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Sarfaraj idrishi
India Vs Bangladesh Asia Cup Final हम उस मिडिल क्लास फैमिली से हैं जहां अनार का जूस सिर्फ़ तबियत खराब होने पर पिया जाता है। ©Sarfaraj idrishi हम उस मिडिल क्लास फैमिली से हैं जहां अनार का जूस सिर्फ़ तबियत खराब होने पर पिया जाता है।gaTTubaba Riya Sethi Ji Aariya writer Santosh Narwa
अज्ञात
कलम की धुरी से रेखाओं को मिलाते हुये वो मुक्तहस्त महारत अक्श मेरा बनाता है.... कभी श्वेतपटल पर कभी अंतःकरण पर निमग्न होकर .. नयन नक्श उकेरता हुआ कुछ सोचता हुआ बढ़ते जाता है.. चित्त की छवि को स्व-भावों के सादृश में पटल पर गढ़ते जाता है.... कभी रुकता, क्षुब्ध होता मन टटोल त्रुटियां सुधारकर फिर कोई गीत गुनगुनाता है.... कभी केश कर्ण भृकुटि बनाते हुये लबों पे कलम दबाता है.... रेखाओं को रेखाओं से मिलाते हुए.... स्याह फैलाते हुये.... श्वेत श्याम रंग रंग जाता है... इस तरह वो धीर गंभीर रचियेता निज लक्ष्य की ओर बढ़ते चला जाता है.. वो शब्दकार होकर भी चित्रकार बन जाता है.... कलम की ताकत से चित्र विचित्र गढ़ जाता है... ©अज्ञात #चित्रकार
Ankur tiwari
तुमको लाया हूं ब्याह कर मैं ना मोल में तुझे खरीदा हैं तुम हो लक्ष्मी मेरे आंगन तुमसे ही घर की मर्यादा हैं तो बात गांठ यह बांध लो तुम सबको संग लेकर चलना हैं थोड़ा सा मैं ढल जाऊंगा थोड़ा तुमको भी ढलना हैं हर बात पर गुस्सा मत करना ना पहुंचाना तुम ठेस प्रिये अक्सर मत कंपेयर करना मेरा घर और परिवेश प्रियें मेरे घर को दोष तुम मत देना चाहें कोई भी कमी रहे थोड़ी बातों को भी सह लेना गर कोई रुड़ली बिहैब करे माना नाजों से पली हो तुम पर बिटिया थी उनकी बहु नही तो वैसा ही सब यहां रहे यह सोच तुम्हारी सही नही बिटिया एक घर की मर्यादा हैं पर बहु से घर मान बढ़े जिम्मेदारी बढ़ जाती हैं जब पिता उसका कन्यादान करें तो उन बढ़ती जिम्मेदारियों का मान तुम्हें रखना होगा मायके और ससुराल का सम्मान तुम्हें रखना होगा मैं वादा करता हूं तुमसे तेरा दामन सारी खुशियां भर दूंगा गर दे दो जो तुम साथ मेरा हर मंजिल फतह मैं कर लूंगा एक बात हमारी तुम सुन लो सौ बात तुम्हारी सुन लूंगा तुम हिम्मत से बस धीर धरो हर सपना पूरा कर दूंगा मैं यकीं दिलाता हूं तुमको कभी बिगड़ेगा ये माहौल नही परिवार के संग जो पल गुजरते है उनका कोई मोल नहीं ©Ankur tiwari तुमको लाया हूं ब्याह कर मैं ना मोल में तुझे खरीदा हैं तुम हो लक्ष्मी मेरे आंगन तुमसे ही घर की मर्यादा हैं तो बात गांठ यह बांध लो तुम सबको
!! ℝudraksh Om !!{बोलो दिल खोलकर}
Parastish
लगाना रंग कुछ ऐसे मिरे दिल-दार होली पर करे दो चार को घायल सर-ए-बाजार होली पर हवा में हो उठे हल-चल, बहारें रश्क कर बैठें यूँ सर से पा लगूँ मैं प्यार में गुल-बार होली पर निगाहों से छिड़क देना यूँ चश्म-ए-शोख़ का जादू लगें मय का कोई प्याला मिरे अबसार होली पर लबों की सुर्ख़ रंगत को, यूँ मलना तुम मिरे आरिज़ कि तितली गुल समझ के चूम ले रुख़्सार होली पर अबीरों ओ गुलालों से, हो फ़नकारी मुसव्विर सी धनक आ के गिरे दामन में अब के बार होली पर ©Parastish चश्म-ए-शोख़ - lovely eyes अब्सार - आँखें आरिज़ - रुख़्सार/गाल फ़नकारी - कलाकारी/ artistry मुसव्विर - चित्रकार/painter धनक - इंद्रधनुष/rai
अदनासा-
Shankara
जिंदगी एक कोरे कागज की तरह है ध्यान से कोरोगे तो सुंदर चित्र बनेगा बिना ध्यान के कोरोगे तो गजब का विचित्र हो जाएगा खुद भी समझ नहीं आएगा कि कहां-कहां से गुजर रहा हूं ©Shankara #bachpanSeBudapeTak एक अच्छा चित्रकार बनिए वरना जिंदगी आपको विचित्रकार बना देगा