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pathakjii2004_m
Unsplash जिंदगी के कुछ जख्म ऐसे होते हैं जो कभी भरते नहीं वह यूं ही हमें तड़पते रहते हैं ©pathakjii2004_m #leafbook जिंदगी के जख्म ।
#leafbook जिंदगी के जख्म ।
read moreSunny Kumar
हम जख्म गहरे देंगे, तुम थोड़ा सब्र तो करो।👿 ©Sunny Kumar sad shayariहम जख्म गहरे देंगे, तुम थोड़ा सब्र तो करो।👿
sad shayariहम जख्म गहरे देंगे, तुम थोड़ा सब्र तो करो।👿
read moreनवनीत ठाकुर
हर दर्द ने मुझसे कहा, अब रुक जा, मैंने हंसकर जवाब दिया, बस थोड़ा और झुक जा। हार और जीत का फ़र्क समझ लिया मैंने, गिरकर भी उठने का हुनर सीख लिया मैंने। हवा के रुख़ से कभी डर नहीं लगता मुझे, मेरी मंज़िल ने मेरे इरादों को आज़मा लिया है। हर जख्म ने मेरे हौसले को और गहरा किया, हर दर्द ने मेरी जीत का रास्ता दिखा दिया। अब तूफ़ान भी मुझसे सहम कर गुजरते हैं, मेरे इरादों से ज़माने के नक़्शे बदलते हैं। जहाँ कांटे बिछाए गए थे मेरे रास्तों में, वहीं मैंने अपने सपनों के फूल खिला दिए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर हर दर्द ने मुझसे कहा, अब रुक जा, मैंने हंसकर जवाब दिया, बस थोड़ा और झुक जा। हार और जीत का फ़र्क समझ लिया मैंने, गिरकर भी उठने
#नवनीतठाकुर हर दर्द ने मुझसे कहा, अब रुक जा, मैंने हंसकर जवाब दिया, बस थोड़ा और झुक जा। हार और जीत का फ़र्क समझ लिया मैंने, गिरकर भी उठने
read moreनवनीत ठाकुर
White हमारी राहों में रौशनी है, मोहब्बत का चाँद, अंधे हैं वो, जो सिर्फ अंधेरों में डूब जाने वाले। हमने तो दर्द को अपनी ताकत बना लिया, वो टूट गए, जो डर से भाग जाने वाले। इश्क़ की गहराई में हमने खुद को खोज लिया, उनका क्या होगा, जो पल भर में खो जाने वाले। हमने हर जख्म को अपनी तासीर बना लिया, वो हताश हुए, जो मोहब्बत को सज़ा समझने वाले। हमारे इश्क़ में वो रूहानी असर है, जो दिल से दिल तक जाता है, वो कभी नहीं समझ पाएंगे, जो सिर्फ वक्त में खो जाने वाले। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर हमारी राहों में रौशनी है, मोहब्बत का चाँद, अंधे हैं वो, जो सिर्फ अंधेरों में डूब जाने वाले। हमने तो दर्द को अपनी ताकत बना लिया
#नवनीतठाकुर हमारी राहों में रौशनी है, मोहब्बत का चाँद, अंधे हैं वो, जो सिर्फ अंधेरों में डूब जाने वाले। हमने तो दर्द को अपनी ताकत बना लिया
read moreनवनीत ठाकुर
Unsplash जिंदगी के सफर में जो मौन रहते हैं अक्सर, उनकी खामोशी में कई राज़ छुपे होते हैं। सूरत की जगह, हर किसी की नज़रों से देखो, कुछ जख्म चेहरे पे नहीं, दिल में रहते हैं। राहों में खो जाने वाले, कभी नहीं हारते, वो अपनी तक़दीर खुद से लिखते हैं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जिंदगी के सफर में जो मौन रहते हैं अक्सर, उनकी खामोशी में कई राज़ छुपे होते हैं। सूरत की जगह, हर किसी की नज़रों से देखो, कुछ जख
#नवनीतठाकुर जिंदगी के सफर में जो मौन रहते हैं अक्सर, उनकी खामोशी में कई राज़ छुपे होते हैं। सूरत की जगह, हर किसी की नज़रों से देखो, कुछ जख
read moreनवनीत ठाकुर
White रिश्तों का मकां पत्थरों से नहीं बनता, भरोसे के बिना ये कभी नहीं टिकता। झूठ की दरारें जो इसमें पड़ जाएं, तो हर एहसास रेत में धीरे-धीरे सिसकता। प्यार से सींचो, तो ये फूल खिलते हैं, वरना हर रिश्ता कांटे जैसा चुभते हैं। प्यार से सींचो, तो ये अमर हो जाते हैं, वरना ये जख्म बनकर सदा रुलाते हैं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर रिश्तों का मकां पत्थरों से नहीं बनता, भरोसे के बिना ये कभी नहीं टिकता। झूठ की दरारें जो इसमें पड़ जाएं, तो हर एहसास रेत में धीर
#नवनीतठाकुर रिश्तों का मकां पत्थरों से नहीं बनता, भरोसे के बिना ये कभी नहीं टिकता। झूठ की दरारें जो इसमें पड़ जाएं, तो हर एहसास रेत में धीर
read moreबेजुबान शायर shivkumar
बुरे वक़्त मे ये सोचकर संभल जाती हु के रब है मेरे साथ, मगर कभी कभी कुछ यादो से बिखर जाती हु, अब उन बिखरे जज़्बातों को लेकर कहाँ जाऊँ मै जानती हु के कोई हमेशा के लिए साथ नहीं रहता, ना ही कोई हमेशा साथ देता है, फिर भी पता नहीं क्यों सबसे उमीदें रहती अब उन उम्मीदों को लेकर कहाँ जाऊँ मै जो अपने नहीं हैं उनके दिए जख्म भूल जाती हु, अपनों के दिए ज़ख्मो पर मुस्कुराहटो का महरम लगाती हु मगर कभी कभी ये आँखें साथ नहीं देती अब इन भीगी पलकों को लेकर कहाँ जाऊँ मै ©बेजुबान शायर shivkumar बुरे वक़्त मे ये सोचकर #संभल जाती हु के रब है मेरे साथ, मगर कभी कभी कुछ #यादों से बिखर जाती हु, अब उन बिखरे #जज़्बातों को लेकर कहाँ जाऊँ
बुरे वक़्त मे ये सोचकर संभल जाती हु के रब है मेरे साथ, मगर कभी कभी कुछ यादों से बिखर जाती हु, अब उन बिखरे जज़्बातों को लेकर कहाँ जाऊँ
read moreनवनीत ठाकुर
White षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी, भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी। शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़, जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगाज़। अपहरण के धंधे अब आम हो गए, अपराधी खुलेआम इनाम हो गए। छेड़छाड़ के ज़ख्म लहू-लुहान हैं, इंसाफ के मंदिर खुद बदगुमान हैं। यह कैसी सभ्यता, यह कैसी रवायत? जहां जुर्म को मिलती है हर इक सहायत। ©नवनीत ठाकुर #षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी, भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी। शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़, जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगा
#षड्यंत्रों की छाया हर दिल पर भारी, भ्रष्टाचार की चादर ने लूट ली जिम्मेदारी। शोषण के जख्म चीखते हैं बेआवाज़, जुर्म के मंजर बन गए रोज़ का आगा
read moreF M POETRY
White हमारा जख्म है सदियों पुराना.. बड़ा मुश्किल है तुमको भूल पाना.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #हमारा जख्म है सदियों पुराना....
#हमारा जख्म है सदियों पुराना....
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