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Amar Anand
-मिशाल अमरता की- रात ये कह रही है सो क्यों रहा है तू... मंजिलों से दूर अपने भटक क्यों रहा है तू... सब जब सो रहे हैं केवल तू जागता रेह.. लक्ष्य की ओर अपनी आहिस्ते कदम बढ़ाता रेह.. अभी कोसों दूर हैं मंजिलें सो के क्या तू पा लेगा.... अपने लक्ष्य की ओर निकल समय से जल्दी पा जायेगा.. उचाईयां शिखर की जब तू पा जायेगा... दुनिया की नजरों में नई तू इक मिशाल बन जायेगा.. तब जीत का डंका तेरा जगत में चहुं ओर गूंजेगा... फिर नाम तेरा युगों युगों तक अमरता को पा जायेगा... प्यारे अमरता को पा जायेगा.. - Amar anand #प्रेरणास्रोत
Vijay Thakare
जिंकायच्या उद्देषाने सुरुवात केली तर हारायचा प्रश्नच येत नाही, नेतृत्व आणि कर्तुत्व है कोणाकोडून उसने मिळत नाही ते स्वतःलाच निर्माण करावे लागतात...! #प्रेरणास्रोत🙏🏻
Romil Srivash
ये जरूरी नही की आप सबसे अच्छी जगह पर हो। जरूरी ये है कि आप जहां भी रहो सबसे अच्छे रहो। यही मेरे लिए प्रेरणास्रोत है।
Dheeraj009
Hemant Goyal Agrawanshi
अविनाश पाल 'शून्य'
जिंदगी के दर्द भरे खेल हँसते हुये खेल लेंगें हम, मेरा जिगरी है मेरे साथ तो मुश्किलों के हर थपेड़े भी झेल लेंगें हम। #शून्य #जिंदगी #मुश्किलों #मेरा_जिगरी #तुम्हारासाथ #यारातेरीयारी #प्रेरणास्रोत #दोस्ती_और_तुम मेरे मित्र को समर्पित । 🙇🏻♂️🙇🏻♂️🙇🏻♂️
आशुतोष आर्य "हिन्दुस्तानी"
"हुक्म-ए-सर-ए-बाम को न कर अबस बदनाम, ऐ खाकनशीं! अभी भी ढूंढ रहा है उनके जैसा मुकद्दर कोई!!" ©आशुतोष आर्य "हिन्दुस्तानी" करोड़ों के नायक और करोड़ों के प्रेरणास्रोत है ये। किसी के बदनाम करने से धूमिल नहीं होने वाले।।
Shravan Goud
हमेशा प्रसन्न रहे और आपका जीवन सरल एवं सहज रहा। आप हमेशा हमारे लिए प्रेरणास्रोत बने रहे। कोटी कोटी नमन 🙏🙏 हमेशा प्रसन्न रहे और आपका जीवन सरल एवं सहज रहा। आप हमेशा हमारे लिए प्रेरणास्रोत बने रहे। कोटी कोटी नमन 🙏🙏
कवि राहुल पाल 🔵
गाँव (हाइकू 5-7-5 वर्ण) ) ★****************************★ भोर की वेला_ पनिहारिन_ हलधर निकला_ बतियाती मन की_ खेत की ओर..! सुने पोखरे..! चिड़ियाँ गाती_ सुंदर रस्ते_ गांव की पगडंडी_ दुआ-नमस्ते करे_ ख़ूब बुलाती..! ख़ूब रिझाते..! गोबर -पुती_ तन माटी का_ झोपड़ी सहती है_ माटी में ही खिलता_ हर मौसम..! जीवन जीता..! कृषक भरे_ खेतों ने ओढ़ी_ खिलहान में खान_ हरी-हरी ओढ़नी_ अन्न अनाज..! वो इठलाए..! टूटे सपने_ शहर उगा_ गांव की खुशियों के_ खंड-खंड टूटता_ बसा शहर..! गाँव गरीब ..! ★******************************★ प्रेरणास्रोत - अंकित सारस्वत भैया जी लेखक:- कवि राहुल पाल दिनाँक -२८/०६/२०२० पूर्णतया स्वरचित मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित #Nojoto #nojoto