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CHOUDHARY HARDIN KUKNA
चौधरी हरदीन कूकना ©CHOUDHARY HARDIN KUKNA प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स बुजुर्ग महिलाओं से बोरला लूटने वाली गैंग का भंडाफोड़ः डीडवाना-कुचामन पुलिस ने दो आरोपियों को दबोचा, प्लान बनाकर
प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स बुजुर्ग महिलाओं से बोरला लूटने वाली गैंग का भंडाफोड़ः डीडवाना-कुचामन पुलिस ने दो आरोपियों को दबोचा, प्लान बनाकर
read moreVikas Sahni
#गाना_रोकना_मतलब_खाना_रोकना साँस रुक जाये तो हवा संगीत है आजकल दर्द की दवा संगीत है फिर भी नहीं उसे मिलता है ये यह तो बेहद बेरहम वह मीत है, जिसपे पुनः बना अधूरा गीत है। आजकल गाना रोकना मतलब खाना रोकना! चरित्रहीनता है यह कह उसे रोज़ाना रोकना!! गाना रुके तो कविता बन जाये, खाना रुके तो कविता बन जाये। इस प्रकार प्यार में कोई ताल तोड़ जाए तो बेशक वह उसे सारे साल छोड़ जाए, नहीं पड़ने वाला दिल को कभी कोई फ़र्क संगीत स्वर्ग बने तो विरह वाला भोगे ऩर्क फिर अचानक भीतर से कविता रोकती है, फिर अचानक भीतर से कविता टोकती है, "बस बहुत कर ली बड़ी-बड़ी बातें, नींदों को भूलकर गुज़री कई रातें! अब संगीत संगीत नहीं रहा, अब कोई भी मीत नहीं रहा कि इंसानियत शर्मशार है, यह सोच कर धिक्कार है। अब शराफ़त आफ़त बन कर डर गयी है म्हारी महफ़िल महज़ लुटेरों से भर गयी है।" अतः कविता की इन बातों ने, अतः कविता की इन रातों ने, उसे मुद्दे से त्वरित जुदा कर दिया जब संगीत को उसने खुदा कर दिया खुदा को भूलकर! ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #गाना_रोकना_मतलब_खाना_रोकना साँस रुक जाये तो हवा संगीत है आजकल दर्द की दवा संगीत है फिर भी नहीं उसे मिलता है ये यह तो बेहद बेरहम वह मीत है,
#गाना_रोकना_मतलब_खाना_रोकना साँस रुक जाये तो हवा संगीत है आजकल दर्द की दवा संगीत है फिर भी नहीं उसे मिलता है ये यह तो बेहद बेरहम वह मीत है,
read morekhushbu Mavar
thank you nojoto team ©khushbu नितिन कुमार 'हरित' sheetal pandya मेरे शब्द ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री) Rohit Romun POETICPOOJA
नितिन कुमार 'हरित' sheetal pandya मेरे शब्द ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री) Rohit Romun POETICPOOJA
read moreVikas Sahni
White _____बारह_बजे_की_बेचैनी_____ हो चुके हैं बारह बजकर बाईस मिनट फिर भी नहीं आयी नींद की आहट कि आखिर कब उसे न्याय मिलेगा- यही सोच कर दिल में है अकुलाहट। निराकार होकर भी आनंद जल रहा, हल्का हौसला देती है जिसकी लपट म्हारी महफ़िल लूटेरों से भर गयी है तुम आओ, कष्ट मिटाओ मेरे नटखट! कविता जो दिया है,मुझे मालूम है यह तुम इक और उपहार दो, वह संसार दो, जिसमें लालच न हो, न ही कोई कपट। मेरे माधव मुझको तुम जल्दी जिता दो तुड़वा-तुड़वाकर प्रत्येक घोटाले का घट। यही सोचते-सोचते अब बज चुके हैं एक शुरू हुई बारह-बाईस पे कविता की टेक।। ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #बारह_बजे_की_बेचैनी हो चुके हैं बारह बजकर बाईस मिनट फिर भी नहीं आयी नींद की आहट कि आखिर कब उसे न्याय मिलेगा- यही सोच कर दिल में है अकुलाहट।
#बारह_बजे_की_बेचैनी हो चुके हैं बारह बजकर बाईस मिनट फिर भी नहीं आयी नींद की आहट कि आखिर कब उसे न्याय मिलेगा- यही सोच कर दिल में है अकुलाहट।
read moregaTTubaba
White खाली बर्तनों के साथ रहा वो मेरे साथ इश्क मेरा बर्तन सोने के बनाने तक मौत से लड़ते लड़ते नई जिंदगी सजाने तक । ©gaTTubaba #sad_qoute खाली बर्तनों के साथ रहा वो मेरे साथ इश्क मेरा बर्तन सोने के बनाने तक
#sad_qoute खाली बर्तनों के साथ रहा वो मेरे साथ इश्क मेरा बर्तन सोने के बनाने तक
read moreshayariwaladoctor
White मेरी आये दिन होती उपर वाले से लडाई मेरी किस्मत ये दाता तूने ऐसी क्यों बनाई क्यों नी चलता मेरे साथ कोई ना ही तू ही हाथ थामता कुछ रहम तो कर मै हूँ अपने घर का बड़ा भाई बोला बेटा ना हो तू निराश मुझपे रख ले तू बिश्वास अपने चहितो को देता हूँ मौका कि जाये वो मुकाम पे फल की चिंता छोड़ बस कर्म पर ध्यान दे एक दिन दूंगा इतना कि होगा तेरी सोच से भी ज्यादा तेरे पास वो लिखता संघर्ष मै लिखता कामयाबी मेरे सारे सपने कैद है जिस बक्से में ताले तोड़ के निकालू जे ना मिली चाबी ठोकरों से भागू और पीछे हट जाऊ न इतना कमजोर मै तो सुख में नाचू और दुख में मुस्कुराऊ मुकाम जो भी है आज पाया ,अपने दम पर में आया करू राज दिलो पर बस नाम है कमाया बंदा नी आम मै मेरी माँ का आशीर्वाद रखे याद जमाना कुछ करना ऐसा खास कदे न कदे वो भी दौर आयेगा जब मेरी मेहनत भी लायेगी रास मै लाऊँ अपना time और जमाने को जुकाऊ सारी भीड़ खड़ी देखेगी रे रुतवा ये मेरा मै जीत के जाऊँगा बचपन का हूँ जिद्दी मेरी घर की मुंडेर पर करे दो उम्र ढल री है जो जीतने का कर रही है कब से wait मेरा मेरी आजकल चलते है hastule के किस्से मै यार और प्यार का ना करता व्यापर तो बैठा हूँ अकेला खाली हाथ मेरे हिस्से मेरे घर मे सिखाया वो ही राह चल रहे है बापू आली पगड़ी का भी राखु सू मान बहन मेरी हो या कोई होवे वा पराई इज्जत हम सदा पुरे दिल से करे बेरा से मन्ने होवे किसी घर का वा शान ©shayariwaladoctor #love_shayari life quotes in life quotes life quotes sad shayari on lifeमेरी आये दिन होती उपर वाले से लडाई मेरी किस्मत ये दाता तूने ऐसी
#love_shayari life quotes in life quotes life quotes sad shayari on lifeमेरी आये दिन होती उपर वाले से लडाई मेरी किस्मत ये दाता तूने ऐसी
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White उस इश्क़ को क्या ही सर-ए-बाज़ार करें, कर गए वो रुस्वा, क्या ही बदनाम करें। ज़ख़्म भी तो चुन-चुन कर दिए हैं सोने पर, किस-किस ज़ख़्म का अब इलाज करें। इश्क़ की बारिश में उन्हें जी भर के चाहा, तन्हा करने वालों पर क्या ही ऐतबार करें। छेड़ने को हर एक क़िस्सा बचा है अब, दिल के दर्द को क्या ही बेकरार करें। ©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari उस इश्क़ को क्या ही सर-ए-बाज़ार करें, कर गए वो मुझको रुस्वा, क्या ही बदनाम करें। ज़ख़्म भी तो चुन-चुन कर दिए हैं सोने पर, कि
#love_shayari उस इश्क़ को क्या ही सर-ए-बाज़ार करें, कर गए वो मुझको रुस्वा, क्या ही बदनाम करें। ज़ख़्म भी तो चुन-चुन कर दिए हैं सोने पर, कि
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White कभी चाह थी गले लगाने की, गैर मुझे अब ग़ैर जताने लगे हैं। राज़ इश्क़ का सबको बताने लगे हैं, अब मुझे कितना सताने लगे हैं। जिनके इश्क़ की गहरी नींद में था, वो अब रातों को जगाने लगे हैं। खोल दिया है बहानों की किताबें, अब वो धीरे-धीरे दूर जाने लगे हैं। होती थी पूरी रात मोहब्बत की बातें, अब गैर की बाहों में सोने लगे हैं। भूल गए संजोए सपनों की कहानी, मेरा इश्क़ अब वो भुलाने लगे हैं। मशगूल है वो अब गैर इश्क़ में, ख़ुद को बेहतर अब बताने लगे हैं। तोड़ दिया मुझको बेहतर की चाह में अब अपना आशियाँ सजाने लगे हैं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Thinking कभी चाह थी गले लगाने की, गैर मुझे अब ग़ैर जताने लगे हैं। राज़ इश्क़ का सबको बताने लगे हैं, अब मुझे कितना सताने लगे हैं। जिनके
#Thinking कभी चाह थी गले लगाने की, गैर मुझे अब ग़ैर जताने लगे हैं। राज़ इश्क़ का सबको बताने लगे हैं, अब मुझे कितना सताने लगे हैं। जिनके
read moreJayesh gulati
Unsplash कैसे मिटाऊं। (read full in caption) ©Jayesh gulati मैं को, मैं की याद से कैसे मिटाऊं । तुझको अपनी याद से कैसे मिटाऊं ।। करता हूँ कोशिश, अब मैं, खुद से भी दूर रहने की । मैं इस जिस्म से, तेरी
मैं को, मैं की याद से कैसे मिटाऊं । तुझको अपनी याद से कैसे मिटाऊं ।। करता हूँ कोशिश, अब मैं, खुद से भी दूर रहने की । मैं इस जिस्म से, तेरी
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