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RAVI PRAKASH
White हिचकी को हर बार मोहब्बत ना समझो क्योंकि कभी कभी मौत भी याद करती है। ©RAVI PRAKASH #Thinking हिचकी को हर बार मोहब्बत ना
#Thinking हिचकी को हर बार मोहब्बत ना
read moreRadhe Radhe
यूं भौरे हो तो घमंड मत करो तुम्हारा वजुद भी हमसे और तुम्हारी ख्वाहिश भी हम है। जय श्री राधे ©Radhe Radhe ख्वाहिश भी हम
ख्वाहिश भी हम
read moreMoksha Sharma
White हम मिले उनसे तब जब हमे उनकी तलाश ना थी....... और खो दिया उन्हे उस वक्त जब उनसे मोहब्बत बेपनाह हुई.......❤️❤️ ©Moksha Sharma हम....❤️
हम....❤️
read moreHarpinder Kaur
White कुछ तो शेष बचा है तेरे मेरे दरमियान चल बैठ कर आपस में बांट लिया जाए अपना हिस्सा मुझे देना तुम और मेरा हिस्सा तुम रख लेना कुछ यूं ही जिंदगी को काट लिया जाए यादें तो चलती रहेंगी उम्र भर के लिए आ मरने से पहले एक दूजे को गले लगा लिया जाए याद तो होगा तुम्हें सुधा और चंदर का प्रेम आ एक बार फिर अब खुद को गुनाहों का देवता बना लिया जाए आ बिछड़ने से पहले एक दूजे को गले लगा लिया जाए ©Harpinder Kaur # आ फिर से एक बार......
# आ फिर से एक बार......
read moreआचार्य योगेश शर्मा
मेरे जीवन की पहली भागवत कथा में भूतौ का सामना उस समय मैं 21 बर्ष का था मै गया तो था गुरु जी से मिलने उसी समय पर वहां अशोक कुमार जी बरेली से आये हुये थे गुरूजी से आशीर्वाद लेकर मे गुरुजी के चरणों की सेवा कर रहा था । उसी समय गुरूजी हमसे बोले तुम कथा कर लोगे हमने कहा गुरु जी कभी किये तो नही पर अध्ययन तो पूरा है पर कभी किया नहीं है फिर करो जी ने हमसे कहा अशोक कुमार जी की कथा आपको करनी है बड़ा आयोजन है कथा पंडाल में हो गई और और हमारा आशीर्वाद है तुम्हें जब गुरु जी ने हमें ऐसा कहा तो हमने सोचा कि गुरु जी का आशीर्वाद साथ है तो घबराने की काहे बात है हमने कोई तैयारी भी नहीं की थी उसे दिन के चार दिन बाद ही कथा प्रारंभ थी कथा स्थल पर हम पहुंचे दो ब्राह्मण भी हमारे साथ थे माला संध्या उपासना करने वाले जैसे ही हम बरेली पहुंचे अशोक कुमार जी हमें स्टेशन पर लेने आए अपनी निजी गाड़ी से हमें अपनी हवेली पर लेकर गए अशोक कुमार जी ने हमें हवेली की तीसरी मंजिल पर ठहराया अशोक कुमार जी के पिताजी वहां पर थे उनका नाम था लक्ष्मण प्रसाद लक्ष्मण प्रसाद जी ने हमसे पूछा कि आप कथा कर पाओगे यहां पर हमने कहा कथा करने ही तो आए हैं उन्होंने बताया यह कथा प्रेत बाधा के लिए कराई जा रही है इस हवेली में अनेक प्रकार की आत्माएं हमें परेशान करती है किसी ने बताया है श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से उनकी मुक्ति होगी लेकिन इस हवेली में एक रात से ज्यादा यहां पर कोई टिक नहीं पता तो आप कर सकोगे हमने कहा गुरु जी का आशीर्वाद है सब हो जाएगा तो शाम का 4:00 गया था हम अपनी संध्या उपासना करने के लिए बैठे कुछ समय तो बढ़िया बैठे रहे अपनी उपासना करते रहे थोड़ी देर बाद उसे कमरे में जिसमें हम बैठे थे ट्यूब लाइट जल रही थी एक ट्यूबलाइट चौक में जल रही थी फिर भी वहां पर कम से कम 11 है आत्माएं उपस्थित हुई और हमें परेशान करने लगी फिर हम डरने लगे लेकिन गुरुजी ने आशीर्वाद दिया था और अपने ध्यान में लग रहे कुछ देर बाद वह आत्माएं मिलकर के आक्रमण करना चाहती थी फिर हमारे पास जो जल रखा था उसे जल से हमने उनके ऊपर छींटे मारें फिर उनमें से एक आत्मा ने बात किया आवाज आई हम आपसे कुछ नहीं कहेंगे बस हम मुक्ति चाहते हैं फिर हमने कहा श्रीमद् भागवत की शरण में आओ और सप्ताह प्राण आप सुनो आपकी सद्गति होगी उसके बाद संध्या उपासना करके जब हम उठे तो हम पहुंचे जहां हमारे दो ब्राह्मण ठहरे हुए थे उन्होंने कहा महाराज जी बड़े जल्दी आ गए तो हमने कहा जल्दी ही काम हो गया तो आ गए उन ब्राह्मणों को भी उन आत्माओं ने हमसे पहले डराया था वह तो वहां से भागने लगे फिर हमने उनको समझाया और कहा आप हमारे साथ रहो कुछ नहीं बिगड़ेगा फिर दूसरे दिन जब हम संध्या के लिए बैठे तो उन आत्माओं ने कहा कि हमारे मुक्ति के लिए इस हवेली के नीचे नीचे खाना है उसे तहखाना में हमको हमको युद्ध के समय बंधक बनाकर बंद कर दिया गया था तब से हम इसी हवेली में रहते हैं फिर अशोक कुमार जी हमारे लिए भोजन लेकर आए तो हमने उनको यह सब बताया उन्होंने कहा महाराज जी यह हवेली राजा महाराजाओं के समय की है और हमारे दादा ने इसे खरीदा था एक दिन हमारे पिताजी ने इस तहखाना को खुलवा दिया था तब से ही घर में हलचल मची हुई है फिर हमने अशोक कुमार जी को आश्वासन दिया और कहा कि आप कथा स्थल पर मंडप की व्यवस्था करो और कल से प्रोग्राम चालू करें सब ठीक होगा उसके बाद साथ दिवस कथा हुई गुरु जी की कृपा से आशीर्वाद से कथा मैं कोई रुकावट नहीं आई और जो प्रेत आत्माएं थी वह भी मुक्ति को प्राप्त हो गई जय श्री राधे ©आचार्य योगेश शर्मा जीवन में पहली बार भूतों से सामना
जीवन में पहली बार भूतों से सामना
read moreमिहिर
White जैसे मिलते हो खुद से वैसे ही मिलो मुझसे जैसे करते हो बातें खुद से करो वही बातें तुम मुझसे अगर कहूं साफ साफ दुनियादारी अब है कही पीछे और अब हूं मैं दूर कही आगे अब जहां मुझे फर्क दिखता नहीं फर्क देखना नहीं तो मुझे बनना नहीं बनाना नहीं उलट कर पलट कर वो जो तुम हो अब वहीं मैं हूं जो मैं हूं वहीं तुम हो !! ©मिहिर #हम हैं
#हम हैं
read moreRameshkumar Mehra Mehra
New Year 2025 जिस दिन तुम्हे गले लगायेगे.....! बस उस दिन हम नया साल मनायेगे...💞 ©Rameshkumar Mehra Mehra # जिस दिन तुम्हे हम गले लगायेंगे,बस उस दिन हम नया साल हम मनायेगे....💞
# जिस दिन तुम्हे हम गले लगायेंगे,बस उस दिन हम नया साल हम मनायेगे....💞
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