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बेजुबान शायर shivkumar
// प्रेम मे वियोग // मै सच्चे दिल से तुझे ही पुकार रहा हूं सात महीने से बस तेरी ही तस्वीर को यु निहार रहा हूं। वो कई रातों तक मेरी यादों में वो सोई नहीं है सच कहूं तो मेरे दिल में तेरे अलावा कोई और नहीं है ।। जिंदगानी के लम्हों में तेरे साथ हंसना और रोना चाहता है मेरी जिंदगी का मकसद सिर्फ तेरा ही होना है ।। मैं भी किया था तुमसे अपने प्यार का जिक्र मां के बराबर करती हो तुम मेरी ही फिक्र ।। क्यों अपनी तन्हाई को तुम मुझसे इस तरह छुपाती हो रात रात भर मेरी यादों में तुम आंसू को क्यों यु बहाती हो ।। रब से हमने भी एक मांगी है तेरी सौगात को मिले हर जन्म में मुझे बस तेरा ही साथ जो ।। तुम्हारी और मेरी दोस्ती दुनिया की सबसे बड़ी हस्ती है सच कहूं तो तेरी धड़कन में मेरी जान ही बसती है ।। मिलने की रब से तुम यु फरियाद करती हो सर्दियों में निकलने वाले सूरज की तरह मुझे तुम याद करती हो ।। अपनों के खातिर हम और तुम भी बहुत मजबूर हैं मगर दिल के सबसे करीब होते हुए भी तुम मुझसे बहुत दूर हैं ।। यह प्यार का बंधन को उम्र भर मै निभाऊंगा एक जन्म तो कम है अगले सात जन्मों तक तेरा हो जाऊंगा ©बेजुबान शायर shivkumar #separation #separationinlove #प्रेम #वियोग // प्रेम मे वियोग // मै सच्चे दिल से तुझे ही पुकार रहा हूं सात महीने से बस तेरी ही तस्वीर
Himanshu Prajapati
हम मरते हैं तेरे पर सनम, यही नही पुरे सात जनम..! ©Himanshu Prajapati #t20_worldcup_2024 हम मरते हैं तेरे पर सनम, यही नही पुरे सात जनम..!
#t20_worldcup_2024 हम मरते हैं तेरे पर सनम, यही नही पुरे सात जनम..! #विचार
read moreN S Yadav GoldMine
White कंस ने क्यों मारा था देवकी के 6 पुत्रों को जानिए श्रीकृष्ण के स्वरूप को !! 🌿🌿भगवान कृष्ण:- {Bolo Ji Radhey Radhey} 🌿 भगवान विष्णु के 8वें अवतार श्रीकृष्ण थे, जिन्हें द्वापर युग में नटखट कान्हा, माखनचोर और महाभारत में अर्जुन के सारथी के तौर पर जाना जाता है। श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतारों में सबसे प्रसिद्ध और शायद सबसे अधिक लिखे गए हैं। उनकी कहानियां जादुई, प्रेरक और मानवीय हैं। भगवान कृष्ण का जन्म हिंदू ग्रंथों में वर्णित चार चक्रीय युगों में से द्वापर युग के दौरान हुआ था। ज्योतिषीय गणना के आधार पर, कृष्ण के जन्म की तारीख 18 जुलाई 3228 ईसा पूर्व है और कृष्ण की मृत्यु की तारीख, जब भगवान कृष्ण वैकुंठ में अपने अनन्त निवास पर लौट आए, 18 फरवरी 3102 ईसा पूर्व है। वर्तमान युग जिसे कलियुग के नाम से जाना जाता है, भगवान कृष्ण की मृत्यु के बाद शुरू हुआ। भगवान कृष्ण का जन्म कथा:-🌿 भगवान कृष्ण मथुरा शहर में राजकुमारी देवकी और उनके पति वासुदेव से पैदा हुए आठवें पुत्र थे। हालाँकि कृष्ण का पालन पोषण यशोदा और नंद बाबा ने मिलकर गोकुल में किया था। हिंदू कैलेंडर में अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के दौरान अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि के दौरान भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। सभी हिंदू इस दिन को जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। 🌿 आपको जानकर हैरानी होगी कि श्रीकृष्ण से पहले देवकी के 7 पुत्र थे। सातवें पुत्र बलराम थे और 6 पुत्रों को कंस ने मार डाला था। लेकिन एक संक्षिप्त पुनर्मिलन के लिए श्रीकृष्ण ने अपने 6 भाईयों को जीवत किया था। जिनके नाम इस प्रकार है: स्मारा, उदित्था, परिशवंगा, पतंगा, क्षुद्रब्रितानंद गृहिणी। कंस ने क्यों मारा था देवकी के 6 पुत्रों को? 🌿 श्रीकृष्ण के मामा कंस पूर्व जन्म में कालनेमी थे। कालनेमी को भगवान विष्णु ने मारा था। देवकी के छह पुत्र पूर्व जन्म में कालनेमी के ही पुत्र थे और उन्हें हिरण्यकश्यप ने शाप दिया था कि वे उनके पिता द्वारा ही मारे जाएंगे। इसलिए कंस ने अपने अगले जन्म में देवकी के 6 पुत्रों को अपने ही हाथों से मार डाला था। कालनेमी के छह पुत्रों को हम्सा, सुविक्रम, कृत, दमाना, रिपुमर्दन और क्रोधनाथ के नामों से जाना जाता था। श्रीकृष्ण का स्वरूप:-🌿 अपने नाम के अनुसार कृष्ण का अर्थ था आकर्षक। वह अपनी सुंदरता से किसी को भी मंत्रमुग्ध कर देते थे, इसलिए गोपियां उनकी दीवानी हुआ करती थी। यद्यपि अपने किताबों और तस्वीरों में श्रीकृष्ण के रंग को नीला देखा है। हालांकि उनका रंग सांवला था लेकिन उनकी चुंबकीय आभा के कारण उन्हें नीले रंग से चित्रित किया गया है। श्रीकृष्ण की बांसुरी हमें अपने अंदर के अहंकार, लालच और लोभ को खत्म करने का संदेश देती है। वहीं वैजयंती माला जीत का प्रतीक है और हर परिस्थिति में सकारात्मक रहने का संदेश देती है। मोरपंख हमें प्रकृति के समक्ष सम्मान प्रकट करने की सीख देता है। श्रीकृ्ष्ण का पांचजन्य शंख हमेशा लोगों की मदद करने की ओर इशारा करता है। अंत में श्रीकृष्ण का सुदर्शन चक्र बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। भगवान श्रीकृष्ण की परिवार:- 🌿 श्री कृष्ण की कुल 16,108 पत्नियां थीं, जिनमें से केवल आठ उनकी राजसी पत्नियां थीं, जिन्हें अष्टभरी या पटरानी के नाम से भी जाना जाता है। इसमें रुक्मिणी, सत्यभामा, जाम्बवती, नागनजिती, कालिंदी, मित्रविंदा, भद्रा, लक्ष्मण के नाम हैं। भगवान श्रीकृष्ण की उनकी आठ रानियों (अष्टप्रतिनि) से अस्सी पुत्र थे। उनकी प्रत्येक रानी से उनके दस पुत्र हुए। प्रद्युम्न रुक्मिणी का पुत्र था। सांब, जांबवती का पुत्र था, जो ऋषियों द्वारा शापित था जो बाद में यदु वंश के विनाश का कारण बना। श्री कृष्ण ने स्वयं भी उनके जैसा पुत्र प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की तपस्या की। पौराणिक कथानुसार श्रीकृष्ण ने सांब को कुष्ठ रोग का शाप दिया था लेकिन इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने भगवान सूर्य की पूजा की थी और शाप से मुक्ति पा ली थी। गीता का सार:- 🌿 भगवान श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता का सार केवल अर्जुन को ही नहीं सुनाया था बल्कि बल्कि हनुमान और संजय ने भी सुना था। कुरुक्षेत्र के युद्ध में हनुमान अर्जुन के रथ के ऊपर बैठे थे, और धृतराष्ट्र को युद्ध की घटनाओं को बताने के लिए दिव्य दृष्टि के साथ वेद व्यास द्वारा संजय को आशीर्वाद दिया गया था। दुर्वासा ने कृष्ण को श्राप दिया:-🌿 पौराणिक मान्यता के अनुसार, ऋषि दुर्वासा ने अपना शाप से भगवान कृष्ण को भी नहीं छोड़ा था। एक बार दुर्वासा द्वारिका आए थे उनका श्रीकृष्ण और रुक्मणी ने खूब आदर-सत्कार किया। इसके बाद उन्होंने रुक्मणी से खीर बनवाई और उसे झूठा कर दिया। इसके बाद झूठी खीर को कन्हैया के पूरे शरीर में लेपने को कहा। रुक्मणी ने पूरे शरीर पर खीर को लगा दिया लेकिन पैर पर खीर नहीं लगाई। यह देखकर ऋषि क्रोधित हो गए उन्होने कहा कि कृष्ण का पूरा शरीर व्रज बन जाएगा लेकिन उनके पैर अभेद्य और अखंड नहीं रहेंगे। यही कारण है कि श्रीकृष्ण की मृत्यु एक शिकारी के बाण से हुई थी क्योंकि उसने कृष्ण के पैर को हिरण समझ लिया था। ©N S Yadav GoldMine #rajdhani_night कंस ने क्यों मारा था देवकी के 6 पुत्रों को जानिए श्रीकृष्ण के स्वरूप को !! 🌿🌿भगवान कृष्ण:- {Bolo Ji Radhey Radhey} 🌿 भगवान व
#rajdhani_night कंस ने क्यों मारा था देवकी के 6 पुत्रों को जानिए श्रीकृष्ण के स्वरूप को !! 🌿🌿भगवान कृष्ण:- {Bolo Ji Radhey Radhey} 🌿 भगवान व #मोटिवेशनल
read moreShaarang Deepak
Shri Hanuman Chalisa (श्री हनुमान चालीसा) chaupai (33 & 34) explained with Hindi meaning (हिंदी अनुवाद/ अर्थ) ॥ Let's Learn with The Mystic #भक्ति #hanumanjayanti #JaiShreeRam #Shorts #hanumanji #hanumanchalisa #hanumantemple #हनुमान_चालीसा #hanumanbhajan
read moreBharat Bhushan pathak
हे औघड़दानी! तेरे शहर में हम रहते हैं। तेरे चरणों की रज पाने,सब कुछ ही सहते हैं।। जनम जनम की फटी बिवाई,उफ़ तक ना कहते हैं। नाम तुम्हारा जो लेते हैं,वैतरनी से तर जाते हैं।। ©Bharat Bhushan pathak हे औघड़दानी! तेरे शहर में हम रहते हैं। तेरे चरणों की रज पाने,सब कुछ ही सहते हैं।। जनम जनम की फटी बिवाई,उफ़ तक ना कहते हैं। नाम तुम्हारा जो ल
हे औघड़दानी! तेरे शहर में हम रहते हैं। तेरे चरणों की रज पाने,सब कुछ ही सहते हैं।। जनम जनम की फटी बिवाई,उफ़ तक ना कहते हैं। नाम तुम्हारा जो ल #Bhakti
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
शादी के अगले दिन #shamawritesBebaak #shamawritesBebaak #nojotohindi Shayari life #Live #Quotes love #Trending वंदना .... Anshu wr
read moreRavendra
आग लगने से दिवियांग का घर जल कर हुआ राख बहराइच जिले के रुपईडीहा थाने के सिजौली गांव के बाहर दिव्यांग मोoवसी पुत्र वारिस का फूस का घर था जि #वीडियो
read moreK R SHAYER
White तेरे साथ जिऊंगा, तेरे साथ ही मरूंगा में! न दुनियां से न जमाने से, अब डरूंगा में ! यू न करना वहम कोई, मेरी मोहब्बत पर जां,, और सात जन्म बाद भी भी,अगले की दुआ करूंगा मैं ©K R SHAYER #Couple सात जन्म बाद भी अगले की दुआ करूंगा मैं SONA DEVI kavita pramar Kumar Shaurya Muna Uncle RAHUL Nitin GUPTA