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Unsplash Woh Log Bhi Sabar Ki Baat Karte Hai 🎯🙏 Jinko Intezar Kiseh Kahete Hai Maloom Nahi Aaj Woh Mahefile Apni Sajate Hai 😶🌫️🔪 Magar Zikar Hamara Karte Thakte Nahi 😊💯 ©[ / •-• kasimalilatif •-• \ ] "Today, they gather in their own assemblies,Yet never tire of mentioning us." Even when they gather in their own assemblies, our presence l
"Today, they gather in their own assemblies,Yet never tire of mentioning us." Even when they gather in their own assemblies, our presence l
read moreAvinash Jha
राजनीति का आधुनिक रण राजनीति का रंगमंच अद्भुत है, जहां नायक विलेन से मजबूत है। वादों का जादू, भाषणों की बौछार, जनता का मन भरमाने का व्यापार। सत्ता के संग्राम में छल का खेल, नैतिकता का टूटता हर दिन पहरेदारी जेल। सपनों के सौदागर हर ओर खड़े, कुर्सी के खातिर रिश्ते भी पड़े। नीति-नियम सब कागज में सीमित, राजनीति के रण में धर्म भी विभाजित। जनता के मुद्दे चुनाव के बाद खो जाएं, राजनेताओं के वादे अधूरे रह जाएं। विकास की बात पर झगड़े का स्वर, जाति-धर्म में उलझा हर दर पर। चुनावी चक्रव्यूह का ऐसा प्रचार, सच छुपा, झूठ बना राजदार। हर कोई नेता, हर कोई ज्ञानी, पर कौन सुधारेगा जनता की कहानी? यह राजनीति है, व्यंग की मिसाल, जहां सत्ता की माया है सबसे बेमिसाल। ©Avinash Jha #protest
C2
इन दिनों कुछ शब्द है जो गूंज रहे है देश में असल में चुभ रहे है भविष्य के कानों में मॉब लिंचिंग से मौत और दंगे,अब हैरान नहीं करते खौंफ जगाते हैं बहुतों को अपने आज और कल के होने में कभी संभल तो कभी अजमेर, मणिपुर का तो अभी जिक्र भी नहीं आग की लपटें, चारों और धुआं ही धुआं और पथराव ये तस्वीरे हर रोज की खबर है, जिसे मैं देखना नहीं चाहता मैं भविष्य आज खड़ा हूं इस असीम शोर-नहीं-बवाल में शिमला कितना ठंडा है... फिर उसमें ऊबाल क्यों कुछ तो गलत है शायद सही सुझाव सोच से परे है क्या किसी को शांति पसंद नहीं जिस पर अमल हो क्या कोई सुलगती आग को बुझाना नहीं चाहता मैं भविष्य, ऐसा भविष्य बिल्कुल नहीं चाहता वक्त रहते इसका अंत हो, समस्या का निदान हो ये सूरज की लालिमा का रंग सूरज से ही निकले तो अच्छा है धरती से सूरज को जाएगा तो सब कुछ जलना ही है मुझे तो कल में जीना है और ज्वलंत लपटें चुभ रही है मैं भविष्य, ऐसा भविष्य बिल्कुल नहीं चाहता क्या कोई सुलगती आग को बुझाना नहीं जानता।। -C2 . ©C2 #protest #peace #justice #harmony #poem