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Ganesh Kumar Verma
मुर्दों का शहर... क्या आये थे करने, क्या करने लगे हैं, जिन्दा हीं कब थे, जो मरने लगे हैं। घायल है कोई लथफ्त ,सड़क पे पड़ा है, भूखा है कोई अधनंगा, सड़क पे खड़ा है। अपने बदन का जनाजा उठाये, लोग चुपचाप आगे बढ़ने लगे हैं, जिन्दा हीं कब थे, जो मरने लगे हैं। सबको यहां, अपनी -अपनी पड़ी है, देखो कहाँ आके दुनिया खड़ी है। अपने ही लालच की गठरी सजाये , अपने बदन का जनाजा उठाये, कामनाओं की दलदल में धंसने लगे हैं। जिन्दा हीं कब थे, जो मरने लगे हैं। घायल हो ग़र तो बचा कर के रहना, अगर दिलजले हो छुपा कर के रखना, लोग नमक की पुड़िया दबा कर चले हैं, जुबां में ही खंजर लगा कर चले हैं। लोग बातों से अब जख़्मी करने लगे हैं जिन्दा हीं कब थे, जो मरने लगे हैं। क्या आये थे करने, क्या करने लगे हैँ। मन की कलम से..... ©Ganesh Kumar Verma मुर्दों का शहर
ankit saraswat
झटक ना जुल्फ को यूँ सरेराह, जाने कितनों का दिल मचलता है, हो बाग में जो फूल सबसे कोमल, भंवरों का दिल उसी पे अटकता है, है मौसम बरसात का ऐसे में, जब तेरी लट से पानी बूँद बन टपकता है, सच कहता हूँ उस वक्त मुर्दों का भी दिल धड़कता है।। #अंकित सारस्वत# #मुर्दों का भी दिल धड़कता है।।
Rahul Shastri worldcitizens2121
Safar July 10,2019 सत्संग का अर्थ होता है गुरु की मौजूदगी! गुरु कुछ करता नहीं हैं, मौजूदगी ही पर्याप्त है। ओशो सत्संग का अर्थ
Aman Baranwal
मिट्टी का जिस्म और आग सी ख्वाहिशें, खाक होना लाजमी है, क्योंकि आदमी आखिर आदमी है! जीवन का अर्थ
divya...
इश्क़ आज भी है मगर राधा- कृष्ण जैसा नहीं ... होगे एक - आध भी उनके जैसे अगर... तो उनको चैन का जीवन नहीं... लोगो को प्रेम का हर दस्तूर झुटा लगता है... क्योंकि उन्होंने कभी किसी से .... सच्चा प्रेम किया ही नहीं... प्रेम का अर्थ...
Kumar Gunjan
"सफलता" कभी भी अर्थ शिक्षा, पद या गरिमा द्वारा निर्धारित नहीं की जा सकती सफलता एक संतुष्टि हैं, जिसे आप निर्धारित करते है। सफलता का अर्थ
नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।)
जीवन का अर्थ ..........…........... इस पृथ्वी पर मानव आता है, जीता है,चला जाता है। लेकिन जीने का अर्थ कम ही लोग समझ पाते हैं। जिस जीवन में दया,क्षमा,परोपकार न हो उसका कोई अर्थ नहीं होता।त्याग भी जीवन का एक अभिन्न अंग है। लेकिन समय, काल और परिस्थिति के अनुसार कब किसका त्याग करना उचित होगा इसका भी ज्ञान होना बहुत जरूरी है। सुमार्ग पर चलना,कल्याणकारी काम करना ही जीवन का अर्थ होता है। ©नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।) # जीवन का अर्थ।