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Best गायब Shayari, Status, Quotes, Stories

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Radhe Chandan jha

Rajshi Raj

#गायब

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बात सितारों की हो रही थी
और अम्बर कही गायब था।
बात खुशियों की वह कर रहे थे
और आशियाना ही गायब था। #गायब

राघव रमण

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बेइंतहा मोहब्बत हम लिखब गायब सुनायब कविता
आऊ देखु केहन छथ हमर वनिता।।

मुस्की हुनकर एहन जेना वर्णक तरंग
नयन केर भंगिमा जेना शब्द संगम
हुनक आभा पर छलकय गजल सरिता
हम लिखब गायब सुनायब कविता।।

केश फुजल एहन जेना वर्ण विच्छेद
बांहि पसरल जेना समास'क प्रच्छेद 
हुनक चालि पर ससरय गीतक ध्वनिता
हम लिखब गायब सुनायब कविता।।

स्नेहक मूर्ति जेना उपसर्गक प्रसार
प्रीत लगवथि एना जेना प्रत्यय विचार
हुनक बोली सं निकलय पान मीठ पत्ता
हम लिखब गायब सुनायब कविता।।

देखल एक नजरि जेना पूर्णिमा केर चान
सौंसे तकितहुं हमर मोन अटकल अकान
राघव मोनक अपन गप कोना कहता 
हम लिखब गायब सुनायब कविता।।

Ahmad hussain

रिमझिम तो है मगर सावन गायब है,                      
बच्चे तो हैं मगर बचपन गायब है...                    

             क्या हो गयी है तासीर ज़माने की यारों
                अपने तो हैं मगर अपनापन गायब है... #NojotoQuote #Nojoto
#feeling 
#Hindi
#Sheyri
#Upset 
#Dard
#Tanhai
#bewafai

Ajay Amitabh Suman

बिछिया  अनिमेश आठवीं कक्षा का विद्यार्थी था । बचपन से हीं अनिमेश के पिताजी ने ये उसे ये शिक्षा प्रदान कर रखी थी कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक आदमी का योग्य होना बहुत जरुरी है। अनिमेश अपने पिता की सिखाई हुई बात का बड़ा सम्मान करता था । उसकी दैनिक दिनचर्या किताबों से शुरू होकर किताबों पे हीं बंद होती थी । हालाँकि खेलने कूदने में भी अच्छा था।  नवम्बर का महिना चल रहा था। आठवीं कक्षा की परीक्षा दिसम्बर में होने वाली थी। परीक्षा काफी नजदीक थी। अनिमेश अपनी किताबों में मशगुल था। ठण्ड पड़नी शुरू हो गय

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 बिछिया 


अनिमेश आठवीं कक्षा का विद्यार्थी था । बचपन से हीं अनिमेश के पिताजी ने ये उसे ये शिक्षा प्रदान कर रखी थी कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक आदमी का योग्य होना बहुत जरुरी है। अनिमेश अपने पिता की सिखाई हुई बात का बड़ा सम्मान करता था । उसकी दैनिक दिनचर्या किताबों से शुरू होकर किताबों पे हीं बंद होती थी । हालाँकि खेलने कूदने में भी अच्छा था। 


नवम्बर का महिना चल रहा था। आठवीं कक्षा की परीक्षा दिसम्बर में होने वाली थी। परीक्षा काफी नजदीक थी। अनिमेश अपनी किताबों में मशगुल था। ठण्ड पड़नी शुरू हो गय

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