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Sneh Lata Pandey 'sneh'
सादर सुप्रभात आप सभी को 🌻🌻🌻💐💐💐🌷🌷🌹🌹🌹 आप सभी को वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें 🌻🌻💐💐💐 मातु शारदे आपसे, माँगू थोड़ा ज्ञान। देवी वीणा धारिणी, दे दो माता दान।। देवी माँ पद्मासना, आओ हंस सवार। छूलो मेरे हाथ को , हो मेरा उद्धार। ©Sneh Lata Pandey 'sneh' #वसंत पंचमी
#वसंत पंचमी
read moreRashmi Vats
टूटे हुए वादों की दास्तान ,अब सुनाऊं कैसे। जख्म जरा गहरे हैं ,वो दिखाऊं कैसे। जो वादे निभाए नही तुमने , उस टीस की झंनकार तुम्हें सुनाऊं कैसे । बदल गई है ऋतु,बदल गया है मौसम, तुम ही बता दो कि,पतझड़ में वसंत खिलाऊं कैसे । रश्मि वत्स ©Rashmi Vats #वादे #पतझड़ #वसंत #दर्द
abhishek sharma
देखो यारों वसंत का मौसम आया है! अपने साथ रंग-बिरंगे फूलों को लेके आया है! इन पेड़ों का पौधे का इतने प्यार से खिलना जैसे कोई अलग सा दिन आया है! ये दिन और रात की हल्की हल्की ठंडी और दोपहर को ये सूरज जगमगाया है! और आसमानों में पंछीयों का उड़ना ये वतावरण कितना सुंदर नज़र आया है! abhishek sharma! ©mysterious boy #flowers #spring #वसंत #thought #Nature #nojotonews #Quote #Shayari
शैलेन्द्र यादव
वसंत में मेरे फूल नही खिलेंगे तुम बिन, मैं, मेरे जैसा नही रहा अब तुम बिन, आज भी लगता है पास बैठी हो तुम, सोचो कैसे रहेंगे हम तुम बिन, वसंत में मेरे फूल नही खिलेंगे तुम बिन, ये मौसम तुम्हारी यादों को दुगना कर देता है, ये जुदाई कैसे सहेंगे हम तुम बिन, अब वसंत में मेरे फूल नही खिलेंगे तुम बिन, मैं, मेरे जैसा नही रहा अब तुम बिन... मैं, मेरे जैसा नही रहा अब तुम बिन... ©शैलेन्द्र यादव #वसंत #फुल#तुम बिन
Sneh Lata Pandey 'sneh'
ले वसंत मधु आ गया, हुआ मुखर मृदु प्रीत। हृदय रागिनी छेड़ती, मधुर मिलन के गीत।। गीत राग के गा रहा, मादक भ्रमर वसंत। प्रिया विरहिणी सोचती,कब आयेंगे कंत।। शीत चली गति मंद ले, चला शिशिर भी संग। इठलातये यौवन भार से, आया वसंत ले रंग। वसुधा ओढ़े धूप को, मुस्काये ले ताप। चार माह की त्रासदी, शीत उडी बन भाप।। हरित चूनरी ओढ़ के, रंगीले जड़ तार। पिय वसंत पहना रहे, पुष्प गुच्छ गल हार।। कोयल राग सुना रही, मुखर नाचता मोर। वायु आकुला बह रही,करे सन सन सन शोर। पाती लिखती प्रियतमा, कहूँ पिया करजोर। आ जाओ मधु मास में, द्रवित नयन के कोर।। नहि इच्छा है हार की, नहि इच्छा श्रृंगार। पिया चले आओ लिये , इस वसंत में प्यार। ©Sneh Lata Pandey 'sneh' #वसंत का राग
#वसंत का राग
read moreWriter1
अंगड़ाइयां उसके बदन की , बदले मौसम का ईमान, वो बेखबर क्या जाने दिल के अरमान, यह रुत कैसी आयी, प्यार मोहब्बत साथ लाई, जहां सनम मेरा, वहां हर रुत बसंत समान, गर महबूब को बसंत बोलू तो गलत ना होगा, मेरा, हम-नशी, बेअंत हैं , मानो बसंत हैं यह COLLAB के लिए खुला है।✨💫 अपने सुसज्जित विचारों व शब्दों के साथ इस पृष्ठभूमि को सजायेंl✒️✒️ • PROFOUND WRITERS द्वारा दी गई इस चुनौती को पूरा करें। 💎 • अपने दिल की भावनाओं को शब्दों में पिरोकर इस अद्भुत पृष्ठभूमि की सुंदरता बढ़ाएं।
यह COLLAB के लिए खुला है।✨💫 अपने सुसज्जित विचारों व शब्दों के साथ इस पृष्ठभूमि को सजायेंl✒️✒️ • PROFOUND WRITERS द्वारा दी गई इस चुनौती को पूरा करें। 💎 • अपने दिल की भावनाओं को शब्दों में पिरोकर इस अद्भुत पृष्ठभूमि की सुंदरता बढ़ाएं।
read moreDr. Bhagwan Sahay Meena
शीर्षक - आया वसंत विकल नव कोंपले, नव कली की चित्कार, मुरझाए फूलों का रूदन, ले वसंत आया। गरीब दीनहीन की दुर्दशा, महंगाई की मार, भ्रष्टाचार का विकट जाल, ले वसंत आया। जाति धर्म के नाम रचित, चक्रव्यूह कितने, नित नए षड्यंत्र मनुज के, ले वसंत आया। हर दहली पर, मां बहन बेटी का अपमान, बगिया में भंवरों की क्रुरता, ले वसंत आया। अब रिश्ते ही, रिश्तों के काटते गले बेरहम, मां के दूध में चलती तलवार, ले वसंत आया। स्वार्थ की मिठास में, खून से तरबतर दामन, तो कहीं दरारों से भरा आंगन, ले वसंत आया। संबंधों में, अपनों के लिए बदल गये अपने, बाजार से झूठ बोलते आईने, ले वसंत आया। अदली बदली सरकारें, बिन बदले मतदाता, भोर सुहावनी मृग मरीचिका, ले वसंत आया। डॉ. भगवान सहाय मीना बाड़ा पदमपुरा जयपुर राजस्थान। ©Dr. Bhagwan Sahay Rajasthani #वसंत
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इन नैनों को भी सजा क्या खूब मिली है गुस्ताखी का, जो पिछले वसंत तुमसे लड़े थे देखो ज़रा! इस बरसात कितने बरस रहे #नैन #बरसात #वसंत #yqbaba #yqwriters #yqquotes #yqtales #yqthoughts
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