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Manish Kumar Savita
मालिक ये जो 710 रुपए के सिलिंडर में 20 रुपए सब्सिडी दे रहे हो, ये तुरंत बंद कर दो नहीं तो घर पे इनकम टैक्स का छापा पड़ जाएगा और जो ये रुपए बंचे तो आपने "कौशल विकाश योजना" शुरू की थी,इस योजना के तहत जिस भी भाई_बंधु को नौकरी मिली हो उनकी सैलरी बांध दो,ये भी न कर सको तो अपने कार्यालय में पुताई करवा लो,लेकिन ये सब्सिडी का ढोंग बंद कर दो।। #Manish Kumar Savita ©Manish Kumar Savita #सब्सिडी
Ek villain
सरकारी खजाने से खैरात बांटने की होड़ शीर्षक से लिखे आलेख में भरत झुनझुनवाला ने कुछ प्रश्न खड़े किए हैं जिन पर हमारी नीति निर्धारक हो और राजनीति को को ध्यान देना चाहिए यह सही है कि सब्सिडी का मुख्य उद्देश्य जनता को किसी विशेष दिशा में बढ़ाने के लिए प्रेरित करता होगा होगा जैसे कृषि के क्षेत्र में सब्सिडी ने देश में उत्पन्न बढ़ाने में बॉडी भूमिका निभाई है लेकिन अनंत काल तक सब्सिडी देते रहना किसानों और कृषि के हित में नहीं है इसलिए 2006 में आई डी एम एस स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि योजनाओं को सब्सिडी बढ़ाने से बचा जाना चाहिए कृषि को आधुनिक सुविधाओं से सशक्त बनाने की आवश्यकता है इसी तरह डॉ आर एस कमेटी की 2019 में आई रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में सबसे अधिक बढ़ गया है इसको बढ़ाने में राजनीतिक कारण ज्यादा है इससे कृषि की समस्या का निवारण नहीं हो रहा इस रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 में केंद्र और राज्य सरकार ने 2 पॉइंट 1400000 करोड रुपए कृषि सब्सिडी पर खर्च किए अगर हम इसे कर्ज माफ की धनराशि भी शामिल कर ले तो सब्सिडी की यह राशि 300000 करोड रुपए हो जाती है जो कि देश में कृषि के विकास के लिए दी गई राशि से लगभग 6 गुना ज्यादा है इसका अर्थ है कि देश में कृषि के विकास संबंधी आधारभूत ढांचा खड़ा करने पर बहुत कम खर्च हो रहा है इससे सब को ध्यान में रखकर कमेटी ने सिफारिश की है कि सभी तरह की सब्सिडी को अच्छा फिर से विधायक अपनाएं प्राकृतिक संसाधन पर कुशल उपयोग करना nw4 करना उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ाना तथा पशु प्रदूषण सुरक्षा के उपाय को अपनाने के लिए प्रोत्साहित के रूप में परिवर्तित किया जाए ©Ek villain # सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने की जरूरत #RepublicDay
Rajendra Joshi
#संस्कार और #वीरता #खून में होते हैं, #ये #सरकार की #सब्सिडी से नहीं मिलते हैं !!✌️🚩 Pandit
TARUN KUMAR VIMAL
जैसे कर्म करोगे ऐसा फल मिलेगा जरुरी नहीं सब्सिडी भी मिल सकती है 🤪🤪🤪 #tarun_kumar_vimal जैसे #कर्म करोगे ऐसा #फल मिलेगा #जरुरी नहीं #सब्सिडी भी मिल सकती है 🤪🤪🤪 #Happy #tarun_kumar_vimal #tarunkumarvimal #happy_life_captures #li
avialfaaz
मँहगाई जोरों-सोरों से बढ़ रहीं हैं सब्सिडी के नाम सिर्फ़ चिल्लर बट रहीं हैं हुकूमत करने वाले हुकूमत किए जा रहे हैं अच्छे दिन की चाह में सिर्फ उम्र कट रहीं हैं मँहगाई जोरों-सोरों से बढ़ रहीं हैं ✍अविनाश दुबे ©_avialfaaz_mr_ad_ मँहगाई जोरों-सोरों से बढ़ रहीं हैं सब्सिडी के नाम सिर्फ़ चिल्लर बट रहीं हैं हुकूमत करने वाले हुकूमत किए जा रहे हैं अच्छे दिन की चाह में स
Gaurav Upadhyay
STORY:- THE PARABLE OF THE PIPELINE एक सुंदर गांव में दो मित्र रहते थे। PABLO और BRUNO. ये दो नौजवान एक बेहतर जिंदगी का सपना देखते थे। हमेशा अपने सपनों के बारे में बातें करते क
Babul Inayat
जन सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई एक जानकारी से खुलासा हुआ है कि पूर्व सांसदों की पेंशन पर कुल 70,50,00000 रु (70 करोड़ 50 लाख ) वार्षिक खर्च किया जाता है। ज्ञात हो कि सांसदों की न्यूनतम पेंशन 25000 प्रतिमाह होती है। जिसमे 5 वर्ष से ज़्यादा कार्यकाल के लिए अगले हर वर्ष पर 2000 रु प्रति माह अतिरिक्त वृद्धि होती है। यहाँ तक तो सब ठीक है। अब असली खेल की तरफ ध्यान दीजिए। जब लोकसभा सचिवालय से कुल पेंशनर सांसदों की संख्या पूछी गयी तो जबाब 3849 बताया गया। इसी प्रकार राज्यसभा के पेंशनर्स एमपी की संख्या 847 बताई गई। कुल मिलाकर योग 4796 हुआ। ठीक यही संख्या जब पेंशन देने वाले केंद्रीय पेंशन लेखा विभाग से पूछी गयी तो जबाब चौंकाने वाला था। इस विभाग के अनुसार लोकसभा के कुल पेंशनर्स एमपी 1470 और राज्यसभा के कुल पेंशनर्स 708 हैं। जिनका कुल योग 2170 है। गौर कीजिए सचिवालय कुल पेंशनर्स सांसदों की संख्या 4796 बता रहा है और वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाला केंद्रीय पेंशन लेख विभाग ये संख्या 2170 बता रहा है। अब सवाल ये है कि दोनों की संख्या के अंतर 2618 वाले पेंशनर्स एमपी कौन हैं ? ये बहुत बड़ा घोटाला प्रतीत होता है। ये वो देश है जिसमे करोड़ों रु का विज्ञापन देकर आम जनता से गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील की जाती है। रेलवे में सफर करने वाले लाखों बुजुर्गों से सब्सिडी छीन ली जाती है और राहुल बजाज, संजय डालमिया जैसे उद्योगपति पूर्व सांसद की पेंशन पाते हैं। काश आर्थिक रूप से मजबूत पूर्व सांसदों, विधायकों को भी पेंशन छोड़ने के लिये कहा जाता ! कहावत भी है कि 'पर उपदेश,कुशल बहुतेरे । जन सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई एक जानकारी से खुलासा हुआ है कि पूर्व सांसदों की पेंशन पर कुल 70,50,00000 रु (70 करोड़ 50 लाख ) वार्षिक खर्
Divyanshu Pathak
Good morning ji 💕👨🍉🍉🍉🍉☕☕☕ : Repost🌷🐒........💐02💐 : विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🌷🐒 : : पूरे देश को सोने की उपज देने वाले पंजाब और हरियाणा कैंसर से सहम उठे। वहां से रोज कैंसर ट्रेन बीकानेर आ रही है। सोने की उपज पंजाब से श्रीगं