Find the Latest Status about जल पिलाया from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, जल पिलाया.
Mona kahar
*मेरी प्रकृति तो मौजी है, ईश्वर की रचीं मोहनी प्रकृति की* । _कभी धूप तो कभी छाया; कभी ठंड़ी, कभी गर्मी तो कभी बारिश की बूंदों से भिगो देती है इसकी मोहक काया, कभी धरती तो कभी गगन को संजों देती है, हर मौसम के साज से । कभी वर्षा का पानी, कभी शीत का झोंका तो कभी गर्मी में अपनी तपन से फ़िर सबकों सहला देती हैं, यह प्रकृति की माया।_🥰 _कभी धरती के आँचल में तो कभी गगन के बादलों में छुपी बिजली; कभी गरजती है तो कभी बरसती है । यह तो वह प्रकृति हैं जो खेतों में ख़िलते खलियानों से खिलती है तो कभी बाग़ानों में महकते फ़ल-फूलों से महकती है औऱ इसके ही बाग़ानों में चहकती चिरैया और गाती होकर मतवाली कोयल है।_ __कभी सजती है तो कभी सजाती है, कभी हँसती है तो कभी हँसाती है। यहीँ तो मेरी प्रकृति है जो कभी गाती है तो कभी गुनगुनाती है।?? _ _कभी धूप तो कभी छाया; कभी ना मन घबराया; कभी समीर से मिलाया तो कभी अपना शीतल जल पिलाया। यहीँ प्रकृति ने मुझें मेरी प्रकृति से मिलाया। एक नया गीत औऱ एक नया संगीत मुझमें गुनगुनाया।_☺️ _ # *mon@.mk..*✒️ #*मेरी प्रकृति तो मौजी है, ईश्वर की रचीं मोहनी प्रकृति की* । _कभी धूप तो कभी छाया; कभी ठंड़ी, कभी गर्मी तो कभी बारिश की बूंदों से भिगो देती
Mr.Rana
शहर में होने लगे है दंगे बहुत तुम इस तरह संवर के आया ना करो दीवाने आशिक़ कहीं पागल ना हो जाए तुम देख के यूं मुसकाया ना करो तुम्हारी धुन में रहता हूं दुनियां से खोया रहता हूं लोग कहने लगे शराबी मुझे यूं आंखो से ज़ाम पिलाया ना करो ©Mr.Rana आंखों से पिलाया ना करो।
Parasram Arora
मीठे जल के स्त्रोत छितरे है इन काले उमड़ते बादलो. के बींच ज़ो सक्षम है आदमी की नेसर्गीक प्यास मिटाने मे पर खारे दृग जल की बात ही कुछ ओर है क्योंकि उनमे एक अद्भुत क्षमता है ह्रदय की प्यास मिटाने मे ©Parasram Arora मीठा जल खारा जल
Shiv Narayan Saxena
इश्क मोहब्बत बन चुका है हमसे जलनेवाले अब हमें साथ देखकर नहीं जल-जल कर हमें देखने लगे हैं. ©Shiv Narayan Saxena #retro जल-जल कर हमें . . . . .
Jain Saroj
जीवन में जल,जल में जीवन आंखों से निकले आंसू तन से निकले तो पसीना जल बिन जीवन की कल्पना नहीं जल नहीं हम नहीं जल के बिना चले ना काम नहाना, धोना,साफ-सफाई,खाना बनाना सब में चाहिए,आपको जल जल बिन सोचो,कैसा होगा आपका कल कुएं,बावड़ी,जलाशय बनाओ जंगल उगाओ और पेड़ लगाओ प्रकृति को तुम अपना दोस्त बनाओ प्रकृति के विरुद्ध ना कोई काम करो ©Saroj Patwa #जल