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Yashpal singh gusain badal'
White ये गिरगिट और ये दगाबाज कब मरेंगे, ये संगीत को कुचलते अल्फ़ाज़ कब मरेंगे । ख़िजायें रहबर से खपा थीं इस कदर , कहेंगे क्या लोग अगर वो बहारों में मरेंगे। ©Yashpal singh gusain badal' #शेर
Yashpal singh gusain badal'
White कब तलक ये दुश्मनी निभाओगे , आखिर एक दिन थक ही जाओगे, ©Yashpal singh gusain badal' #शेर
Naushad bin Sharif
जीने का बस यही अंदाज रखो लेकिन जो तुम्हें ना समझ उसे नजरंदाज कर दो। ©Naushad bin Sharif जीने का बस यही अंदाज रखो लेकिन जो तुम्हें ना समझ उसे नजरंदाज कर दो
जीने का बस यही अंदाज रखो लेकिन जो तुम्हें ना समझ उसे नजरंदाज कर दो
read moreGaurav pawar
White दे का पता नहीं, लेकिन जब तक जिंदगी रहेगी तब तक आपके साथ चलेंगे ! ©Gaurav pawar #Thinking दे का पता नहीं, लेकिन जब तक जिंदगी रहेगी तब तक आपके साथ चलेंगे !
#Thinking दे का पता नहीं, लेकिन जब तक जिंदगी रहेगी तब तक आपके साथ चलेंगे !
read moreVIKHYAT REKWAR
White माँ पर ख़ूबसूरत शेर का लुत्फ़ लीजिए, पढ़िए माँ पर बेहतरीन शेर देवनागरी, रोमन और उर्दू में सिर्फ़ रेख़्ता पर. ©VIKHYAT REKWAR #माँ पर ख़ूबसूरत शेर का लुत्फ़
#माँ पर ख़ूबसूरत शेर का लुत्फ़
read moreVIKHYAT REKWAR
White माँ पर ख़ूबसूरत शेर का लुत्फ़ लीजिए, पढ़िए माँ पर बेहतरीन शेर देवनागरी, रोमन और उर्दू में सिर्फ़ रेख़्ता पर. ©VIKHYAT REKWAR #माँ पर ख़ूबसूरत शेर का लुत्फ़
#माँ पर ख़ूबसूरत शेर का लुत्फ़
read moreनवनीत ठाकुर
चल पड़े हैं तो मुसाफ़िर नहीं रुकने वाले, मंज़िलें कहती हैं, रस्ते भी झुकने वाले। ज़िंदगी शेर थी, अब शेर मैं बन बैठा, जो मुझे खा नहीं पाया, वो सबक बन बैठा। तूफ़ानों से लड़ने का हुनर सिखा दिया, नाव डूब भी गई तो समंदर बना दिया। राह मुश्किल थी, मगर इरादा बुलंद था, ख़ुद को हारा नहीं समझा, यही फ़र्ज़ था। जंग जीतेंगे वही, जो लड़ने का हौसला रखें, हार भी सर पे सजे, वो विजेता बनें। मौत भी कहती रही, मुझसे किनारा कर ले, मैंने हंसकर कहा, जीने का सहारा कर ले। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर चल पड़े हैं तो मुसाफ़िर नहीं रुकने वाले, मंज़िलें कहती हैं, रस्ते भी झुकने वाले। ज़िंदगी शेर थी, अब शेर मैं बन बैठा, जो मुझे ख
#नवनीतठाकुर चल पड़े हैं तो मुसाफ़िर नहीं रुकने वाले, मंज़िलें कहती हैं, रस्ते भी झुकने वाले। ज़िंदगी शेर थी, अब शेर मैं बन बैठा, जो मुझे ख
read moreAnil Mishra Prahari
White शेर - सा दहाड़ तुम। बल असीम पास रख लहू, उत्तप्त साँस रख, प्रचंड तेज, ताप से झुका खड़ा पहाड़ तुम शेर - सा दहाड़ तुम । हो लौह -पाश तोड़ दे तू उग्र धार मोड़ दे, अखण्ड ज्योति के लिए तिमिर-चरण उखाड़ तुम शेर - सा दहाड़ तुम । चुनौतियाँ हैं कम नहीं पर आँधियों में दम नहीं, अनर्थ बात सोचकर गला न वीर हाड़ तुम शेर - सा दहाड़ तुम । ©Anil Mishra Prahari #शेर