking मराठी कविता संग्रह मराठी कविता मराठी कविता प्रेमाच्या

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White *🥔🍆 आलू-वांग्याची भाजी आणि प्रेम! ❤️*

प्रेम म्हणजे नव्हते कधीच महागडे हॉटेल,
ना गुलाबांच्या फुलांनी सजवलेले टेबल...

प्रेम होतं त्या मायेच्या स्वयंपाकघरातून येणारा सुवास,
ज्याला यायचा आलू-वांग्याच्या भाजीचा दरवळ खास!

ती म्हणायची, "आज काय खायचंय का तुला खास?",
मी म्हणायचो, "काहीही चालेल, तू बनवलेलं असलं की बास!"

ती अलगद हसायची, हळूच गोड लाजायची,
मग स्वयंपाकघरात जेवणासाठी एकटीच गुंतून जायची...

त्या चुल्ह्यावर भाजीसारखं प्रेम तिचं शिजवायची,
त्या फोडणीत माया, ममता तिची मिसळायची...

त्या वांग्यात प्रेमाचा गरम मसाला टाकायचा,
त्या आलू सोबत जगण्याचा गहिवर दाटायचा...

कधी मी नाक मुरडायचो, म्हणायचो "आजही वांगं?",
ती म्हणायची, "प्रेम केलं की आवडीनं रोज खावं!"

मग एक घास तोंडात माझ्या ती भरवायची,
त्या वांग्याच्या चवीतही प्रेम तिचं वाढायची...

आजही आलू-वांग्याची भाजी समोर कधी आली,
तर आठवतात तिच्या सोबतचे ते तिखट-गोड क्षण...

कारण प्रेम फाईव्ह स्टारच्या डिशमध्ये कधीच नसतं,
तर ते घरच्या गरम चपाती आणि त्या साध्या भाजीच्या घासात असतं!

❤️ प्रेम म्हणजे आलू-वान्ग्याची भाजी चं नातं,
साधं, पण आयुष्यभर सोबत राहणारं! ❤

काव्यांकुर तो _मयुर सं. लवटे

©मयुर लवटे #Thinking  मराठी कविता संग्रह मराठी कविता मराठी कविता प्रेमाच्या

Prakash writer05

मोटिवेशनल कविता इन हिंदी प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर

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White मेरी बहन सब की बहन है 
मगर
सामने वाले की बहन क्या माल है यार
यार तेरी यह सोच भी क्या कमाल है यार?
पीछे वाली गली में रहने वाली लड़की के देखो घुंघराले बाल हैं यार
लेकिन शायद  तू यह नहीं जानता
कि उसके लिए भी तेरी बहन के मस्त गुलाबी गाल हैं यार
चल यार चल रहे नुक्कड़ वाली दुकान पर
वहां ठेले पर तो एक से बढ़कर एक आइटम आते हैं
मगर हम भूल जाते हैं कि
हमारी बहन भी उसी ठेले वाले के यहां
किसी के लिए मस्त आइटम बन जाती है
यही हकीकत है आज की
यही सच्चाई है समाज की
तेरी बहन को किसी ने माल कहा तो
हो जाएगा बवाल यार
लेकिन
 नुक्कड़ वाली माल है
 यह तो मचाया तुमने ही धमाल है यार
तेरी यह सोच क्या है??
यह सोच ही तो कमाल है यार
तेरी बहन को जब यह पता लगेगा
तब तुमने सोचा है कि तू उसकी नजरों में क्या रह जाएगा
झूठ फरेबी कितनी चालें चलता है
ना जाने किस किस की बहनों को तू छलता है
मगर अफसोस है
कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो 
एक दिन तेरी खुद की बहन भी छली जाएगी
उसके दर्द की दास्तान भी तेरे खुद के सिर पर ही मढ़ी जाएगी
खुद की बहन को बचाना है तो सोच में परिवर्तन लाना है
अगर सामने वाले की बहन तेरी बहन होगी
तभी 
गली नुक्कड़ में तेरी बहन किसी की बहन होगी
खुद को बदलो सोच को बदलो
नजर को बदलो नजरिए को बदलो
नजारा तो खुद ही बदल जाएगा 
फिर कोई किसी की बहन को माल नहीं कह पाएगा
किसी की बहन तेरे लिए क्या माल है यार?
 वाह तेरी यह सोच भी क्या कमाल है यार!

©Prakash writer05  मोटिवेशनल कविता इन हिंदी  प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर

# दहलीज़ पर कविता"

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White  दहलीज़ पर कविता"

बहुत पछताए ,घर की 
लांघ के "दहलीज़"हम लड़कपन में,

बड़ा भरोसा था जिनके वादे पे,
मौसम की तरह रंग बदल गए कुछ दिन में।

अनुजकुमार हेयय क्षत्रिय

© # दहलीज़ पर कविता"

Indian Kanoon In Hindi

सूचना का अधिकार अधिनियम कानून :-

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सूचना का अधिकार अधिनियम कानून :- 

* सूचना का अधिकार अधिनियम (Right to Information Act) भारत के संसद द्वारा पारित एक कानून है जो 12 अक्तूबर, 2005 को लागू हुआ (15 जून, 2005 को इसके कानून बनने के 120 वें दिन)। भारत में भ्रटाचार को रोकने और समाप्त करने के लिये इसे बहुत ही प्रभावी कदम बताया जाता है। इस नियम के द्वारा भारत के सभी नागरिकों को सरकारी रेकार्डों और प्रपत्रों में दर्ज सूचना को देखने और उसे प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया गया है। जम्मू एवं काश्मीर मे यह जम्मू एवं काश्मीर सूचना का अधिकार अधिनियम 2012 के अन्तर्गत लागू है।

* आरटीआई शिकायत :- यदि आपको किसी जानकारी देने से मना किया गया है तो आप केन्‍द्रीय सूचना आयोग में अपनी अपील / शिकायत जमा करा सकते हैं।

* अपनी अर्जी कहाँ जमा करें? :- आप ऐसा पीआईओ या एपीआईओ के पास कर सकते हैं. केंद्र सरकार के विभागों के मामलों में, 629 डाकघरों को एपीआईओ बनाया गया है. अर्थात् आप इन डाकघरों में से किसी एक में जाकर आरटीआई पटल पर अपनी अर्जी व फीस जमा करा सकते हैं. वे आपको एक रसीद व आभार जारी करेंगे और यह उस डाकघर का उत्तरदायित्व है कि वो उसे उचित पीआईओ के पास भेजे।

* क्या इसके लिए कोई फीस है? इसे कैसे जमा करें? :- एक अर्ज़ी फीस होती है. केंद्र सरकार के विभागों के लिए यह 10रु. है. हालांकि विभिन्न राज्यों ने भिन्न फीसें रखीं हैं. सूचना पाने के लिए, आपको 2रु. प्रति सूचना पृष्ठ केंद्र सरकार के विभागों के लिए देना होता है. यह विभिन्न राज्यों के लिए अलग- अलग है. इसी प्रकार दस्तावेजों के निरीक्षण के लिए भी फीस का प्रावधान है. निरीक्षण के पहले घंटे की कोई फीस नहीं है लेकिन उसके पश्चात् प्रत्येक घंटे या उसके भाग की 5रु. प्रतिघंटा फीस होगी. यह केन्द्रीय कानून के अनुसार है।

* क्या सूचना प्राप्ति की कोई समय सीमा है? :- हाँ, यदि आपने अपनी अर्जी पीआईओ को दी है, आपको 30 दिनों के भीतर सूचना मिल जानी चाहिए. यदि आपने अपनी अर्जी सहायक पीआईओ को दी है तो सूचना 35 दिनों के भीतर दी जानी चाहिए. उन मामलों में जहाँ सूचना किसी एकल के जीवन और स्वतंत्रता को प्रभावित करती हो, सूचना 48 घंटों के भीतर उपलब्ध हो जानी चाहिए।

©Indian Kanoon In Hindi सूचना का अधिकार अधिनियम कानून :-

Narendra Vyawhare

महिला दिन मराठी कविता मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी

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लहानपणी शाळेत जायचो तेव्हा विद्धेची देवता म्हणून  'देवी सरस्वती' ची ओळख झाली,
पण जेव्हा पुस्तकं वाचली तेव्हा कळालं की हिच पुस्तक वाचता यावी म्हणून स्त्री समाजाला स्वतंत्र जगता यावं आणि गोरगरिबांची लेकर सुशिक्षित व्हावी यासाठी सावित्री ज्योतीनी पुढाकार घेऊन आम्हला स्वतःच्या पायावर उभ केल.ना की कुण्या देवी -देवतांनी.

©Narendra Vyawhare  महिला दिन मराठी कविता मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी

Narendra Vyawhare

#Book मराठी कविता प्रेमाच्या मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेम मराठी कविता संग्रह प्रेरणादायी कविता मराठी

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Unsplash शेताच्या त्या बांधावर 
माझं कुडाच ते घर 
स्वर्गालाही लाजवील ऐस माझ घरदार 
माय शोभे चुल्ह्या पाशी जैसी रखुमायी वाणी,
बाप माझा पुंडलिक करी सुखाची पेरणी 

ऐसा संसार संसार नाही आनंदाला पार,
स्वर्गालाही लाजवील ऐस माझं घरदार 

नाही कधी ताटातूट माझ्या माय नी बापाची,
बाप जरी तो कठोर माय हळव्या मनाची 
नसे पैसा जरी हाती, तरी केल सपान ते  पूर 
घाम गाळून बापानं शेत पीकविल सार 

घरोघरी असतात बाई मातीच्या गं चुली,
लेक करता घरचा, परक्याच धन मुली
कष्टा परिस ना वाट, शेतकऱ्याच्या घराला 
लेकराच्या सुखासाठी बाप स्वतः जुपे नांगरला 
ऐसा सोन्याचा संसार मला दाखवा जी बर 
स्वर्गालाही लाजवील ऐस माझं घरदार

©Narendra Vyawhare #Book  मराठी कविता प्रेमाच्या मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेम मराठी कविता संग्रह प्रेरणादायी कविता मराठी

Anisha Kiratkarve

#Couple छोटी कविता मराठी मराठी कविता प्रेम मराठी कविता मराठी कविता मैत्री

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White आज पुन्हा एकदा वाटते कुठेतरी चुकतेय,
चांदण्या शोधता शोधता चंद्रा पासून मुकतेय......

आज पुन्हा एकदा वाटते ,तिथेच जावे नव्याने जिथे सोडून आले स्वतः ला,मन काही ऐकत नाही किती समजवाव मनाला....

आज पुन्हा एकदा वाटते कोणासाठी तरी मी खास आहे...
मन माझ ऐकत नाही ही फक्त खोटी आस आहे...

आज पुन्हा एकदा वाटते,विसरून जावे स्वतः ला,
ठेच लागली जिथं ,देव मानावं त्या दगडाला....

©Anisha Kiratkarve #Couple  छोटी कविता मराठी मराठी कविता प्रेम मराठी कविता मराठी कविता मैत्री

Anisha Kiratkarve

#SunSet मराठी कविता संग्रह मराठी कविता कविता मराठी मैत्री मराठी कविता प्रेमाच्या मराठी कविता संग्रह

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset आज असा कसा खेळ रंगला माझा माझ्याच मनावर्ती,
उगाच भांडते उगाच रुसते, नेमक बोलू कोणावरती...

खूप काही आहे बोलण्यासारखे ,पण बोलावेसे वाटत नाही,
कठीण होत आहे जगणे,जगता मला येतच नाही.....

आज पुन्हा वाटते तीच भीती पुन्हा आवडतोय एकांत
प्रेम कसे हे वाढत जाते काय कळेना दोघांत....

©Anisha Kiratkarve #SunSet  मराठी कविता संग्रह मराठी कविता कविता मराठी मैत्री मराठी कविता प्रेमाच्या मराठी कविता संग्रह
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