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Akram Qumar
हम दोनों ही नहीं जानते हम किस रिश्ते में हैं, हम सिर्फ यह जानते हैं कि हम सुकून में हैं ©Akram Raza 🍁 हम दोनों ही नहीं जानते हम किस रिश्ते में हैं, हम सिर्फ यह जानते हैं कि हम सुकून में हैं❤️
🍁 हम दोनों ही नहीं जानते हम किस रिश्ते में हैं, हम सिर्फ यह जानते हैं कि हम सुकून में हैं❤️ #विचार
read moreAshish Anm
अफसोस होता हैं उस पल का जब अपनी पसंद कोई और चुरा लेता हैं ख्वाब हम देखते रहते हैं और हकीकत कोई और बना लेता हैं !!🥺💔 #SAD
read moreRohan Roy
White हम बेहतर हैं, यह हम जानते हैं। या सभी जानते हैं। लेकिन, हम कैसे बेहतर हुए। यह कोई नहीं जानता? ©Rohan Roy हम बेहतर हैं, यह हम जानते हैं | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | #rohanroymotivation |
हम बेहतर हैं, यह हम जानते हैं | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | #rohanroymotivation | #Motivational
read moreहिंदुस्तानी
White अगर तुम्हें खुशी मिलती है मुझे तड़पता देख कर, तो हम दुआ करते हैं आपकी खुशी कभी कम ना हो…! ©सत्यमेव जयते हम दुआ करते हैं
हम दुआ करते हैं #शायरी
read moreBharat Bhushan pathak
हे औघड़दानी! तेरे शहर में हम रहते हैं। तेरे चरणों की रज पाने,सब कुछ ही सहते हैं।। जनम जनम की फटी बिवाई,उफ़ तक ना कहते हैं। नाम तुम्हारा जो लेते हैं,वैतरनी से तर जाते हैं।। ©Bharat Bhushan pathak हे औघड़दानी! तेरे शहर में हम रहते हैं। तेरे चरणों की रज पाने,सब कुछ ही सहते हैं।। जनम जनम की फटी बिवाई,उफ़ तक ना कहते हैं। नाम तुम्हारा जो ल
हे औघड़दानी! तेरे शहर में हम रहते हैं। तेरे चरणों की रज पाने,सब कुछ ही सहते हैं।। जनम जनम की फटी बिवाई,उफ़ तक ना कहते हैं। नाम तुम्हारा जो ल #Bhakti
read moreAnuj Ray
रेत के घर बनाते रहते हैं" तुम्हीं को इश्क़ मेरी जान,मोहब्बत तुम्हीं को कहते हैं। पकाते हैं खिचड़ी अधेड़ धुन में, ज़िन्दगी तुम ही को कहते हैं। डरते हैं ख़्वाब टूट के बह जाए न पानी में, फिर भी रेत के घर बनाते रहते हैं। ©Anuj Ray # रेत के घर बनाते रहते हैं"
# रेत के घर बनाते रहते हैं" #शायरी
read moreShashi Bhushan Mishra
रेत के घर बनाते रहते हैं, स्वप्न दिल में सजाते रहते हैं, टूट जाए नहीं कोई सपना, नींद पलकों पे लाते रहते हैं, रहे रौशन सदा अरमान मेरे, एक दीपक जलाके रहते हैं, अंधेरी रात में डर का साया, राम धुन गुनगुनाते रहते हैं, बड़ी दुश्वारियां भरा जीवन, राग भैरव सुनाते रहते हैं, दरीचा-ए-दिल में रहे रौनक, रूठे रहबर मनाते रहते हैं, रहे मदहोश न दुनिया गुंजन, यहाँ सब आते-जाते रहते हैं, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #रेत के घर बनाते रहते हैं#
Shashi Bhushan Mishra
White रेत के घर बनाते रहते हैं, स्वप्न दिल में सजाते रहते हैं, टूट जाए नहीं कोई सपना, नींद पलकों पे लाते रहते हैं, रहे रौशन सदा अरमान मेरे, एक दीपक जलाके रहते हैं, अंधेरी रात में डर का साया, राम धुन गुनगुनाते रहते हैं, बड़ी दुश्वारियां भरा जीवन, राग भैरव सुनाते रहते हैं, दरीचा-ए-दिल में रहे रौनक, रूठे रहबर मनाते रहते हैं, रहे मदहोश न दुनिया गुंजन, यहाँ सब आते-जाते रहते हैं, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #सब आते-जाते रहते हैं#
Vickram
बिना कुछ किए ही दुश्मन बन गया हर कोई। शायद नफरत करता तो हजारों मित्र होते। न आया औरों की तरह इधर की उधर करना। शायद तभी कुछ लोग भीड़ से काफी दूर रहते हैं ©Vickram #lakeview शायद इस लिए भी लोग तन्हां रहते हैं।