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Shreyansh Gaurav
कोई ख़्वाव आँखो में नहीं,मेरी नींद भी गुम है कहीं क्या हुआ, कुछ तो हुआ है, पता करों वो कहाँ गये..! सफ़र साथ में शुरू किये थे, हम दोनों ने मिलकर आज मैं अकेला हीं चल रहा, देखो वो किधर गये..! मुहब्बत का तमाशा देखने में देखो कौन शामिल है बहुत मासूम है महबूब मेरा, कहीं वो राह भटक गये..! यें किस्सा ए दिल,उसके शिवाय कोई नहीं जानता उसमें जां बसती है मेरी,देखो कहाँ लापता हो गये..! उसे पता है मेरे बारे में,उसके बगैर जी नहीं पाऊँगा लगता है मेरी मुहब्बत का ज़ाईज़ा लें रहें, कहाँ गये..! मेरे सफ़र का साथी था, हमसफ़र बनाना था उसे ही बीच राह में बिछड़ गया है, पता करों वो कहाँ गये..!! ©Shreyansh Gaurav #gazal #Thinking
Shreyansh Gaurav
मेरे माथे पे तिरा दिया बोसा, बहुत सुकून था उसमें तुम अब नहीं हो एहसास है मुझे, तुम्हें याद नहीं है..! मिरे मुफलिसी में भी, अमीरी का एहसास जैसे रहा दिले बेज़ार मरहम था,मुझे ख़बर है तुम्हें याद नहीं है.! मेरे मुस्तक़बिल में इतना ही लिखा था साथ तिरा भी गुरबत में अमीरी का एहसास रहा,तुम्हें याद नहीं है.! मिरे सपनों,ख़्वाहिशों की उड़ान थीं तुमसे,जानती हो सुकून अब नहीं साथ याद है मुझे, तुम्हें याद नहीं है.! ©Shreyansh Gaurav #gazal #बोसा
Shreyansh Gaurav
White यें ज़िन्दगी का सफ़र है चलता रहेगा, रुकेगा नहीं किसी से अहद ए वफ़ा करते हो, तो पूरा करों तुम..! शौक ए नज़र के लिये हमराह न बनो,इत्मीनान से नज़र ए सफ़र पर रखों,हमसफ़र के साथ रहो तुम.! आज का वक़्त है बस चंद पल साथ रहते है लोग भीड़ में क्यूँ शरीक होते है,अब ज़ाहिल न बनो तुम.! मुहब्बत का सफ़र लगता है आँसा, होता नहीं है बढ़ाओ कदम राह ए सफ़र में जब, पूरा करों तुम..! किताब का पाठ नहीं है, ज़िन्दगी का सफ़र है यें नकल की गुज़ाईश नहीं,इसका एहसास करों तुम.! मैंने भी देखा,तूने भी देखा है, दिखावे से दूर रहो इत्मीनान से बढ़ो आगे,किसी की किस्मत हो तुम.!! ©Shreyansh Gaurav #gazal love_shayari
#gazal love_shayari
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याद नहीं हूँ मुझे कब का पूरी नींद सोया हूँ रात भर जागता हूँ,न जाने क्यूँ कहाँ खोया हूँ.! उससे बिछड़ कर लाइलाज़ हो गया हूँ मैं अब हकीम बेअसर है, मैं आज भी नहीं सोया हूँ.! क़िससे कहूँ,क्या कहूँ,क्या हुआ है,पता नहीं चाहता हूँ इक़ बार रूबरू,उसकी ख़ातिर रोया हूँ.! बहुत ढूढ़ता हूँ ख़ुद में कमियाँ, क्या हुआ है कोई बताये ठीक करलूँ,मैं उसी का गोया हूँ.! बहुत बेचैन हूँ,बेसब्र हूँ आजकल मैं क्या करूँ इक़ अरसा गुज़र गया,याद नहीं कब सोया हूँ.! अब थक गया हूँ,इंतज़ार की इंतेहा हो गयीं उसे मेरी कर या मौत देंदें मुझे,लगे की सोया हूँ.!! ©Shreyansh Gaurav #gazal #Dream
Er. Razia
White तेरा चुप रहना मिरे ज़ेहन में क्या बैठ गया इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया यूँ नहीं है कि फ़क़त मैं ही उसे चाहता हूँ जो भी उस पेड़ की छाँव में गया बैठ गया इतना मीठा था वो ग़ुस्से भरा लहजा मत पूछ उस ने जिस जिस को भी जाने का कहा बैठ गया उस की मर्ज़ी वो जिसे पास बिठा ले अपने इस पे क्या लड़ना फुलाँ मेरी जगह बैठ गया ©Er. Razia #gazal sad quotes
#gazal sad quotes
read moreSZUBAIR KHAN KHAN
White 221 212 2 221 2122 थी आरज़ू कभी कू -ए- यार के निदा की इस शहर जादे के सर-खुश यार के मक़ा की अब जो है वो नहीं अब तो तर्क रहते होंगे बा -खूब जानते हैं वो यार के समा की ख्वाहिश कभी नहीं कि मंसूब की अता हो कुछ तो खबर रही होगी यार के वफ़ा की पूछा बहाल -ए- खिल का हाले नालां का भी मारोज़ -ए- बयां क्या है यार के नज़ा की निस्बत उन्हें ना थी जो हम शौक़ रखते उनका वो ख्वाब नज़रो में ना थे यार के निहा की क्या है "जुबैर"दो पल का शौक़-ए-नज़ारा ये बात उनको कहना ये यार के सज़ा की लेखक - ज़ुबैर खान.......✍️ ©SZUBAIR KHAN KHAN gazal
gazal
read moreJashvant
White दिन कट रहे हैं कश्मकश-ए-रोज़गार में दम घुट रहा है साया-ए-अब्र-ए-बहार में आती है अपने जिस्म के जलने की बू मुझे लुटते हैं निकहतों के सुबू जब बहार में गुज़रा उधर से जब कोई झोंका तो चौंक कर दिल ने कहा ये आ गए हम किस दयार में मैं एक पल के रंज-ए-फ़रावाँ में खो गया मुरझा गए ज़माने मिरे इंतिज़ार में है कुंज-ए-आफ़ियत तुझे पा कर पता चला क्या हमहमे थे गर्द-ए-सर-ए-रह-गुज़ार में ©Jashvant #Gazal# urdu poetry
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read moreAbarar Shaikh
White निगाह उठी दीदार के लिए, तो जुल्फे बीच में आ गई। किसी चांद की चांदनी की तरह, वो मेरे दिल पे छा गई। ©Abarar Shaikh Chand Ki Chandani...✨🌝 #Moon #Love #Shayari #gazal #Trending #ishq #Poetry
neel
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset વાત કોઈ દિલમાં છુપાવી રહ્યા છો. લાગે છે, દર્દોને પચાવી રહ્યા છો. આંખની આ ભીનાશ છૂપાવવાને, હાસ્ય જૂઠ્ઠું શાને બતાવી રહ્યા છો? ભાર મુખ પર છે એ ઉતારી જ નાંખો, ખુદને ખોટી રીતે થકાવી રહ્યા છો. આ ઉબડખાબડ પથની છે જિંદગાની, એક પૈડે જીવન ચલાવી રહ્યા છો! છે રમત આ તો લાગણીઓની સમજો, ને.... સમય નાહકનો ખપાવી રહ્યા છો. રંગમંચે આ "નીલ" પણ પાત્ર ભજવે, બસ કલમથી ખાલી લખાવી રહ્યા છો. -નિલમકુમાર બુધ્ધભટ્ટી "નીલ" ©neel #SunSet #gazal #gujarati #Life
neel
Unsplash રોજ વધતાં રણની ચર્ચા ના કરો, રેતના સગપણની ચર્ચા ના કરો. આવ જા છે ખાલી શ્વાસોની અહીં, આવતી અડચણની ચર્ચા ના કરો. આયનો મોફટ ઘણું ચોખ્ખું કહે, બસ હવે ઘડપણની ચર્ચા ના કરો. જળ ને મૃગજળમાં તફાવત હોય છે પ્યાસ છે સમજણની, ચર્ચા ના કરો. શોધ ચાલે છે આ શેની ભીતરે? કોણ છે એ! જણની ચર્ચા ના કરો. ધાર્યું એવી જાત પણ હોતી નથી, નીલ બસ કારણની ચર્ચા ના કરો. - નિલમકુમાર બુધ્ધભટ્ટી ©neel #snow #gazal #gujarati #Life