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Bulbul varshney
दुनियादारी सीख गए हम क्या सही है और क्या गलत ये सब जान गए हम। ©Bulbul varshney #duniya इस दुनिया में कोई भी भरोसा करने लायक नहीं है।
Anuj Ray
White लगा के आग दिल में , छोड़ दी है सर्दी रातों को, बेखुदी का हाल बताने, तुम बिन जाए तो जाए कहां। ©Anuj Ray ₹ तुम बिन जाए तो जाए कहां"
Rajik K
White जिंदगी का सबसे बड़ा जुआ विवाह है!! अगर हमसफ़र सही मिल जाता है तो आप सब कुछ जीत लेते हो और अगर ग़लत मिल जाए तो आप जीतें जी सब कुछ हार जाते हो !!🥀🥀🥀🥀🥀🙏 ©Rajik Khan दुनिया में भी सच्चा प्यार मिलता है
person
Himaani
जब मोहब्बत धोखा दे जाए तो वह मरे के समान हो जाती है उसे याद तो किया जाता है पर उससे कभी बात नहीं होती है ©Himaani मोहब्बत में जब धोखा हो जाए
pramod malakar
# जनता जाए भाड़ में # पिछवाड़े में फेविकोल किसने लगाया था, उसे कुर्सी पर किसने बैठाया था। जिसने कहा था कुर्सी में हीं कुछ गड़बड़ी है, उसका कुर्सी से चिपके रहना भी जरूरी है। जनता जाए भाड़ में, दिल्ली डुब जाए अषाढ़ में। हर घर में शराब पिलाना ज़रुरी है, कुर्सी लूटने के लिए नोटों कि लूट मजबूरी है। घर - घर में आज उछल रहा है सवाल, केजरीवाल को ED ने क्यों बनाया सहवाल। चलो जो भी हुआ बहुत अच्छा हुआ, भ्रष्टाचारियों का निकल रहा धुआं। केंद्र में सबका साथ सबका विकास वाली सरकार है, आज देश को सिर्फ भाजपा कि दरकार है। मित्रों याद रखना कमल फूल को, सर पर लगा लो भारत माता कि पवित्र धूल को। मैं मालाकार रक्षक हूं भारतीय संस्कृति का, मैं शब्द हूं राष्ट्रीय गीत कि हर पंक्ति का। कल सुभाष,भगत सिंह और चंद्रशेखर ने जगाया था, 2014 में हर हिन्दू तिरंगा और भगवा लहराया था। केजरी के पिछवाड़े में फेविकोल किसने लगाया था, उसे कुर्सी पर किसने बैठाया था।। ########################### कवि ---- प्रमोद मालाकार... जमशेदपुर ©pramod malakar #जनता जाए भाड़ में
Manish Raaj
दुनिया ------ दुनिया के बाज़ार में दुकां देखा मकां देखा इंसानियत की पनाह देखी हैवानियत बेपनाह देखा रूह काँप जाए वो ठोकर देखी किसी को किसी का होते देखा और सब कुछ खोते देखा कभी इंसां को ख़ुदा होते देखा किसी को गुनाह के बीज बोते देखा कहीं हद पार करती सरहदें देखी किसी को दबते और दबाते देखा किसी ने तलब से किसी ने मतलब से देखा मामूली काम से एक मुक़ाम तक का सफर देखा कभी गिरते और गिराते देखा शर्मसार कर दे वो मंज़र भी तमाम देखा ग़रीब के ज़हन में अमीरी की लक़ीर देखी अमीरी की सोहबत में फ़क़ीर देखा ख़ुदा की नेमत को इंसानी तराजू में तौलते देखा नफा-नुक़सान की भट्टी में खौलते देखा चारों पहर साँस का ज़िंदगी पर पहरेदारी देखी दुनियाभर में ख़ुदा की कारीगरी और ज़िंदगी गढ़ते कलाकार की कलाकारी देखी मनीष राज ©Manish Raaj #दुनिया
अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'
आँखें देख रही हैं जैसा इसको वैसा मत समझो। जो बोओगे वो काटोगे बिल्कुल ऐसा मत समझो। इस दुनिया के तौर तरीके रोज बदलते रहते हैं। दुनिया जैसे बदलो केतन अपने जैसा मत समझो। ©Ketan Tripathi #दुनिया