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Rk
अपने को पाने की खातिर हम सब कुछ छोड़ के बहुत दूर से भी आ गए और वह हमारी जिम्मेदारी निभाने के खातिर हम से बहुत दूर चले गए. साथ रहना था उनको भी हमारे साथ कमबख्त जिम्मेदारी ने अलग कर दिया ©Rk जिम्मेदारी भी दुश्मन होती हे
जिम्मेदारी भी दुश्मन होती हे
read moreBhupendra Uikey
बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में 🌺👰 ©Bhupendra Uikey बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में
बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में
read moreMahesh Patel
White सहेली..... मिलते ही मुझे यूं ही लिपट जाती.. बारिश जैसे धरती में सिमट जाती.. लाला.... ©Mahesh Patel सहेली... बारिश... लाला...
सहेली... बारिश... लाला...
read moreYashrajB Sharma
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset तुम्हारी जुल्फों का लहज़ा और सावन की बारिश झील सी तुम्हारी आंखें और मेरे डूबने की ख्वाहिश रब ही जाने की यूं ही कब तक चलती रहेगी तुमसे मुलाकात के सफर में मेरी आजमाइश...! 🌿 #justforyou ©YashrajB Sharma #बारिश!
Vrishali G
White बारिश लेकर आ रहे है.. ये काले काले बादल कहा है तू मेरी जान.. अब तो बाहर निकल तेरे इंतजार में दिल मेरा रहा है मचल बुंदे बरसात की भिगो देगी तेरा आचल... ©Vrishali G #बारिश
Shalini Nigam
बेहतर है••उतना ही बोले जितना सुन सके, क्योंकि•• "बारिश" की चाह_ वही रखते हैं! जिनके "सिर" पर छत_ होती है..!! ©Shalini Nigam #बारिश #Nojoto #yqdidi #yqbaba #Life #Love #shayri #writer
सूरज
साल की आखिरी बारिश के साथ ये साल भी चला गया ©सूरज #बारिश के साथ साल भी चला गया।
#बारिश के साथ साल भी चला गया।
read moreअभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज
White नौकरी बजानी होती है सहाब, झोला उठाकर निकल जाता हूं लौट आता निस्तेज मै क्या करूं, पेट बडा हो गया है मेरा सब डकार जाता है रद्दी हो या बेकार, नौकरी बजानी होती है सहाब पकने लगे है अब बाल मेरे , सब पता है फिर भी चलायमान तन मन, रूकता कहां है थमता कहां है हा ठिकाना भी जानता हूं साठ के बाद का वही पिछले का पुराना पलंग , गंदी तकिया और वो अंतिम पथ का प्रथम कोना। हास्यपद है फिर भी नौकरी बजानी पडती है सहाब। ©अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज नौकरी बजानी होती है सहाब
नौकरी बजानी होती है सहाब
read moreShayrana Sunayana
दूसरों के हिसाब से चल रही होती तो मेरी किताब कोरी होती मनमर्जियां, बेबाकियाँ,उसकी चाहत अधूरी होती Su👁️
read moreYaad -E- November
कुछ ख्वाहिशें , बारिश की उन बूंदों की तरह होती हैं , जिन्हें पाने के लिए हथेलियां तो भीग जाती है पर हाथ हमेशा खाली ही रह जाते हैं .... wh
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