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yogesh atmaram ambawale
मला घरात राहायला आवडेल !! तुम्हाला कुठे राहायला आवडेल ? घरात की हॉस्पिटल की फोटो फ्रेम ? घरात रहा ,safe रहा. #collabratingwithyourquoteandmine #stayhome_staysafe #collab #yqtaai #कोरोनासंदेश #कोरोनाशी_लढुना मला घरात राहायला आवडे
RV Chittrangad Mishra
मै आइना नहीं हूं जो हर किसी को उसका तस्वीर दिखाऊंगा मैं वो फोटो फ्रेम हूं जिसमें हमेशा के लिए तुम्हारी तस्वीर बसी है ©R.V. Chittrangad 9839983105 मै आइना नहीं हूं जो हर किसी को उसका तस्वीर दिखाऊंगा मैं वो फोटो फ्रेम हूं जिसमें हमेशा के लिए तुम्हारी तस्वीर बसी है #Chittrangad
Insprational Qoute
न चाहिये प्रशंसा, न चाहिये फेम, तेरी यादों का सजाया , हमनें फोटो फ्रेम। Hello resties! ❤ Today's Topic is " Photoframe / फोटो फ्रेम " You can write on both the languages or choose your preferred language. Tim
Komal Sharma Gupta
I frame words I like, across backgrounds of life, Memories, enchanted times. Hello resties! ❤ Today's Topic is " Photoframe / फोटो फ्रेम " You can write on both the languages or choose your preferred language. Tim
Vaishnavi Nair
Don't just frame in your ideas within your mind Let it break all barriers and explore the world Hello resties! ❤ Today's Topic is " Photoframe / फोटो फ्रेम " You can write on both the languages or choose your preferred language. Tim
Anuj Jain
Got a new Photoframe Photoframe for his picture Picture to adorn Adorn upon his death Death that was not coming Coming it seemed though Though he was once loved Loved now was he no more More a miser he is Is not what he used to be Be what it may May he die soon Soon i just wish Wish to use the Photoframe Photoframe that i had got Hello resties! ❤ Today's Topic is " Photoframe / फोटो फ्रेम " You can write on both the languages or choose your preferred language. Tim
VIJAY MAMDAPUR
Nisheeth pandey
यकीनन तुम चाँद हो पर, मैं पेड़ का पत्ता हूँ जो तुम्हारी चांदनी लपेट कर सोना चाहता हूं , अनन्त दूरियों के बाबजूद तुम्हारे संग मुस्कुराना चाहता हूं । मैं किसी कवि या शायर की लिखीं स्वप्न लोक का पन्ना हूँ जिसके निष्पंद पन्नो में तुम शब्दों में उतर जाना और पन्नो को जीवंत करना या फिर जैसे निशीथ पहर में करता हूँ छत के दीवारों पर अड़ कर टक टकी लगाए रहता हूं आसमान में और मेरी आँखे टिमटिमाते तारों को देख दूरियां भूल लम्बे करते हैं हथेली जिन्हे बढ़ा कर कुझ तारों को अपनी हथेली में चुराने की कौतूहल उमडती है हमेशा हमेशा के लिए... चाँद का आशमां से मेरे छत पे आना चमकती हँसी से मुझे पुकारना मेरी एहसास तुम्हें फोटो फ्रेम में कैद कर आसमान की सामने वाली दीवार में टांग दिया हो और मेरी टकटकी वाली इंतेज़ार का खत्म होना तुम्हें एकटक देखते देखते मेरी आँखें दरिया में तैरने लगे ईक्षाओं का चिड़ियों सा चहकना धरती की खुरदुरी ज़मीन में खुंद को गाड़ लूं आशाएं के पटल पे किसी दिन उसी जगह एक फूल खिलेगा और उसकी भीनी भीनी सुगंध संग समाँ कर उड़कर बादलों के चादर में लिपट कर तुम्हारे करीब पहुंचकर तुम्हे अपनी बाँहों में भर लूँगा और तुम आश्चर्य चकित हो कर पहले की ही भांति लिपट जाना और अनंत काल तक लिपटे रहना । 🤔#निशीथ🤔 ©Nisheeth pandey #Merekhayaal यकीनन तुम चाँद हो पर, मैं पेड़ का पत्ता हूँ जो तुम्हारी चांदनी लपेट कर सोना चाहता हूं ,
JALAJ KUMAR RATHOUR
पार्ट -2 1 जुलाई का दिन था मैं अपने सभी दोस्तों से मिला पर नजर उसी को ढुंढ रही थी मगर वो कहीं दिख ही नही रही थी मैंने उसकी सहेली से पूछा कि बाती क्यों नही आई तो उसने बताया की उसके पापा के साथ चली गयी वो अब ,पहले यहाँ पर अपनी नानी के यहाँ रहती थी । जिनका देहांत हो गया पिछले महीने, मैं उस दिन उदास था और कई दिन तक रहा जब क्लास चार का रिजल्ट मिला तो मै क्लास मे प्रथम आया था और वो सेकंड, किसी को विश्वास नही हो रहा था और मेरे दोस्त मुझे ताने दे रहे थे हाँ उस दिन एक चीज का पता चला की वो थी ही ऐसी जो दुसरों के लिए जीती थी उस दिन के बाद मै कभी पीछे सीट पर नही बैठा, क्युकी मैं चाहता था कि उसकी मेहनत जाया ना जाए तभी उसकी दुसरी सहेली ने उसकी एक चिट्ठी दी उसमे लिखा था.दीपक. तुम बहुत अच्छे हो तुमने मुझे एक अच्छा दोस्त दिया जिसने मुझे हंसना सिखाया, मुझे हिंदी के गाने और चुटकले सिखाये, तुम्हारा शुक्रिया.दीपक पता नही अब मै कब मिलूँ तुमसे पर यार एक चीज याद रखना की.दीपक और बाती का साथ सिर्फ इतना ही होता है.बाती जमाने के सामने दीपक को रोशन कर देती है उसके बाद स्वयं जल जाती है दादी अक्सर ये बात बताती हैं तुम्हारी दोस्त "बाती ठाकुर" उस दिन मेरे पास सिर्फ तीन चीजे थी एक अंग्रेजी वाले पन्ने पर जेल पेन से लिखी और उसके आँसू के बूंदो से भीगी उसकी चिट्ठी , दूसरा मेरी और उसकी वजीफा वाली फोटो से बनी फोटो फ्रेम और उसके साथ बीती यादें..... ......... #जलज राठौर पार्ट -2 1 जुलाई का दिन था मैं अपने सभी दोस्तों से मिला पर नजर उसी को ढुंढ रही थी मगर वो कहीं दिख ही नही रही थी मैंने उसकी सहेली से पूछा कि