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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
सुना अयोध्या में बापू अब , राम-सिया जी आयेंगे । मैं भी दर्शन करना चाहू , आप मुझे ले जायेंगे ।। सुना अयोध्या में बापू अब..... गाँव-गाँव में होती चर्चा , सजी अयोध्या नगरी है । किसी हाथ में कन्नी बसुली , किसी शीश पर गगरी है ।। राम सिया मय हुई अयोध्या , हम भी देखन जायेंगे । मैं भी दर्शन करना चाहूँ ..... हस्त शिल्प के कारीगर ने , प्रभु राम छवि उकेरी है । उसे देखने में सब कहते , लेकिन थोडा देरी है ।। मंत्रो उच्चारण से उसमे , प्राण बिठाये जायेंगे । मैं भी दर्शन करना चाहूँ .... नल-नील सी लगी है सेना , राम लला के दरवाजे । भक्त भुला बैठे अपनो को , राम सिया शरण विराजे ।। राम काज सब ही अब करके , धन्य सभी हो जायेंगे । मैं भी दर्शन करना चाहूँ .... राम-नाम जो मिश्री चख ले , उसे भूख प्यास न लगती । कोई भी फिर नब्ज़ दबा लो , फिर पीर नहीं सुन उठती ।। पूछो उन भक्तों से कैसे , सोहर गाये जायेंगे ।। मैं भी दर्शन करना चाहूँ .... सुना अयोध्या में बापू अब , राम-सिया जी आयेंगे । मैं भी दर्शन करना चाहू , आप मुझे ले जायेंगे ।। ३०/१२/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सुना अयोध्या में बापू अब , राम-सिया जी आयेंगे । मैं भी दर्शन करना चाहू , आप मुझे ले जायेंगे ।। सुना अयोध्या में बापू अब..... गाँव-गाँव म
KP EDUCATION HD
KP NEWS HD कंवरपाल प्रजापति समाज ओबीसी for the same for me to ©KP NEWS HD आज के इस आर्टिकल में भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं कैसे इसे महामंत्र कहा गया, कैसे इसकी उत
Rakesh frnds4ever
विश्व की श्रेष्ठतम भाषा जिसमें विचारों की अभिव्यक्ति व सृजनशीलता सहज,स्वाभाविक एवम् स्पष्ट है ऐसी भाषा जो विकारों एवम व्याधियों को दूर करती है जिसके उच्चारण मात्र से रोगों से मुक्ति मिलती है ऐसी भाषा जो आपको सभ्य, संस्कारी ओर सदाचारी इंसान बनाती है जो आपकी संस्कृति सभ्यता का मूल है,, जो की विश्व की इंसान को जानवर बनाने वाली पाश्चात्य रद्दी भाषा अंग्रेजी की तरह चोरी की नहीं है,,... हिंदी है हम वतन हैं,,.... ©Rakesh frnds4ever #Hindidiwas #विश्वहिंदीदिवस #विश्व की श्रेष्ठतम #भाषा जिसमें विचारों की अभिव्यक्ति व #सृजनशीलता सहज,स्वाभाविक एवम् स्पष्ट है ऐसी भाषा
Vandana Rana
अपने शब्दों का उच्चारण ठीक वैसे ही करें जैसा आप सामने वाले से चाहते हैं🙏🏻 ©Vandana Rana अपने शब्दों का उच्चारण ठीक वैसे ही करें जैसा आप सामने वाले से चाहते हैं🙏🏻
sayyed Kamaal haider
someone special
कि माना मैं हिंदू तू मुसलमान, बस यही एक बवाल है ना, माना हमारा धर्म अलग है, मगर खून का रंग तो लाल है ना, हां यह भी एक कुदरत का ही कमाल है ना, कि मैं हिंदू तू मुसलमान, बस यही एक बवाल है ना, माना हम लाल रंग को पूजते हैं, और तू हरे की दीवानी है, कभी तू लाल और हम हरे को मान कर देखे ना, दो मझबो को एक समान करके देखे ना, क्यों तेरा ख्याल आने से पहले, ये सोचना पड़ता है कि, मैं हिंदू हूं और तू मुसलमान है ना, हमारा धरम अलग है तो क्या हुआ, खून का रंग तो लाल है ना, और तुम्हारे यहां ईद पर सेवई, और हमारे यहां दिवाली पर खीर बनती है, दोनों का नाम अलग है तो क्या हुआ, दोनों का रंग सफेद, और दोनों में मिठास तो एक समान है ना, फिर क्यों तेरा ख्याल आने से पहले यह सोचना पड़ता है कि, मैं हिंदू हूं और तू मुसलमान है ना, माना हमारा धर्म अलग है, मगर खून का रंग तो लाल है ना, हां मैंने कभी रोजा तो नहीं रखा, मगर अफ्तारी जरूरी खाई है, हां माना मैं मंदिरो में माथा टेंकता हूं, लेकिन, उसका सदगे मैं मजार पर सिर भी झुकाता हूं, हां मैंने खुदके लिए कुछ नहीं मांगा तो क्या हुआ, उसकी सलामती का कलमा मैं आज भी पढ़ता हूं, फिर क्यों उसका ख्याल आने से पहले, यह सोचना पड़ता है कि मैं हिंदू हूं और वह मुसलमान है ना, माना हमारा धर्म अलग है, मगर खून का रंग तो लाल है ना, हां यह भी एक कुदरत का ही कमाल है ना, कि मैं हिंदू तू मुसलमान बस यहीं एक बवाल है ना...! ---(GUSTAKHI MAAF) ©someone special कि माना मैं हिंदू तू मुसलमान, बस यही एक बवाल है ना, माना हमारा धर्म अलग है, मगर खून का रंग तो लाल है ना, हां यह भी एक कुदरत का ही कमाल है
N S Yadav GoldMine
अगर वो एक साथ काम करते तो शायद सफलता प्राप्त करते पर आपस में लड़कर दोनों के बिच ब्राह्मण फायदा उठा गया !! 🎀🎀 ब्राह्मण चोर और राक्षस की कहानी {Bolo Ji Radhey Radhey} 🍄 एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण था। वह गांव से भिक्षा मांग कर अपना गुजरा करता था। उसके पास सर्दी और गर्मी के लिए भी पर्याप्त कपडे नहीं थे। एक दिन जब वह भिक्षा मांगने के लिए गांव गया तो एक यजमान ने उसे बैलों की जोड़ी भिक्षा में दी। 🍄 ब्राह्मण ने भी उसे उन्हें भिक्षा मांग-मांग कर घी और अन्य सामान से उन्हें बहुत तगड़े बना दिया। लेकिन ब्राह्मण के घर से गुजरते हुए एक चोर ने उन्हें देख कर सोचा- इन बैलों को मैं आज रात चोरी करूँगा और इन्हे बेचकर बहुत धन कमाऊंगा। 🍄 चोर रात में ब्राह्मण के घर को निकल पड़ता है लेकिन रस्ते में उसे एक लाल आँखों वाला, लम्बी नाक वाला, बड़े-बड़े दांतो वाला और सुखी हुयी चमड़ी वाला बहुत तगड़ा राक्षस दिखाई पड़ता है। चोर उससे डर जाता है वह भागने ही वाला होता है कि राक्षस उससे पूछता है – अरे! तुम कहाँ जा रहे हो। 🍄 चोर डरता हुआ कहता है- मैं ब्राह्मण के घर बैलों की चोरी करने के लिए जा रहा हूँ। राक्षस कहता है -तुम डरो मत हम एक ही काम करते है तुम बैल चुरा लेना और मैं ब्राह्मण को खा लूंगा इसलिए हम इकट्ठा चलते हैं। 🍄 दोनों ब्राह्मण के घर पहुँच जाते हैं और राक्षश कहने लगता है -पहले मुझे ब्राह्मण को खाने दो, अगर बैलों की चोरी करते समय आवाज हुयी तो वह जाग जायेगा और मुझे भगा देगा। चोर कहता है – नहीं पहले मुझे बैलों की चोरी करने दो अगर ब्राह्मण को खाते समय तुमसे कोई गलती हो गयी तो वह उठ जायेगा और हमें भगा देगा। 🍄 दोनों में शत्रुओं की तरहं लड़ाई हो जाती है और शोर-शराबे से ब्राह्मण जाग जाता है। राक्षश को देख वह अपने देवता के मन्त्रों के उच्चारण लगता है, मंत्रो की शक्ति से राक्षस भाग जाता है और चोर को तो वह डंडे से ही डरा कर भगा देता है। कहानी की शिक्षा:- 🍄 आपस में लड़ते हुए शत्रु हितकारी होते हैं जैसे चोर और राक्षस ब्राह्मण के शत्रु थे अगर वो एक साथ काम करते तो शायद सफलता प्राप्त करते पर आपस में लड़कर उन दोनों के बिच से ब्राह्मण फायदा उठा गया। ©N S Yadav GoldMine #boat अगर वो एक साथ काम करते तो शायद सफलता प्राप्त करते पर आपस में लड़कर दोनों के बिच ब्राह्मण फायदा उठा गया !! 🎀🎀 ब्राह्मण चोर और राक्षस क
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
रसूले खुदा का नियम है यही अब । नही ईद हो चाँद आने से पहले ।।१० मुझे चाँद मेरा न आया नज़र है । नही जश्न हो चाँद आने से पहले ।।११ मुबारक सभी को प्रखर ईद की दो । सेवई सुनो आज खाने से पहले ।।१२ २१/०४/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR रसूले खुदा का नियम है यही अब । नही ईद हो चाँद आने से पहले ।।१० मुझे चाँद मेरा न आया नज़र है । नही जश्न हो चाँद आने से पहले ।।११ मुबारक सभी