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theABHAYSINGH_BIPIN
White नभ में काले बादल आये, अपने संग बारिश लाए। हवा संग इठलाते बादल, हवा संग ये पानी लाए। देखो काले बादल आये, कहा से और ऊपर जाएं। कितने पास बादल आये, हमको छूने बादल आये। किसने दिया पता मेरा, मेरे घर को बादल आये। देखो मुझपे गरज रहे हैं, संग अपने अंधेरा लाए। किसने छेद किया इसमें, जो बूँद-बूँद पानी गिराए। देखो काले बादल आये, नभ में काले बादल आये। इसको किसने बुलाया है, आंधी संग बिजली लाए। देखो कितने पास ये बादल, जैसे देखो पेड़ों को छू जाएं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #badal #kavita #barish नभ में काले बादल आये, अपने संग बारिश लाए। हवा संग इठलाते बादल, हवा संग ये पानी लाए।
F M POETRY
Unsplash आज फिर याद वो आये मुझको.. याद आये तो रुलाये मुझको.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #आज फिर याद वो आये....
#आज फिर याद वो आये....
read moreSumitGaurav2005
White मेरा मन मस्तिष्क मदहोश करती मतवाली अदा, सनम तू मेरे लिए है हर पल ही ज़माने से जुदा। क्यों रहती गुपचुप गुमसुम गुम हो किन ख़्यालों में, तुम ही बसी हो सनम मेरे हर इक सवालों में। बड़ी बेचैनी बड़ी बेताबी खोया है बड़ा करार, जब से तुमसे सनम हो गया है मुझको प्यार। पहले प्यार की पहचान होनी बड़ी है जरूरी, फिर हमारे बीच सनम क्यों है इतनी ज्य़ादा दूरी। चाह मेरी चाहना तुम्हें चाहत फिर भी है अधूरी, सनम अपना लो मुझे हर कमी हो जाए पूरी। कर रहे कब से इंतज़ार इनकार या इकरार करो, प्यार का इज़हार करने से किसी से भी ना डरो। या तो अपना लो मुझे या फिर साफ मना करो, ऐसी भी क्या मज़बूरी थोड़ा तो इंसाफ करो। ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎 ©SumitGaurav2005 अनुप्रास अलंकार वाली कविता। अलंकार का अर्थ है काव्य या भाषा को शोभा देने वाला मनोरंजक तरीका। जब किसी काव्य में एक या एक से अधिक वर्णों की प
अनुप्रास अलंकार वाली कविता। अलंकार का अर्थ है काव्य या भाषा को शोभा देने वाला मनोरंजक तरीका। जब किसी काव्य में एक या एक से अधिक वर्णों की प
read moreF M POETRY
White मुझे अंदर से खाये जा रही है... तुम्हारी याद आये जा रही है... यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #तुम्हारी याद आये जा रही है......
#तुम्हारी याद आये जा रही है......
read moreAshraf Fani
हम तो जन्नत से हैं ठुकराये हुए बनके आदम यहाँ हैं आये हुए जो दिल में दिया वही तो किया बातों बातों में फिर भी फँसाये हुए हम तो जन्नत से हैं ठुकराये हुए ©Ashraf Fani हम तो जन्नत से हैं ठुकराये हुए बनके आदम यहाँ हैं आये हुए जो दिल में दिया वही तो किया बातों बातों में फिर भी फँसाये हुए हम तो जन्नत से हैं ठ
हम तो जन्नत से हैं ठुकराये हुए बनके आदम यहाँ हैं आये हुए जो दिल में दिया वही तो किया बातों बातों में फिर भी फँसाये हुए हम तो जन्नत से हैं ठ
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
भाषा शैली स्वलिखित हिन्दी रचना संस्कृत अनुवाद सहित शीर्षक निष्ठुरता . . विधा रुपकअलंकार विचार .
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
शब्द एक जैसे अर्थ होते अलग अलग, शौक = रुचि, शौक मर्जी कलम=वस्तु ,कलम=लिखावट भाषा शैली स्वलिखित हिन्दी रचना संस्कृत अनुवाद सहित शीर्षक श
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
स्वलिखित हिन्दी रचना संस्कृत अनुवाद सहित अनुवाद सहित शीर्षक राधा नाम जप श्रीराधाराधा प्रत्येकं कणेषु वर्तते। लहर लहर श्री राधा राधा लह
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