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Rahul Singh Bhardwaj
#तू नया है तो दिखा कोई बात नई, #वरना इन आंखों ने देखे है नये साल कई!! #NojotoQuote #२०१९
Akshit Ojha
पुरानी खत मिली तेरी और यादें सारी नई हो गयी जो तू हुआ करती थी साल भर पहले, कमबख़्त खत पढ़कर फिर वही हो गयी #२०१९
अल्पेश सोलकर
आनंद नवा... जसं सरत वर्ष सरल... भरला नवीन वर्ष wishes cha थवा... हाच आनंद पहिल्या वर्षादिनी नवीन स्वप्न.नवीन सुरुवात.. नवीन ध्येय.नवीन उमेदी... आपणास नवीन वर्षाच्या खूप खूप शुभेच्छा...२०१९ ....! नव वर्ष..२०१९
Dr. Devashish Acharya
🙊 चुनावी हॅंसिकाएं - २०१९ 🙊 _______________________ ( ४ ) ⚙️ 🔩🗜️🔧 ⚙️ चुनावी वादों में नये मशीन का ईजाद हो गया | इधर से डाला आलु 🔄🔄🔄🔄 उधर से सोना निकल गया || 🥔 ❓‼️❓ 🥔 # ' चुनावी हॅंसिकाएं-२०१९'
Arya Arys
Happy New Year मै खुद 🙏हाथ जोड़कर इस नए साल का सुभारंभ करने वाला हूं , न की हाथ जोड़कर क्षमा मागने वाला हूं, की इस साल जो गलती हुई, उसे बच्चा समझ के माफ़ कर देना । क्यों की मै गलती की ही नहीं, और की भी होगी तो याद नहीं। इसलिए आप भी यही कीजिए😂 arya arys (ajit) #अलविदा मजाकिया अंदाज#२०१९
Kailas Thakare
मनरुपी दानव, की मनरुपी देव; जयासी जमले कलविने मना, तोची जगा जिंकला एकमेव; वाईट चटकन जळे, सोडियासी अंग थरथरे; चांगुलाचे हळुवार पाढे, kt म्हणे, सुटती चटकन का कुठलेच सळे; ©Kailas Thakare #yogaday ११-०९-२०१९
Ekta Gour
नये साल का आनंद उठाइए ये, हर पल को जीते जायइए ये, नये साल की शुभकामनाएं आप सभी को..! #all #newyear #२०१९ #yqdidi #yqbaba #yqhindi
Hitesh Saini(पथिक)
कभी कभी यूं लगता है जीवन कुछ है ही नहीं कभी कभी लगता है बस यही है ज़िन्दगी कभी कभी तो राहों में बस अकेला ही चलता हूं कभी कभी हर मोड़ पर भीड़ से घुलता मिलता हूं कभी कभी घबरा जाता हूं खुद के अंदर झांक कर कभी कभी मुस्का देता हूं अपना प्रतिबिंब देख कर कभी कभी आते है रातो को वो सपनों में कभी कभी भर जाते है बातो और जज्बातों में कभी कभी में खुद को खुद से बेगाना लगता हूं कभी कभी बस खुद को ही जाना पहचाना लगता हूं कभी तो लगता है बस कभी कभी का खेल है कभी कभी ये लगता है बस पल दो पल का मेल है कभी कभी की बातों में जैसे कभी खो जाता हूं कभी कभी यूंही सुंदर सपनों में सो जाता हूं कभी कभी अनजाने में किस्से कहानिया बन जाते है कभी कभी चाह कर भी जज्बात अधूरे रह जाते है कभी कभी तो अपने भी पराए लगते है कभी अजनबियों से भी रिश्ते गहरे लगते है कभी कभी कर के सब कुछ जनोगे क्या अभी चलो बस अब चलते है मिलेगे कहीं फिर कभी -हितेश (पथिक) कभी कभी #कविता २५ November २०१९ please read