Find the Best नौकरी Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutएक छोटी सी नौकरी का तलबगार हूँ मैं lyrics, नौकरी आज की, अनपढ़ नौकरी की तलाश, सेल्समैन की नौकरी gorakhpur, नौकरी की खोज,
Anuradha T Gautam 6280
#नौकरी करने की क्या जरूरत है तुझे #चुना सभी #सपनों को #छोड़कर पर तू उस #लायक_नहीं अब #तुझे छोड़कर सपने चुनना #चाहती_हूं तुम सबका देखने का नजरिया #अलग है क्योंकि मेरा नजरिया बहुत #सही हैं..🖊️ #अनु_अंजुरी🤦🏻🤦🏻♀️ 👏#तानाशाही_VG👏 ©Anuradha T Gautam 6280
बेजुबान शायर shivkumar
White दिवाली 👇 . इस दिवाली मे भी मै घर नहीं जा पाए इस बार भी मैने नौकरी की चाहत ने फिर घर से दूर रखा है..! . मेरे मां पापा आस लगाए थे कि बेटा अब आयेगा पर बेटे को वो भविष्य की चिंता ने मजबूर कर रखा है..! . इस बार दिवाली वो नहीं कमाएगा तो क्या हुआ पर मेरे घर की हालत तो ठीक रहेगी सोचा , . मैने बस यही सोचकर एक बेटे ने खुद को ही अपने घर से दूर रखा है..! ©बेजुबान शायर shivkumar दिवाली 👇 . इस दिवाली मे भी मै घर नहीं जा पाए इस बार भी मैने #नौकरी की चाहत ने फिर घर से दूर रखा है..! . मेरे मां पापा आस लगाए थे कि बेटा अब आयेगा पर बेटे को वो भविष्य की चिंता ने #मजबूर कर रखा है..! .
dimple
बेटियों की तरह त्यौहारों पर ही घर आते है l अब नौकरी करने वाले बेटे भी मेहमान हो गए l ©Dimple Kumar #डायरी_के_पन्ने #नौकरी #बेटे #त्यौहार #मेहमान #घर शायरी attitude शेरो शायरी दोस्ती शायरी लव शायरी गम भरी शायरी
रिपुदमन झा 'पिनाकी'
अजी नौकरी का भी अपना मज़ा है। जहां अपनी चलती नही कुछ रज़ा है। हुकम हाकिमों का बजाते रहो बस- यहांँ ज़िन्दगी हर घड़ी इक क़ज़ा है। दवाबों तनावों की बोझिल फ़ज़ा है। बिना पाप के भोगता नित सज़ा है। सवालों जवाबों से परहेज़ कर चल- यहाँ कोई सुनता नहीं इल्तिज़ा है। रहो जब तलक भी किसी नौकरी में। न कुछ और सोचो कभी ज़िन्दगी में। भुला दो सभी रिश्ते नाते जरूरत- लगा दो अरे आग अपनी ख़ुशी में। नियम हाकिमों के नए रोज बनते। कि साहब यहां ख़ुद ही उलझन में रहते। करें गलतियांँ हम तो सुनते हैं बातें - मगर इनकी ग़लती मुनासिब ही रहते। करो हर घड़ी सबकी तीमारदारी। जताए बिना अपनी कोई लचारी। न छुट्टी, न अर्जी, न आराम कुछ दिन- लगाए रखो नौकरी की बिमारी। ज़हन में ख़याल इसका ही जा-ब-ज़ा हो। अमल हुक़म हो चाहे बेजा बजा हो। चलेगी नहीं हुक्म उदूली एक भी - कि इसमें तुम्हारी न बेशक रज़ा हो। पड़ो चाहे बीमार या मर ही जाओ। मगर नौकरी अपनी पहले बचाओ। न जो कर सको तो अभी बात सुन लो- उठाओ ये झोला तुरत घर को जाओ। कभी कुछ न सोचो सिवा नौकरी के। नहीं तुम हो कुछ भी बिना नौकरी के। चलाता है घर बार यह नौकरी ही - करो रात - दिन हक़ अदा नौकरी के। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©Ripudaman Jha Pinaki #नौकरी
अदनासा-
tripi
जिंदगी में अगर आप असफल पे असफल हो रहे हैं तो ये नहीं सोचना मुझे असफलता क्यों मिल रही है हो सकता हो आपके लिए भगवान झोपड़ी नहीं महल बनाने का सोच रहे हो। ©tripi #आदमी #Insaan #असफलता #Job #नौकरी #इंसान
Er.Atul Kumar Gupta
डिअर सरकारी नौकरी थोड़ा सी कृपा कर दो😒 अब तो मिल भी जाओ यार तुम्हारी वजह से मेरा ब्याह रुका पड़ा हैं😢 अतुल कुमार गुप्ता ©Atul Kumar Gupta #रुकावट #नौकरी
Swati Tiwari
नौकरी कब सौंख से जरूरत बन गई पता ही नहीं चला निकले थे घर से सौंख पूरे करने अब तो जिम्मेदारियां इतनी बड़ी हो गई है की जरुरते भी पूरी नही हो पाती मन करता है वापस उम्र कम हो जाए बैठ जाए पापा के कंधे पर और अपनी ख्वाहिश पूरी कराए छुप जाए मां के आंचल मे और सारी दुनिया की शिकायते उनसे लगाएं कितनी हसीन थी जिंदगी जब हमे सौंख नही था कमाने का नौकरी की आपाधापी में अब सिमट कर रह गया सौंख पूरा क्या होता, खुद के लिए समय भी घट गया स्वाति की डायरी ✍️ ©Swati Tiwari #नौकरी #सौंख #शौख #पापा #मां #जरूरत #सपने
अदनासा-
मैं रहूं या ना रहूं, चंद रोज़ ही सही, मेरा नाम तो रहेगा, पर कहां ? क्या किसी दिल में ! क्या किसी के लब पर ! या मृत्यु प्रमाणपत्र पर ! मैं रह लूंगा इन जगहों पर, मगर किसी दिमाग़ में नही... उपर्युक्त इस पद्य या गद्य व्यंग्य लेख में, कुख्यात स्वघोषित कवि महोदय "अदनासा" जी यह कहने की कोशिश कर रहे है कि.. अरे छोड़ो भी, जाने क्या कहने की कोशिश कर रहा है, यह तो इमोशनल अत्याचार लिख डाला है, मगर वाजिब फ़रमाया है तो वह है, हमारे प्यारे शेक्सपियर दादा जी ने, वो यह कि, "नाम में क्या रखा है' एक हकीकत यह भी कि, सबकुछ तो हमारा "काम" ही तय करता है, उसके बाद हमारा नाम पूछा जाता है... हां.. जी ! बोलिए ? क्या नाम है आपका ? अरे.. भाई पता है मुझे, चाकरी में तो पहले नाम ही पूछते है। ©अदनासा- #हिंदी #व्यंग्य #satire #नाम #काम #नौकरी #Pinterest #Instagram #Facebook #अदनासा
#हिंदी #व्यंग्य #satire #नाम #काम #नौकरी #Pinterest #Instagram #Facebook #अदनासा
read moreशर्मा निखिल
#नौकरी सबको लगता है नौकरी के लिए अपने शहर से चल गया, मगर सच तो ये है की बंदा अपना दिल हार के चल गया, चेहरे पर एक मुस्कान लिए फिरता था निखिल तो हमेशा, वो लड़का तो अपनी सारी ख्वाहिश भी मार के चल गया| ©शर्मा निखिल #duniya