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Bebaak
क्यों परवाह करें इस दुनियाँ की, इश्क़ करने से पहले । जब जानते हैं हम कि सच्ची मोहब्बत, तो इस दुनियाँ के समझ से परे हैं। बेबाक़ ##हिंदी पोएट्री##लव पोएट्री
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सुनों,कहने को तो बहुत सी बातें हैं दिल में। पर हर बात सबसे नहीं कही जाती , चले आओ न वापस, अब हमारी ज़िंदगी में। क्योंकि तेरी जुदाई ,अब हमसे नहीं सही जाती। #हिंदी पोएट्री #लव पोएट्री
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आखिर ऐसा क्यों होता है ? आख़िर दिल ये क्यों रोता हैं? आखिर क्यों जब कोई ख़ास ,हमारी जिंदगी में आता हैं। न जाने क्यों ये दिल तब, उसे पहचान नहीं पाता हैं। औऱ जाने के बाद ही उसके क्यों जिंदगी में हमारी, एक कमी सी रह जाती हैं? क्यों जाने के बाद उसके ,आँखों में नमी रह जाती हैं। #हिंदी पोएट्री#लव पोएट्री
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मेरी यादों की किताब में , तेरा भी एक पन्ना जोड़ दिया मैंने। अपनी कुछ बेहतरीन यादों में , तेरे संग बितायें पलों को भी सुनहरे शब्दों में लिख दिया मैंने। बेबाक़ ##हिंदी पोएट्री## लव पोएट्री ##my diary
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बेबाक़(लिमिटलेस) सा हूँ, बेबाक़ सा ही मैं लिखता हूँ। मेरे अपनों की ख़ुशियाँ बनी रहें, शायद इसीलिए , अपने गमों को छिपाकर भी, सबकों ख़ुश सा ही, मैं दिखता हूँ। ~ रवि ##हिंदी पोएट्री ##लव पोएट्री##बेबाक़##means ##Limitless##
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एक अजनबी से ट्रैन में आज यूँ मुलाकात हो गयी देखकर उसको लगा जैसे भरी गर्मी में सिर्फ़ मुझ पर बरसात हो गयी। तो बताना चाहूंगा मैं कि मेरे ट्रेन के सफर की हैं ये कुछ बात ,जहाँ हुई थी एक अजनबी सी हसीना से मेरी मुलाकात। जब देखा पहली नज़र तो चेहरे से पर्दानसी सी थीं वो, आंखों से फिर भी बहुत हसीं सी थीं वो। आमने सामने थे हम पर, जुबां न कुछ कह रही थी बस आँखों आँखों में ही तो हमारी बातें हो रही थी। कुछ देर बाद उसने चेहरे से जब पर्दा हटाया था तो लगा कुछ मुझें ऐसे दोस्तों जैसे ,बदलियों से चाँद मुझें नजर आया था। चुप्पी को तोड़ते हुए जब उसने बोलना शुरू किया तो,लगा जैसे किसी पेड़ से अचानक फूलों की बारिश हो रही हो ,कभी मुस्कुराती तो कभी अपने आप को केमरे में कैद करती सी वो ,बेबाक़ सी मेरे सामने बैठी थी। नाक पर तिल ,रंग गोरा ,और चेहरे पर मुस्कान थी ,देखकर लगा ही न था कि जैसे मुझसे वो अंजान थी। भीड़ में भी सबसे अलग सी थी वो , बातों से लगा जैसे फूलों की महक सी थी वो। न नाम पता न काम पता मुझें उसका,फिर भी वो मेरे लिए एक याद बन गयी , वो अजनबी हसीना मेरे सफऱ का जैसे एक साथ बन गयी। पर मंजिल सबकी एक नहीं होती इस बात का इल्म था मुझें,तो अपने हिस्से की मंज़िल पूरी कर आया था मैं ,शायद तब उसकी मंजिल दूर थीं तो ,उसे उसके सफ़र में बस वही छोड़ आया था मैं। क्योंकि ये जरूरी तो नहीं न कि ,हर साथ मे सफर करने वाला हमसफ़र बन जायें, कि ये भी तो जरूरी नहीं न कि,जो तुम्हें पसन्द हो वो किसी और की भी पसंद बन जायें। ##वो अज़नबी सफ़र##हिंदी पोएट्री#लव पोएट्री##बेबाक़ ##
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##क्या सच में यही प्यार हैं?## पहले जो बातें मानता न था, उन्हें भी मानना आ गया। पहले जो बातें जानता न था, उन्हें भी जानना आ गया। कुछ अलग सा असर तो होता हैं मेरे दोस्त , इस मोहब्बत की गलियों में तभी तो , जो लड़का कभी आईने के सामने खड़ा न होता था आज उसे भी अपने बालों को सवारना आ गया । जिसे हाल ऐ दिल की खबर न हैं न जाने क्यों,दिल उसे रिझाने को बेकरार हो रहा हैं? समझ नहीं आता दोस्तों,क्या सच मे जो लड़का पहले किसी लड़की से बात करने में भी डरता था , दोस्तों क्या सच में आज इसे भी प्यार हो रहा हैं? ~रवि ##लव पोएट्री##दोस्ती पोएट्री#बेबाक पोएट्री##
Amit Tiwary (Muntashir Soul)
थक गए हो तो थकन छोड़ कर जा सकते हो तुम मुझे वाक्यतन छोड़ कर जा सकते हो। हम दरख्तों को कहा आता है हिजरत करना? तुम परिंदे हो वतन छोड़ कर जा सकते हो। ©Muntashir Soul हिंदी पोएट्री @