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Stories related to बचपन है ऐसा खजाना

आधुनिक कवयित्री

बचपन की यादें......

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Sumit Kumar

बचपन की यादें..

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Nurul Shabd

#दिल #का #रिश्ता #एक ऐसा बंधन है

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Mohan Sardarshahari

# नायाब खजाना

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White ज्योतिषी बन हाथ देखना
वह तो एक बहाना था
कइयों को जलाना था
बनाना एक फ़साना था
गुड़ देख मक्खी की तरह
मुझे भी हाथ चिपकाना था
सहेलियों के कहकहों के बीच
तेरा वह नजाकत से हाथ छुड़ाना 
भरता हुआ मेरा जिंदगी भर का
रोमांस का नायाब खजाना था।।

©Mohan Sardarshahari # नायाब खजाना

Anuj Ray

# ऐसा लगता है दिसंबर"

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White ऐसा लगता है दिसंबर"

फिर से पिछली बार की भांति, उतर आया गगन 
से, इस बार भी, चूमने धरती का माथा स्वर्ग से अंबर।

सर्द बाहों में समाने ,आ गई वसुधा भी आँखें मूंदकर ,
बर्फ़ की चादर में लेटा है कोई, ऐसा लगता है दिसंबर।

©Anuj Ray # ऐसा लगता है दिसंबर"

RAMLALIT NIRALA

पैसा एक ऐसा दवा है मेहनत के बाद असर करती है

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Dr. Bhagwan Sahay Meena

बचपन लव शायरियां

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Monu Saini

बचपन# समझदार

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न समझदार हूं  और न ही बनना चाहता हूं 
टेंशन से लबालब जिंदगी छोड़ ऐ मेरे मालिक में तो बचपन में ही जीना चाहता हूं।

©Monu Saini बचपन#  समझदार

Dr.Meet (मीत)

wo बचपन

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White वो बचपन कितना अच्छा था 
प्यार हमारा सच्चा था 
धोखा दगाकुछ ना जाने 
क्यों कि तब में बच्चा था

©डॉ.वाय.एस.राठौड़ (.मीत.) wo बचपन

Rakesh Songara

#बचपन

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बचपन की यादें  किस्से बीते बचपन के आज अर्से बाद पता नहीं क्यों याद आ गए,,
वो खेल-खिलौने कागज़ के,मिट्टी के बर्तन,
बेवजह क्यूँ याद आ गए,,,
वो बेपरवाह बदमाशियां,अठखेलियां, शरारतें सारी,,
‌टूटी फूटी,रंगबिरंगी चूड़ियां प्यारी,,
‌माटी के घरौंदे में घर-घर का खेला,,
‌वो तीज़ त्योहार, गणगौर का मैला,,,
‌वो कुल्फ़ी की चुस्कियों से जुबां की लाली,,
‌मदारी के डमरू पे बजती वो ताली,,
‌अनोखे वो दिन वो बातें पुरानी पता नहीं
‌ क्यों याद आ गए,,,
‌किस्से बीते बचपन के आज अर्से बाद पता नहीं क्यों याद आ गए,,,,,,,
‌सावन के झूलों में घण्टों लटकना,,
‌वो बारिश की बूंदों में छम-छम रपटना,,,
‌फ़टे कपड़ों में भी खुशियां समेटे,
‌वो रेहड़ी से केलों के गुच्छे झपटना,,
‌था जिंदादिल अब से वो बचपन का मौसम,
‌अब तो  हर सांस पे लगता है राशन,,
‌चोट खाके भी हँसने के किस्से पता नही क्यों याद आ गए,,,
‌किस्से बीते बचपन के आज अर्से बाद पता नहीं क्यों याद आ गए,,,,,,,,,,,
             राकेश सोनगरा, सरदारशहर

©Rakesh Songara #बचपन
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