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Raj kumar kumar
Dr. Babasaheb Ambedkar: Writings and Speeches, Vol. 3: Buddha or Karl Marx War is wrong unless it is for truth and justice. डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर: लेखन और भाषण, खंड 3: बुद्ध या कार्ल मार्क्स युद्ध तब तक गलत है जब तक वह सत्य और न्याय के लिए न हो। Original photo of Dr. B. R. Ambedkar as a student. डॉ. बी. आर. अम्बेडकर की विद्यार्थी के रूप में मूल तस्वीर। ©Raj kumar kumar Dr. Babasaheb Ambedkar: Writings and Speeches, Vol. 3: Buddha or Karl Marx War is wrong unless it is for truth and justice. डॉ. बाबासाहेब
Dr. Babasaheb Ambedkar: Writings and Speeches, Vol. 3: Buddha or Karl Marx War is wrong unless it is for truth and justice. डॉ. बाबासाहेब #वीडियो
read moreDevesh Dixit
कलम की आवाज़ कलम चीख कर कह रही, सुन प्राणी नादान। बल को मेरे जानकर, बनता है अनजान।। खडग काटती एक को, मैं काटूँ सब साथ। मन में सच मेरे बसा, दुर्जन पीटें माथ।। जिसका जैसा हाथ है, वैसा करती काम। सच से मुझको प्रीत है, नहीं करूँ आराम।। जिसको मुझसे प्रेम है, सुंदर हैं वे लोग। उत्तम यह रचना करें, करके सही प्रयोग।। कलम कहे यह जानलो, करो नहीं नाराज़। मेरी है विनती यही, सभी सुनें आवाज़।। ......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #कलम_की_आवाज़ #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi कलम की आवाज़ (दोहे) कलम चीख कर कह रही, सुन प्राणी नादान। बल को मेरे जानकर, बनता है अनजा
#कलम_की_आवाज़ #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi कलम की आवाज़ (दोहे) कलम चीख कर कह रही, सुन प्राणी नादान। बल को मेरे जानकर, बनता है अनजा #Poetry #sandiprohila
read moregaTTubaba
White जिंदगी के स्टेशन पर जब उसे विदा करने गए उसने कहां कुछ महीने तुम्हारे संग इक पल में बीत गए तुम नहीं रोकोगे क्या मैं खुदको रोक लूं ? आइना बनकर आंखों में तुम्हारे जिंदगीभर देख लूं ? पहले से बंधा हुआ मैं उसको कैसे बांध लूं ? पैर दलदल में फंसे हुए उसको कैसे हाथ दूं ? रिहाई की उम्मीद नहीं उसको कैसे मनाऊं ? सबकुछ जानकर भी कैसे अपना बनाऊं ? फिर पत्थर ने पत्थर बनकर कहां देख तेरी गाड़ी तुझे मंजिल पर ले जाएगी हमेशा की तरह रात मेरी स्टेशन पर बीत जाएगी...! ©gaTTubaba #good_night_images जिंदगी के स्टेशन पर जब उसे विदा करने गए उसने कहां कुछ महीने तुम्हारे संग इक पल में बीत गए
#good_night_images जिंदगी के स्टेशन पर जब उसे विदा करने गए उसने कहां कुछ महीने तुम्हारे संग इक पल में बीत गए #शायरी
read moreParul (kiran)Yadav
White #सत्य और अंधविश्वास क्या है सच तुम जान न सके अंधविश्वास में जो तुम पड़ गए , कर्म भी तुम कुछ गलत कर गए , कर्महीन हो गए , भाग्योदय हो रहा था मगर अंधविश्वास की बेड़ियों में बंधकर भाग्य को लेकर सो गए , जाना था परीक्षा में , काटा जब बिल्ली ने रास्ता तो ठिठक गई जिन्दजी और परीक्षा की घड़ी में भी फेल हो गए ,... सच कुछ और था मगर तुम जाने बगैर ही अंधविश्वासी हो गए , जीवन मे छाया अंधेरा तुम नही जागे हुवा जब सवेरा , सच को जाने बगैर तुमने ये रात भी गवाई, सत्य कुछ और था , सत्य जाने बगैर तुम अंधविश्वासी हो गए ,... अब छोड़ो ये अंधविश्वास की डगर तय करो सत्य को जानकर हर सफर ,..🙏🏻 Parul yadav ©Parul (kiran)Yadav #life_quotes #सत्य और अंधविश्वास क्या है सच तुम जान न सके अंधविश्वास में जो तुम पड़ गए , कर्म भी तुम कुछ गलत कर गए , कर्महीन हो गए , भाग्यो
#life_quotes #सत्य और अंधविश्वास क्या है सच तुम जान न सके अंधविश्वास में जो तुम पड़ गए , कर्म भी तुम कुछ गलत कर गए , कर्महीन हो गए , भाग्यो #नोजोतो #मोटिवेशनल #मेरी_कलम_से✍️ #मेरीरचनाएं✍️
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
रोला छन्द :- भीषण गर्मी :- कहती है सरकार , आज है भीषण गर्मी । पर भाषण में आज , नही है कोई नर्मी ।। हो विद्यालय बंद , हुए हैं बच्चे मूर्छित । खबर यही हो फ्रंट , सभी के मन हो हर्षित ।। हम भी हैं इंसान , करें हम सब मजदूरी । लू की लगे लपेट , मगर हम पर मजबूरी ।। सोचो कुछ सरकार , मिला हमको भी जीवन । भीषण गर्मी आज , झुलस्ता अपना तन-मन ।। आज नही कुछ हाथ , बनाओ आप प्रयोजन । किया सभी ने घात , दिखाकर हमें प्रलोभन ।। रोको आज विकास , जिसे सुख सुविधा कहते । करो प्रकृति शृंगार, जहाँ जन-मन हैं रहते ।। कुछ तो हो सरकार , अमल अब इन बातों पे। आये सुख की भोर, मेघ गायें रातों पे ।। बदले जीवन चाल , झूम जाये जग सारा । चाहोगे जब आप , तभी चमकेगा तारा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR रोला छन्द :- भीषण गर्मी :- कहती है सरकार , आज है भीषण गर्मी । पर भाषण में आज , नही है कोई नर्मी ।। हो विद्यालय बंद , हुए हैं बच्चे मूर्छ
रोला छन्द :- भीषण गर्मी :- कहती है सरकार , आज है भीषण गर्मी । पर भाषण में आज , नही है कोई नर्मी ।। हो विद्यालय बंद , हुए हैं बच्चे मूर्छ #कविता
read more~Bhavi
White जो आपकी भावनाओं को जानकर आपको हर रोज़ तकलीफ़ दे वो इंसान कभी अपना नहीं हो सकता...!! 💔 ©~Bhavi जो आपकी भावनाओं को जानकर आपको हर रोज़ तकलीफ़ दे वो इंसान कभी अपना नहीं हो सकता...!! 💔 #sad_shayari gudiya h m alam s Radhey Ray Mukesh Poon
जो आपकी भावनाओं को जानकर आपको हर रोज़ तकलीफ़ दे वो इंसान कभी अपना नहीं हो सकता...!! 💔 #sad_shayari gudiya h m alam s Radhey Ray Mukesh Poon #SAD
read morePoonaM म्हस्के
White ऐसा नहीं था कि कोई चाहने वाला नहीं था मगर हमने जिसे चाहा तो हमारा नहीं था यह जानकर भी हमने बस उनको ही चाहा था इसी उम्मीद पर कि शायद एक दिन मेरा खुद ऐसा करेश्मा करेगा और मैंने जिसे चाहा उसे मेरा करेगा ©PoonaM म्हस्के #emotional_sad_shayari ऐसा नहीं था कि कोई चाहने वाला नहीं था मगर हमने जिसे चाहा वह हमारा नहीं था यह जानकर भी हमने बस उनको ही चाहा था इसी
#emotional_sad_shayari ऐसा नहीं था कि कोई चाहने वाला नहीं था मगर हमने जिसे चाहा वह हमारा नहीं था यह जानकर भी हमने बस उनको ही चाहा था इसी
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} नियुक्त किये हुए न्यायाधिकारी पुरुष अपराधियों के अपराध की मात्रा को भली भाँति जानकर जो दण्डनीय हों, उन्हें ही उचित दण्ड दें पढ़िए महाभारत !! 🌷🌷 महाभारत: आश्रमवासिका पर्व पंचम अध्याय: श्लोक 18-32 📔 भारत। जिन मनुष्यों के कुल और शील अच्छी तरह ज्ञात हों, उन्हीं से तुम्हें काम लेना चाहिये। भोजन आदि के अवसरों पर सदा तुम्हें आत्मरक्षा पर ध्यान देना चाहिये। आहार विहार के समय तथा माला पहनने, शय्या पर सोने और आसनों पर बैठने के समय भी तुम्हें सावधानी के साथ अपनी रक्षा करनी चाहिये। युधिष्ठिर। कुलीन, शीलवान्, विद्वान, विश्वासपात्र एवं वृद्ध पुरुषों की अध्यक्षता में रखकर तुम्हें अन्तःपुर की स्त्रियों की रक्षा का सुन्दर प्रबन्ध करना चाहिये। राजन्। तुम उन्हीं ब्राह्मणों को अपने मन्त्री बनाओ, जो विद्या में प्रवीण, विनयशील, कुलीन, धर्म और अर्थ में कुशल तथा सरल स्वभाव वाले हों। उन्हीं के साथ तुम गूढ़ विषय पर विचार करो, किंतु अधिक लोगों को साथ लेकर देर तक मन्त्रणा नहीं करनी चाहिये। सम्पूर्ण मन्त्रियों को अथवा उनमें से दो एक को किसी के बहाने चारों ओर से घिरे हुए बंद कमरे में या खुले मैदान में ले जाकर उनके साथ किसी गूढ़ विषय पर विचार करना। जहाँ अधिक घास फूस या झाड़ झंखाड़ न हो, ऐसे जंगल में भी गुप्त मन्त्रणा की जा सकती है, परंतु रात्रि के समय इन स्थानों में किसी तरह गुप्त सलाह नहीं करनी चाहिये। 📔 मनुष्यों का अनुसरण करने वाले जो वानर और पक्षी आदि हैं, उन सबको तथा मूर्ख एवं पंगु मनुष्यों को भी मन्त्रणा गृह में नहीं आने देना चाहिये। गुप्त मन्त्रणा के दूसरों पर प्रकट हो जाने से राजाओं को जो संकट प्राप्त होते हैं, उनका किसी तरह समाधान नहीं किया जा सकता - ऐसा मेरा विश्वास है। शत्रुदमन नरेश। गुप्त मन्त्रणा फूट जाने पर जो दोष पैदा होते हैं और न फूटने से जो लाभ होते हैं, उनको तुम मन्त्रिमण्डल के समक्ष बारंबार बतलाते रहना। राजन्। कुरूश्रेष्ठ युधिष्ठिर। नगर औश्र जनपद के लोगों का हृदय तुम्हारे प्रति शुद्ध है या अशुद्ध, इस बात का तुम्हें जैसे भी ज्ञान प्राप्त हो सके, वैसा उपाय करना। नरेश्वर। न्याय करने के काम पर तुम सदा ऐसे ही पुरुषों को नियुक्त करना, जो विश्वासपात्र, संतोषी और हितैषी हों तथा गुप्तचरों के द्वारा सदा उनके कार्यों पर दृष्टि रखना। भरतनन्दन युधिष्ठिर। तुम्हें ऐसा विधान बनाना चाहिये, जिससे तुम्हारे नियुक्त किये हुए न्यायाधिकारी पुरुष अपराधियों के अपराध की मात्रा को भली भाँति जानकर जो दण्डनीय हों, उन्हें ही उचित दण्ड दें। 📔 जो दूसरों से घूस लेने की रुचि रखते हों, परायी स्त्रियों से जिनका सम्पर्क हो, जो विशषतः कठोर दण्ड देने के पक्षपाती हों, झूठा फैसला देते हों, जो कटुवादी, लोभी, दूसरों का धन हड़पने वाले, दुस्साहसी, सभाभवन और उद्यान आदि को नष्ट करने वाले तथा सभी वर्ण के लोगों को कलंकित करने वाले हों, उन न्यायाधिकारियों को देश काल का ध्यान रखते हुए सुवर्ण दण्ड अथवा प्राण दण्ड के द्वारा दण्डित करना चाहिये। प्रातःकाल उठकर (नित्य नियम से निवृत्त होने के बाद) पहले तुम्हें उन लोगों से मिलना चाहिये, जो तुम्हारे खर्च बर्च के काम पर नियुक्त हों। उसके बाद आभूषण पहनने या भोजन करने के काम पर ध्यान देना चाहिये। जय श्री राधे कृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #SAD {Bolo Ji Radhey Radhey} नियुक्त किये हुए न्यायाधिकारी पुरुष अपराधियों के अपराध की मात्रा को भली भाँति जानकर जो दण्डनीय हों, उन्हें ही उ
#SAD {Bolo Ji Radhey Radhey} नियुक्त किये हुए न्यायाधिकारी पुरुष अपराधियों के अपराध की मात्रा को भली भाँति जानकर जो दण्डनीय हों, उन्हें ही उ #मोटिवेशनल
read moreअदनासा-
Men walking on dark street निरंकुश हर सत्ता को जनता का जवाब जनता को पंगु बनाती फ्री का राशन, और फ्री विद फियर का भाषण नही, मेहनत के बुते कमाई हुई दाल रोटी, काम, मकान और रोज़गार चाहिए। हमें अनेकों धार्मिक स्थलों से ज़्यादा, महाविद्यालय और अस्पताल चाहिए, लघु परंतु प्रभावी व्यवसाय के साथ, अच्छी शिक्षा अच्छा शासन चाहिए। ये जात-पात ऊंच-नीच की जंग नही, मानवता एवं एकता का संग चाहिए, लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही नही, एक और लाल बहादुर शास्त्री चाहिए। ©अदनासा- #हिंदी #भाषण #लोकतंत्र #देश #शासन #Emotional #नेता #लालबहादुरशास्त्री #Instagram #अदनासा