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dilkibaatwithamit
सुनो___❤️ लिखने को तो तुम्हारे प्रेम में, मैं सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना कर डालूँ परन्तु तुम मेरे हृदय में उस स्थान पर विराजती हो जहाँ स्वयं ईश्वर का वास है। तुम्हारे लिए मेरा प्रेम सांसारिक नहीं आत्मिक है। इस प्रेम की अनुभूति नैसर्गिक है, अलौकिक है, अद्भुत है।मेरा ये प्रेम पवित्र है, बिल्कुल तुम्हारी आत्मिक मुस्कान की तरह..!! ©dilkibaatwithamit सुनो___❤️ लिखने को तो तुम्हारे प्रेम में, मैं सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना कर डालूँ परन्तु तुम मेरे हृदय में उस स्थान पर विराजती हो जहाँ स्वयं
सुनो___❤️ लिखने को तो तुम्हारे प्रेम में, मैं सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना कर डालूँ परन्तु तुम मेरे हृदय में उस स्थान पर विराजती हो जहाँ स्वयं
read moreBANDHETIYA OFFICIAL
White तुम्हारी रचना का क्या करूं, कुएं का मेढ़क फिर और नहीं है कोई। सितारे गिनते पल पल कटें, अंधेरा बेशक, फिर और नहीं है कोई। ©BANDHETIYA OFFICIAL #Sad_Status #अनगिनत रचनाएं ! Rakesh Srivastava IshQपरस्त Ravindra Yadav Rajan Singh udass Afzal khan लव स्टोरी 'लव स्टोरीज' शायरी लव
#Sad_Status #अनगिनत रचनाएं ! Rakesh Srivastava IshQपरस्त Ravindra Yadav Rajan Singh udass Afzal khan लव स्टोरी 'लव स्टोरीज' शायरी लव
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
White क़ाफ़िया मिलाएं (दो मिसरे) बड़ी क़शमक़श में ज़िन्दगी हमारी है उलझनें है इतनी कम होने का नाम न लेती हैं बुनियादी दिवार कमजोर इतनी निकली खून के रिश्तों के फ़रेब से टूटकर जो गिरी, बदल गये खून के किरदार गिरगिट सारे रंग हर उस दिल में बसा था गुरुर के सारे ढंग कौन किसका यहां अपना है अरे हमने तो अपने मां पापा के सगे रिश्तेदारों को करीब से बहुत बदलते देखा है, ©संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु स्वलिखित रचनाएं क़ाफ़िया दो मिसरे #wellwisher_taru #Poetry #दोमिसरे #क़ाफ़िया #Nojoto #Life #Trending
स्वलिखित रचनाएं क़ाफ़िया दो मिसरे #wellwisher_taru Poetry #दोमिसरे #क़ाफ़िया Life #Trending
read moreवरुण तिवारी
सर्द रातों की हवाओं ने सताया इस तरह। मैं ठिठुरता रह गया बिस्तर कंटीले हो गए॥ बर्फ से कुछ बात करती चल रही थी ये हवाएं, फिर अचानक सायं से कम्बल के अंदर आ गई। पांव को कितना सिकोड़ूं पांव बाहर ही रहा, अवसर मिला ये फेफड़ों से जाने' कब टकरा गई॥ खाँसियां रुकती नहीं सब अंग ढीले हो गए। कपकपाती ठंड में फैशन हमारा था चरम पर कान के दरवाजों से ये वायु घुसती ही गई। सनसनाती घुस चुकी थी कुछ हवाएं इस बदन में मेरे तन की हड्डियां हर पल अकड़ती ही गई॥ पूस की इस रात सब मंजर रंगीले हो गए। कर्ण में धारण किए श्रुति यंत्र को घर की तरफ, ठंड से छुपते छुपाते गीत सुनते जा रहे थे। पेट में मेरे अचानक दर्द ने आहट दिया, साथ ही संगीत सारे सुर में सहसा बज उठे थे॥ अंततः चुपके से' अंतर्वस्त्र पीले हो गए॥ ©वरुण तिवारी #snow हास्य रचना
#snow हास्य रचना
read moreParul Sharma
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset वो पुराने खत कभी तुझ तक पहुंचे ही नहीं आज उन्हीं नज़्मों पर खूब वाहवाही मिलती है तुझे आह नहीं महसूस हुई तो क्या इस वाहवाही में किसी ना किसी की आह दब जाती है वो बटोर लेता है अपने दर्द इन शब्दों के गागर में अगर किसी का भी दिल हल्का हो जाय दर्द घट जाये तो रचना पूर्ण है इस गागर में सागर प्रेमिका व प्रेमी के प्रेम की अभिव्यक्ति है जो नज़्में लिखी जाती है अपने प्रेमी या प्रेमिका का के लिए जो सिर्फ एकतरफा हो दो तरफा भी हो समझे नहीं जाते या समझे भी जाते हो दफन तो नहीं है जाते वो हो जाते हैं अमर कवि और कवि की रचना की तरह तुमने जिन्हें जाना नहीं या थे अनभिज्ञ या जानबूझ कर अनजान थे वो मेरे पुराने प्रेम पत्र जो पहुंचे नहीं तेरे दिल तक वन कर नज़्म अमर हो रहे हैं हर किसी के दिल में जगह बना के किसी फिल्मी गाने की तरह गायें जाते हैं गायें जायेंगे क्योंकि वो प्रेम पत्र है सब अब बस वो प्रेम पत्र है गुमनाम प्रेमिका के प्रेमी के लिए गुमनाम प्रेमी के प्रेमिका के लिए अब बस वाकई वो प्रेम पत्र ही है फिल्मी गानों की तरह जिन्हें कोई भी गा सकता है अपने प्रेमी प्रेमिका के लिए ©Parul Sharma वो पुराने खत जो कभी तुझ तक पहुंचे ही नहीं आज उन्हीं नज़्मों पर खूब वाहवाही मिलती है तुझे आह नहीं महसूस हुई तो क्या इस वाहवाही में किसी
वो पुराने खत जो कभी तुझ तक पहुंचे ही नहीं आज उन्हीं नज़्मों पर खूब वाहवाही मिलती है तुझे आह नहीं महसूस हुई तो क्या इस वाहवाही में किसी
read moreBhupendra Rawat
White मैं छुपा नहीं सकता तुमसे मायूसी अपनी इसलिए मैंने गढा है तुम्हे कोरे पन्नों मे मैंने रचा है तुम्हें कविताओं मे लिखी है, कहानी और उपन्यास मेरी हर एक रचना का मुख्य पात्र रही हो तुम मैंने नहीं गढा तुम्हें अपनी रचनाओ मे त्याग की देवियों “मीरा” और “यशोधरा” की तरह बल्कि इस दफा मैंने केंद्र मे रखा हर एक उस पुरुष को जिसने समर्पित किया अपना जीवन अपनी प्रेयसी को ©Bhupendra Rawat #love_shayari मैं छुपा नहीं सकता तुमसे मायूसी अपनी इसलिए मैंने गढा है तुम्हे कोरे पन्नों मे मैंने रचा है तुम्हें कविताओं मे लिखी है, कहानी
#love_shayari मैं छुपा नहीं सकता तुमसे मायूसी अपनी इसलिए मैंने गढा है तुम्हे कोरे पन्नों मे मैंने रचा है तुम्हें कविताओं मे लिखी है, कहानी
read morepriyanka pilibanga
तेज केशरी पत्रिका मे प्रकाशित रचना 😊😊 https://nojoto.page.link/q5tV4❤️ ©Priyanka pilibanga प्रकाशित रचना 🤗❤️
प्रकाशित रचना 🤗❤️
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