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गुड़िया तिवारी
#भोजपुरी #साहित्य #कविता होली में भौजी लागेली छिछोरी। पहिने के साड़ी पहिने कोरी धोती। बइठे चुहानी पुआ पकवान बनावे, मसखरा में रंग पुआ फेटी में घोरी।। बनावेली पकौड़ी चुन चइली चुनी। दहीबड़ा भीतर से रूई भी मिली। फुलौरी तिलौरी खा के मन डेराला, नाजाने गुझिया ठेकुआ में का मिली।। ✍️गुडिया तिवार ©गुड़िया तिवारी #Holi #भौजी संग होली
veena khandelwal
कान्हा प्रीत का रंग चढ़ा,संग चढ़ी है भंग। आंखें कान्हा ढूंढती,डालूं उन पर रंग। जन जन से मग पूछती, कहां छिपा चितचोर - पूछे रंग गुलाल भी,होली किसके संग।। वृंदावन कोई कहे ,जॅंह कदंब अरु मोर, बरसाना की राधिका,गये कृष्ण उस ओर। मधुबन में कोई कहे,दिखे कर रहे रास- बरसाने -नॅंदगांव तक, ढूंढ रही हर ठौर।। बरसाने की राधिका, कान्हा की जो प्रीत, रंगे बिहारी संग उन, यही है ब्रज की निति। यमुना तट बेनू अधर,गोपि ग्वाल के संग- नहीं हृदय तो चरण में,जगह मिले यह रीति।। अंतस प्रिय कान्हा बिना,होली किसके संग। मतवाली सी घूमती , मुट्ठी में भर रंग। संग किशन राधा दिखी,समझी तब मैं प्रीत- अब अखियन जल सींचती,जुगल जोड़ि के अंग।। वीणा खंडेलवाल तुमसर महाराष्ट्र ©veena khandelwal #Holi होली किसके संग
Shailendra Anand
Village Life रचना दिनांक 14,,,3,,,2024,, वार,,,, शुक्रवार समय काल,, पांच बजे ््््निज विचार ््् ्््््छाया चित्र में भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ स्क्रीन पर मालवी से लोकगीत लोककथा नूक्कड लघु कथा सत्संग प्रेयर निमाडी आदिवासियों की लोक परमपरम्पराऐ में जन मानस जनजीवन पर जिंदगी में पर्व त्यौहार एवं फाग महोत्सव भगोरिया पर्व आदिवासी बहुल इलाकों में इस अवसर पर नयीनवेली नवयुगल में ब्याह शादी विवाह हो जाते है ्््् ्््््् घर आंगन चौक चौराहे पर हुड़दंग मचाने वाले लव में एक स्वर में प्रेम से अन्तर्मन में नाचते गाते नाचने लगे ।। ढोल बाजे बजने लगे नगाड़े बजाकर खुशी में रंगबिरंगे फूल और कांटे पथ्थर से अपनी दिशा लेकर बाजार में ,, शहर में हाट बाजार में एक साथ हंसी ठिठौली करते ।। फाग गायक फागुन गवैया सांझ ढले में ,, एक बार फिर मांद में जाम लगा ताड़ी पीती रहीं है।। ग्राम में शहर से हर एक को राह दिखाने मेंक्या हो प्यारा सा,, जीवन में एक दुसरे को तैयार होकर श्रंगार किया।। छैल छबीला रंग रंगीला बसंत रीतु और फाग महोत्सव,, पर जिंदगी को मस्त कर देख रही है ।। ्््््् ्््भावचित्र ्् ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् ््््््दिनाक ्14 ,,,मार्च,,,2024,,, ©Shailendra Anand #villagelife भगौरियां आदिवासियों में खैलती फागुनी बयार में ढोल बाजे बजने लगे फाग महोत्सव मालवों और निमाडियो में होली की हुड़दंग मची है ्््््
Anand Ji Mayura Ji
सत्य लिखुगां ,सत्य पढुंगा ,डर की कोई बात नही। सत्य धरा है, सत्य गगन है, सत्य से बढ़कर बात नही। ©Anand Ji Mayura Ji आनंद के संग
Arora PR
अगर तुम बहुत दिनों तक़. उसके साथ रहे तो निश्चित ही या तो तुम उस जैसे. हो जाओगे या फिर ये भी हो सकता हैँ कि वो तुम्हारे जैसा हो जाय ©Arora PR संग का रंग