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Vandana Rana
Google महान है आपका व्यक्तित्व,अब आपको इस धरती ने खोया है, आपके निधन पर यह आसमां भी फूट-फूटकर रोया है।😓 ©Vandana Rana महान है आपका व्यक्तित्व,अब आपको इस धरती ने खोया है, आपके निधन पर यह आसमां भी फूट-फूटकर रोया है।😓#Manmohan_Singh_Dies
महान है आपका व्यक्तित्व,अब आपको इस धरती ने खोया है, आपके निधन पर यह आसमां भी फूट-फूटकर रोया है।😓Manmohan_Singh_Dies
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे हैं, सर्दी ने रोका हर काम। हिम्मत भी थरथर कांप उठी, लिपटे हम गर्म चादर में। उठकर मुंह धुलना भी दुश्वार है, किसने बर्फ डाल दी पानी में? कौन है जो यूं कहर ढा रहा, पूरे गांव को कैद किया है घर में? राह अंधेरी, जमी हुई है, थोड़ी उम्मीद बची है मन में। चलता हूं बस सहारे इसके, जो दिख रहा टॉर्च की रोशनी में। शिथिल पड़े हैं मेरे जज्बात, आलस ने ले लिया गिरफ्त में। यह कैसा दिन, एक पल न सुहा, सिकुड़ा पड़ा हूं एक चादर में। हर कदम जैसे थम सा रहा, जीवन को ढो रहा धुंध में। क्या कभी सूरज की रौशनी लौटेगी, या मैं यूं ही खो जाऊं रजाई में? ©theABHAYSINGH_BIPIN #coldwinter कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे
#coldwinter कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे
read moreदोस्ती की दुनिया का king
भगवान श्रीराम के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें: 1. अवतार: भगवान राम को भगवान विष्णु का सातवाँ अवतार माना जाता है। उन्होंने अधर्म का नाश करने
read moreShivkumar barman
ये रिमझिम से मौसम ने सुनी हो गई सारे सड़के, ये बारिश और साथ तुम्हारा ही चाहूँगी .. ठंड से जब मुझे लगे कपकपी तो , तुम मुझे अपने बांहों की चादर से ढंकना चाहूँगी... ये बारिश की बूंदे भी ये प्यासी धरती को भींगा रही, अपने प्रेम की सदा से उसकी प्यास बुझा रही.. तुम भी अपनी प्रेम से मुझे भी सजाओ न मैं तुम्हारे उस प्रेम से संवरना चाहूँगी * माना कि कुछ खता हमसे हुई तो कुछ तुमसे हुई है मै अब सब कुछ भूलना चाहूँगी जो मैने किया फिर से मैं तुम संग यु जीना चाहूँगी मैं-और तुम फिर से एक नए सपने को बुनना चाहूँगी मौसम की ये पहली बारिश और तुम्हारे संग भींगना चाहूँगी थाम के तेरा हाथ सदा से भीगी सड़क पे चलना चाहूँगी मैं बेफिक्र होकर अब तुझमें ही खोना चाहूँगी तुमसे कभी रूठना तो कभी तुझे मनाना चाहूँगी हमसे जो खुशियों के पल कही खो गए है उन्हें तुम संग फिर से संयोज कर जीना चाहूँगी ©Shivkumar barman बारिश और साथ तुम्हारा ये रिमझिम से मौसम ने सुनी हो गई सारे सड़के, ये बारिश और साथ तुम्हारा ही चाहूँगी .. ठंड से जब मुझे लगे कपकपी तो , तुम
बारिश और साथ तुम्हारा ये रिमझिम से मौसम ने सुनी हो गई सारे सड़के, ये बारिश और साथ तुम्हारा ही चाहूँगी .. ठंड से जब मुझे लगे कपकपी तो , तुम
read moreShivkumar barman
!! दिसंबर आभार करने का महीना है !! दिसंबर आभार करने का महीना है ये साल भर के तजुर्बों की पोटली है जिसमें 11 महीने लंबी डोरी से गाँठ लगी है दिन छोटे हो जाते हैं , पर दिल बड़े होते हैं इस महीने में जनवरी की शुरूआत में ख़ुद से किए गए वादों का अब हिसाब किताब होता है .. .. जो पूरे हुए उन पर गुमान होता है , और जो नहीं हो पाये उनको कुछ बदलाव के साथ अगले साल फिर डायरी में लिख लिया जाता है !! पूरे साल की रील मानो सामने घूमती है और कभी थोड़ी सी मुस्कुराहट और कभी थोड़ी उदासी ले आती है चेहरे पर। अच्छा बुरा जैसा भी समय निकला पर उस की रेत बजरी समेट कर उम्मीद के सीमेंट में मिला कर फिर एक नया मकान बनाना है .. अगले साल का यूँ तो जनवरी और दिसंबर में एक दिन की ही दूरी है पर फ़ासला एक साल का। ऐसा लगता है जैसे जनवरी धरती है और दिसंबर है अंबर, और क्षितिज पर ये दूर से एक रात के लिए मिलते दिखते हैं। 31 तारीख़ को ….तुम छोड़ जाओगे दिसंबर की तरह और हम बदल जायेगें जनवरी की तरह...। ©Shivkumar barman !! दिसंबर आभार करने का महीना है !! दिसंबर आभार करने का महीना है ये साल भर के #तजुर्बों की पोटली है जिसमें 11 महीने लंबी डोरी से गाँठ लग
!! दिसंबर आभार करने का महीना है !! दिसंबर आभार करने का महीना है ये साल भर के तजुर्बों की पोटली है जिसमें 11 महीने लंबी डोरी से गाँठ लग
read moreनवनीत ठाकुर
White संयोग की साजिश नहीं, ये है मेरे कर्म की चाल, हर दास्तां में बयां हुआ, मेरा ही हाल। जो गलत हुआ, उसमें किस्मत का नहीं कोई हाथ न कोई कसूर, सारी ज़िम्मेदारी लेता हूं मैं अपने सर, चाहे हो आकाश या धरती का दूर। जो गलती हुईं, वो अक्स थी मेरी ही रचना की, पर जो कुछ मिला अच्छा, वो है सिर्फ छाया किस्मत की।। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर संयोग की साजिश नहीं, ये है मेरे कर्म की चाल, हर दास्तां में बयां हुआ मेरा ही हाल। जो गलत हुआ, उसमें किस्मत का नहीं कोई हाथ न कोई
#नवनीतठाकुर संयोग की साजिश नहीं, ये है मेरे कर्म की चाल, हर दास्तां में बयां हुआ मेरा ही हाल। जो गलत हुआ, उसमें किस्मत का नहीं कोई हाथ न कोई
read moreबादल सिंह 'कलमगार'
मिट्टी की ये धरती सारी... #badalsinghkalamgar Poetry Love #Hindi Arshad Siddiqui Rudra magdhey Abhijeet Praveen Jain "पल्लव" vimlesh G
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
स्वलिखित पंजाबी रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक तेरी अकड़ (ਤੁਹਾਡਾ ਹੰਕਾਰ) विधा ज़िन्दगी के वैचारिक भाव ਜੀਵਨ ਦੀਆਂ ਵਿਚਾਰਧਾਰਕ ਭਾਵਨਾਵਾਂ भाव वास
read moreAnuj Ray
White धरती पे स्वर्ग की कल्पना को, अपनी आंखों से साकार होते देखने का मन करे, शिशिर ऋतु के शुरुआती दौर में, पहाड़ पर्वत की बर्फीली वादियों का भ्रमण करें। ©Anuj Ray # धरती पे स्वर्ग"
# धरती पे स्वर्ग"
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी धरती रौंदी वाहनों से आसमान गैसों से प्रदूषित है कई प्रजातियां लुप्पत हो गयी मानव की लोलुपता से वन्य और चरवाह भूमि हाइवे खा गये रप्तार विकास की बढ़ाने में डीजल पेट्रोल आसमान चढ़ गया हिस्सा कमाई का खाता है इसलिये साइकिल तक सीमित हो जाओ वर्ना खतरे के सिंगल बढ़ने वाले है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #BadhtiZindagi धरती रौंदी वाहनों से
#BadhtiZindagi धरती रौंदी वाहनों से
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