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Irfan Saeed

ज़ालिम का साथ ना दे ये बात मान ले जुमले है उसके वादे ये बात मान ले जो है धनी वही अब सबका दुलारा है झूठे है रिश्ते नाते ये बात मान ले Sh

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ज़ालिम का साथ ना दे ये बात मान ले
 जुमले  है  उसके  वादे ये  बात मान ले

 जो है धनी वही अब सबका दुलारा है
 झूठे  है  रिश्ते  नाते  ये  बात  मान  ले

©Irfan Saeed ज़ालिम का साथ ना दे ये बात मान ले
 जुमले है उसके वादे ये बात मान ले

 जो है धनी वही अब सबका दुलारा है
 झूठे है रिश्ते नाते ये बात मान ले
#Sh

gauranshi chauhan

भले हीं मेरी जुबान कड़वी हो चुकी है, पर मेरी नियत अभी भी साफ है, किसने ,कब ,कहाँ और कैसे मुझे सताया, सबका हिसाब बाबा के खाते मे दर्ज है। Ant

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day - 483
भले हीं मेरी जुबान कड़वी हो चुकी है,
पर मेरी नियत अभी भी साफ है,
किसने ,कब ,कहाँ और कैसे मुझे सताया,
सबका हिसाब बाबा के खाते मे दर्ज है।

©gauranshi chauhan भले हीं मेरी जुबान कड़वी हो चुकी है,
पर मेरी नियत अभी भी साफ है,
किसने ,कब ,कहाँ और कैसे मुझे सताया,
सबका हिसाब बाबा के खाते मे दर्ज है।
#Ant

Anjali Singhal

#IndianRepublic Happy Republic Day 🇮🇳 #RepublicDay #26January #गणतंत्रदिवस #India #bharat "देश को आज़ाद कराने का था सबका अपना अपना प्रय

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"देश को आज़ाद कराने का था सबका अपना अपना प्रयत्न,
भड़की चिंगारियाँ दी गईं कुर्बानियाँ लाने देश में लोकतंत्र।

अब न हो कोई छल-कपट, न रचा जाए कोई षड्यंत्र,
इसलिए 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया हमारा गणतंत्र।।"

©Anjali Singhal #IndianRepublic 

Happy Republic Day 🇮🇳 #republicday #26january #गणतंत्रदिवस #india #bharat 


"देश को आज़ाद कराने का था सबका अपना अपना प्रय

AloneBoy

समय सबका आता हैFakepeople #fakesmile #fakeWorld

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset हमारी वफादारी उन्हें अभी समझ नहीं आएगी,
क्योंकि अभी वो गुरूर में बैठे है, की उन्हें चाहने वाले बहुत है।

©AloneBoy समय सबका आता है#Fakepeople #fakesmile #fakeWorld

Shalini Nigam

#सबका #yqdidi #yqbaba Love Life Poetry

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सबका "बचपन"
 एक सा_ नहीं होता.!

©Shalini Nigam #सबका #Nojoto #yqdidi #yqbaba #Love #Life #Poetry

theABHAYSINGH_BIPIN

#Sad_Status अच्छा हो या बुरा, सब याद रहता है, हर लम्हा दिल में अपनी बात कहता है। दुःख हो या सुख, सबका साथ होता है, हर एहसास का अपना जज़्बा

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White अच्छा हो या बुरा, सब याद रहता है,
हर लम्हा दिल में अपनी बात कहता है।
दुःख हो या सुख, सबका साथ होता है,
हर एहसास का अपना जज़्बात होता है।

वक़्त का भरोसा कब बदल जाए,
खुशियों  कब हाथ से फिसल जाए।
पर जो लम्हा अच्छा गुज़र जाता हैं,
उनका एहसास सदा दिल में रह जाता है।

©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status 

अच्छा हो या बुरा, सब याद रहता है,
हर लम्हा दिल में अपनी बात कहता है।
दुःख हो या सुख, सबका साथ होता है,
हर एहसास का अपना जज़्बा

theABHAYSINGH_BIPIN

#sad_qoute टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो

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White टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान,
जहां रहता था कभी सच्चा इंसान।
मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर,
कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान।

रीति वो पुरानी कितनी प्यारी थी,
जहां हफ्तों रुकता था हर मेहमान।
भाईचारे की भावना एक हस्ती थी,
अब भाई को नहीं मिलता सम्मान।

अब किराए का शहर छोड़कर,
उसी गांव में फिर से बस रहा इंसान।
खो दिया है सबका अपमान कर,
अब गैरों में ढूंढता है सम्मान।

ये कैसा दौर चला है कलयुग का,
देखकर भी कुछ न सीखता है इंसान।
मुकर जाता है एक मदद के नाम से,
अभय से ना रखता है जान-पहचान।

©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_qoute 
टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान,
जहां रहता था कभी सच्चा इंसान।
मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर,
कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान।

रीति वो

अनुज

सब कुछ पाकर भी क्यों खाली रहता है इंसान स्वप्न के सागर में क्यों डूबा रहता है संसार क्षण भर में छूटेगा तन से प्राण फिर किस चीज का है अभ

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नवनीत ठाकुर

#षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी, भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी। शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़, जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगा

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White षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी,
भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी।
शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़,
जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगाज़।

अपहरण के धंधे अब आम हो गए,
अपराधी खुलेआम इनाम हो गए।
छेड़छाड़ के ज़ख्म लहू-लुहान हैं,
इंसाफ के मंदिर खुद बदगुमान हैं।

यह कैसी सभ्यता, यह कैसी रवायत?
जहां जुर्म को मिलती है हर इक सहायत।

©नवनीत ठाकुर #षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी,
भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी।
शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़,
जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगा
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