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Brandavan Bairagi "krishna"
।।साहित्य की राह।। राह कठिन है साहित्य में मेरे जैसे लोगों की। कैसे करूँ साहित्य साधना कमी है बस पैसों की। लम्बा चौड़ा कोई व्यापार नहीं। नेताओ में कोई माई बाप नहीं। करते है सब बड़ी-बड़ी बातें,मौके पर होते साथ नहीं। बड़े-बड़े मैं मंच सजाऊँ, नेता अभिनेता को बुलाऊँ। इतनी बड़ी मेरी औकात नहीं। बस छोटी सी पूंजी स्नेह प्रेम का बंधन है। बनो सारथी साहित्य रथ के आपका अभिनन्दन है। ©Brandavan Bairagi "krishna" ।।साहित्य की राह।। #SAD
vikas agrawal
साहित्य आइए समझे, साहित्य को,__ (१) साहित्य का संधि विच्छेद _साहितो +यत (२) साहित्य का, शाब्दिक अर्थ, साथ होना (शब्दों और अर्थों का) (३) साहित्य एक, संग्रह भी है, विचारों और, रचनाओं का। धन्यवाद।। ©vikash Agarwal साहित्य की परिभाषा।। #WForWriters
साहित्य की परिभाषा।। #WForWriters
read moreराजकुमार टेलर
सोते हुए जन के मन को, धीरे से टटोल रही, हाथ जोड़कर जन के सम्मुख, करबद्ध वह बोल रही, समझो मुझको, जरूरत तुम- को ,लब अपने वह खोल रही, सृजन- प्रलय दोनो को लेकर, डग-मग ,डग-मग डोल रही। साहित्य की वाणी, अपनी जुबानी।
साहित्य की वाणी, अपनी जुबानी।
read moreNishith Sinha
" हमारी सोच कितनी भी असामान्य और अद्भुत क्यों ना हो ,यदि हमें साहित्य को जन सामान्य तक पहुंचाना है तो हमारी भाषा सामान्य और सरल होनी चाहिए ! " # सामान्य भाषा साहित्य की सफलता है #
# सामान्य भाषा साहित्य की सफलता है #
read moreBrandavan Bairagi "krishna"
रेवा साहित्य मंच की काव्य गोष्ठी।
रेवा साहित्य मंच की काव्य गोष्ठी। #कविता
read moreEk villain
किसी विषय पर शोध करने वाले को समाज बड़े सम्मान से देखता है और यह मानता है कि उस अध्ययन भावी पीढ़ी के काम आएगा बहुत ईमानदारी से और लंबे अध्ययन के बाद कोई शोध पूर्ण होता है और इसे मान्यता मिलती है इसलिए नाम के आगे डॉक्टर जोड़ भर जाने से ही व्यक्ति की प्रतिष्ठा बढ़ जाती है फिर भी कुछ लोग बिना मेहनत के ही अपने रिचार्ज पूरा कर लेना चाहते हैं और इसके लिए जोड़-तोड़ करते हैं डॉक्टर मनोहर लोहिया और विश्वविद्यालय में ऐसे ही मामले सामने आए जो बुद्धिजीवी समाज को शर्मसार करने के लिए काफी है विश्वविद्यालय में 2018 से अब तक जमा शोध पत्रों की जांच कराई तो इसमें 25 में चोरी का साहित्य पाया गया कुछ नहीं इंटरनेट से सामग्री उठा ली तो किसी कुछ नहीं दूसरों की पुस्तक से सामग्री ले ली जांच के बाद इन सभी शोधकर्ताओं को खारिज कर दिया लेकिन पूरा प्रकरण यह सवाल छूट गया कि आखिर पढ़े-लिखे लोगों इस तरह का कार्य क्यों करते हैं जिससे उन पर कलंक लगे और उन्हें समाज में शिंदे का सामना करना पड़े शोध के लिए बौद्धिक संपदा की चोरी और संभावना नहीं रहेगा तो विश्वविद्यालय यूजीसी के प्रयासों को श्रेय दिया जाना चाहिए यूजीसी के इंफॉर्मेशन ऑफ लाइब्रेरी नेटवर्क तैयार कर ऐसा साफ्टवेयर विकसित किया है जो लगभग आधे घंटे में जांच करके यह बता देता है कि शोध पत्र की कितनी सामग्री ली गई है और उसका इंटरनेट मीडिया में कहां से उठाई गई है जांच की गई है फिर भी शोधकर्ता मेहनत से बचने के लिए कष्ट परहेज नहीं करते ह लकीन का नुकसान होने ही उठाना पड़ता ©Ek villain #साहित्य की चोरी शोध करते वक्त #Hope
Ek villain
एक दिन हमें फेसबुक पर एक साहित्यकार परीक्षा की सूचना पड़ी विषय बहुत ही अलग था इसलिए उस कार्यक्रम में जाने की इच्छा इतनी बलवती हुई कि हम ठीक समय से कुछ पहले ही जा पहुंचे कार्यक्रम शाम 4:00 बजे 6:00 बजे तक का वक्त के तौर पर आने वाले लोगों की सूची में बड़े-बड़े साहित्यकारों के नाम से जिनको हम पत्रिकाओं और समाचार पत्रों के माध्यम से ही जानते थे हमने लगा कि सही समय पर दिन के उजाले में कार्यक्रम में भागीदारी हो जाएगी और साहित्य के बारे में कुछ नया सीखने को भी मिल मिल सकेगा हम कार्यक्रम में समय से पूर्व पहुंच गए थे इसलिए आगे की सीट मिल गई कार्यक्रम शुरू होने के 1 घंटे बाद तक यानी 5:00 बजे तक तो लोग चाय नाश्ता ही करते रहे 4:00 बजे शुरू होने वाले कार्यक्रम आखिरकार 5:30 पर शुरू हुआ फिर एक एक कर कर सभी साहित्यकारों को उनकी लंबी परिचय के साथ मंच पर बिठाया ©Ek villain #साहित्य में विषय से भटकने की सीट