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Stories related to विधवाओं के लिए सरकारी नौकरी

Pravin Mishra

#love_shayari pyari मोहब्बत के लिए...

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White yaha taklif bhi hai our shor bhi 
mujhme himmat bhi hai hun kamjor bhi 
aise toh tum mujhe kho dogi
tumhe mai bhi chahiye? our fir koi our bhi..... *___💔💔🖤❤‍🔥

©Pravin Mishra #love_shayari pyari  मोहब्बत के लिए...

Jay Shri Ram

बुआ के लिए शायरी 2025 नया साल बुआ के लिए शायरी

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Stƴɭɩsʜ Tɩŋkʋ

मोहब्बत और नौकरी #advice&Motivation #subichar

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White मोहब्बत और नौकरी में कोई फर्क नहीं ! इंसान करता रहेगा, रोता रहेगा पर छोड़ेगा नहीं !!

©Stƴɭɩsʜ Tɩŋkʋ मोहब्बत और नौकरी 
#Advice&Motivation #subichar

अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज

नौकरी बजानी होती है सहाब

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White नौकरी बजानी होती है सहाब,
झोला उठाकर निकल जाता हूं 
लौट आता निस्तेज 
मै क्या करूं,
पेट बडा हो गया है मेरा 
सब डकार जाता है 
रद्दी हो या बेकार,
नौकरी बजानी होती है सहाब
पकने लगे है अब बाल मेरे ,
सब पता है फिर भी चलायमान तन मन,
रूकता कहां है थमता कहां है 
हा ठिकाना भी जानता हूं 
साठ के बाद का 
वही पिछले का पुराना पलंग ,
गंदी तकिया  और वो अंतिम पथ का प्रथम कोना।
हास्यपद है फिर भी 
नौकरी बजानी पडती है सहाब।

©अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज नौकरी बजानी होती है सहाब

RUPESH Kr SINHA

#मदत के लिए त्याग ज़रूरी है

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Abhi

#lovelife शायरी मोहब्बत के लिए

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Unsplash ये सातों जन्म का साथ है इसे हम नहीं तोड़ेंगे 
तूने भलाई छोड़ दिया हो हमें हम तुझे नहीं छोड़ेंगे।

©Abhi #lovelife शायरी मोहब्बत के लिए

pramod malakar

#दहेज समाज के लिए श्राप है

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Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #

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सुबह के 5 बज चुके है तो

जमाने ए बंदिश

खैर एक खयाल एक गजल देखिए
रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है
हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है
ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी
अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी
(मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना)
 नही है रही अब फितरत हमारी
मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी
हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से
क्यों हया-ए- आबरू  खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी

(मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) 

इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे  इसे बेफिकर होकर जियो
निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार

©Rahul Varsatiy Parmar #foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #

harshit tyagi

खाने के लिए खुद कामना पड़ेगा...

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White कमाने की सोचो जमाने की नही, 
जमाना सिर्फ दो ही चिज दे सकता है सलाह और ताना

©harshit tyagi खाने के लिए खुद कामना पड़ेगा...

सुमित सागर

ये बैंक सरकारी तो है पर दलाली पूरी रखता है धोका कैसे किया जाए कस्टमर के साथ

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White कैमरा hdhshdudueheudhdudhehehehdbfhd

©अंकुर दा ये बैंक सरकारी तो है पर दलाली पूरी रखता है धोका कैसे किया जाए कस्टमर के साथ
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