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Neena Jha
ज़िंदगी = किस्से ≠ज़िंदगी ज़िंदगी = शेर ओ शायरी ≠ज़िंदगी ज़िंदगी = सिनेमा ≠ ज़िंदगी ज़िंदगी = ज़िन्दादिली = ज़िंदगी नीना झा #संजोगिनी ©Neena Jha #sadak #Neverendingoverthinking #नीना_झा #जय_श्री_नारायण #संजोगिनी जय माँ शारदे 🙏 ज़िंदगी = किस्से ≠ज़िंदगी ज़िंदगी = शेर ओ शायरी ≠ज़िंदगी
Reena Sharma "मंजुलाहृदय"
मज़ाक वो करो जो हर किसी को रास आये! न कि वो जिससे किसी की ज़िंदगी ही मज़ाक बन जाये! -रीना मंजुलाहृदय ... ©Reena Sharma "मंजुलाहृदय" #Anubhav #ज़िंदगी #ए ज़िंदगी #life
akela
रात को वो पूछती हैं सो रहा है उन्हें कैसे बताए ज़िंदगी के खेल से दिल रो रहा है... अकेला... #ज़िंदगी
विनय शुक्ल 'अक्षत'
ज़िंदगी की बाँसुरी पर सांस की लय, जब तलक चलती है ,तुमसे प्यार है। विनय शुक्ल 'अक्षत' ज़िंदगी
kushagra bhavsar
थोड़ा ठहरजा, थोड़ा संभलजा, क्यों वक़्त मुझसे ऐसे खफा है। क्यों अधूरे से ख्वाब, क्यों रूठे से सबेरे। क्यों बिखरी सी शामें, क्यों टूटे सी रातें क्या तुझको पता है, मेरा ठिकाना। क्यों लापता है, मेरा ठिकाना। कुछ तो बता, क्या मेरी खता है। क्यों अधूरे से ख्वाब, क्यों रूठी सुबह है। ज़िंदगी।
Champa Rautela
थोड़ी नर्मी बरते, हिदायतों में ज़िंदगी लिख दे, क्या तुम्हारा क्या हमारा, ओझल है सपनों का घर सारा, सब यही का,सब यही है मिल जाना ना कुछ साथ है,ना कुछ साथ जाना, ए बंदे किस एब में है, फितूर घमंड का यहीं उतर जाना है, रोने को नहीं तिजोरी यहां , यहां तो बक्से हसी के है, एक पहर दिल खोल के हसो,अगले पहर ना जाने किसके है, शुक्र गुज़ार है जिंदा है मौत को नाच करते देखा है, तेरे शहर में कुदरत का वार देखा है, कोई शक्तियां लिए बैठा, कोई जिंदगी का काल लिए बैठा है, थम जा अपनी खुआइश के साथ,ठहर जा अपनी रंजिश के साथ, कुदरत के हवाले क्यों अपना अंत लिए बैठा है, #ज़िंदगी
Champa Rautela
आसान हर उलझन, चलो थोड़ा आसान करे, माफ़ी ना हो बोलकर तो लिखकर अदा करे, आओ एक उलझन आसान करे, किसी पहेली का हल आज करे, कुछ जिंदगियां उदास घूम रही है, कुछ उदासी को हवा में छूमंतर करे, आओ एक उलझन आसान करे, जी सके हर जिंदगी ऐसी दुआ हम करे, गहरी कोई ख़ामोशी को जगाना शुरू करे, एक अरसे से खामोश चीख का आज हल्ला करे, कही खुद का सुकून खुद के हवाले करे, कुछ देर खुद से हस बोलकर खुद को जिंदा करे, सुन हो गए ख्वाब के पर्वत, पानी दे सपनों के पोधो को, चमक उठे है ख्वाब गहरे आकाश में, आओ एक उलझन आसान करे, किसी बेचैनी का सब्र आज आजाद करे, लिख दे कुछ कहानियां , जिंदगी और दोस्ती , यही से कहानी का सार करे, #ज़िंदगी
Anil Singhania
ज़िंदगी.... आईने झूठे हो गये आदमी के लिऐ दिखावे बहुत हैं सादगी के लिऐ | रात के अंधेरों की जीत पक्की हो गई जुगनुं सौदा कर रहें हैं रौशनी के लिए | अच्छा हो कि लिखना छोड़ दे अनिल! झूठ 'मुनासिब' नहीं है शायरी के लिए !! ज़िंदगी