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OMG INDIA WORLD
जिंदगी जीनी हैं तो एक दिये के जैसे जिओ... जो जलता भी हैं दूसरों को रोशनी देने के लिए... बुझता भी हैं तो किसी को सुकून की नींद देने के लिए...!! shubhratri ©OMG INDIA WORLD जिंदगी जीनी हैं तो एक दिये के जैसे जिओ... जो जलता भी हैं दूसरों को रोशनी देने के लिए... बुझता भी हैं तो किसी को सुकून की नींद देने के लिए...
Suraj Kaushik
Ansh Rajora
बाज़ दफा यूँ जज़्बात की दास्तान कहते हैं टूटे जहाँ रिश्ते घर नहीं इक मकान कहते हैं लगता हैं अजनबी घर में आप भी बुज़ुर्गवार पेशानी पर आपके ये संगीन निशान कहते हैं पेशानी - forehead बाज़ दफा - several times जिन्होंने सारी जिंदगी अंधेरे में निकाल दी हमें उजाला देने के लिए, न जाने काबिल होने पर हम उन्हें
Harshita Dawar
#Pehlealfaaz Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat संभाल के समेटना यूं दियो को। सारी रात हमे रोशनी देने के लिए। खुद को तपिश में जलते रहे। दियो की ज्योति । चिरागों को बेहलती रही। दियों की ये ज्योतिं । दियों को एक राह दिखाती रही। दियों की ये ज्योतिं । दियों को विश्वास की ज्योत जगाती रही। दियों की ये ज्योति । रंगोली पर बिखेरे फूलों पर महकती रही। उन्हीं फूलों को गुलशन बनाती रही। दियो की ये ज्योतिं । खुद को गुरूर की लौ को डगमगाती रही। दियों की ये ज्योति कसमसाती रही। राही को राह दिखाती रही। दिलों में प्यार की लौ जगाती रही। रोशनीं फैलती रही। जिस घरों में अंधेरों की काली छाया थी। उस घर में भी रोशनी फैलती रही। ज्योति से हिनदुस्तान की धरती को। चकाचौंध फैलती रही। कमज़ोर रिश्तों को भी। रोशनीं से मजबूत बनाती रही। बुराई को अच्छाई में तब्दील करवाती रही। मुस्कुराती रही।खुद जलती रही। दिलो को जगमगाती रही। सबको अपना बनाती रही। #Pehlealfaaz #diwali#feeling#pain #heart #mythought #love #life Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat संभाल के समेटना यूं दियो को। सारी रात हमे
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat संभाल के समेटना यूं दियो को। सारी रात हमे रोशनी देने के लिए। खुद को तपिश में जलते रहे। दियो की ज्योति । चिरागों को बेहलती रही। दियों की ये ज्योतिं । दियों को एक राह दिखाती रही। दियों की ये ज्योतिं । दियों को विश्वास की ज्योत जगाती रही। दियों की ये ज्योति । रंगोली पर बिखेरे फूलों पर महकती रही। उन्हीं फूलों को गुलशन बनाती रही। दियो की ये ज्योतिं । खुद को गुरूर की लौ को डगमगाती रही। दियों की ये ज्योति कसमसाती रही। राही को राह दिखाती रही। दिलों में प्यार की लौ जगाती रही। रोशनीं फैलती रही। जिस घरों में अंधेरों की काली छाया थी। उस घर में भी रोशनी फैलती रही। ज्योति से हिनदुस्तान की धरती को। चकाचौंध फैलती रही। कमज़ोर रिश्तों को भी। रोशनीं से मजबूत बनाती रही। बुराई को अच्छाई में तब्दील करवाती रही। मुस्कुराती रही।खुद जलती रही। दिलो को जगमगाती रही। सबको अपना बनाती रही। #cinemagraph #mythoughts #feelings #yqdidi #yqbaba #yqhindi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat संभाल के समेटना यूं दियो को। सारी रात हमे रो
Priya Thakur
जिंदगी Continue in caption... ये जिंदगी है दोस्तो, जितनी तुम रेत की तरह, इसे बाँधोगे, उतना ये फिसलती जाएगी। अगर खोल दोगे मुठिया तुम अपनी, तो ये फूलो सी फिर खिल
OMG INDIA WORLD
एक घर मे *पांच दिए* जल रहे थे। एक दिन पहले एक दिए ने कहा - इतना जलकर भी *मेरी रोशनी की* लोगो को *कोई कदर* नही है... तो बेहतर यही होगा कि मैं बुझ जाऊं। वह दिया खुद को व्यर्थ समझ कर बुझ गया । जानते है वह दिया कौन था ? वह दिया था *उत्साह* का प्रतीक । यह देख दूसरा दिया जो *शांति* का प्रतीक था, कहने लगा - मुझे भी बुझ जाना चाहिए। निरंतर *शांति की रोशनी* देने के बावजूद भी *लोग हिंसा कर* रहे है। और *शांति* का दिया बुझ गया । *उत्साह* और *शांति* के दिये के बुझने के बाद, जो तीसरा दिया *हिम्मत* का था, वह भी अपनी हिम्मत खो बैठा और बुझ गया। *उत्साह*, *शांति* और अब *हिम्मत* के न रहने पर चौथे दिए ने बुझना ही उचित समझा। *चौथा* दिया *समृद्धि* का प्रतीक था। सभी दिए बुझने के बाद केवल *पांचवां दिया* *अकेला ही जल* रहा था। हालांकि पांचवां दिया सबसे छोटा था मगर फिर भी वह *निरंतर जल रहा* था। तब उस घर मे एक *लड़के* ने प्रवेश किया। उसने देखा कि उस घर में सिर्फ *एक ही दिया* जल रहा है। वह खुशी से झूम उठा। चार दिए बुझने की वजह से वह दुखी नही हुआ बल्कि खुश हुआ। यह सोचकर कि *कम से कम* एक दिया तो जल रहा है। उसने तुरंत *पांचवां दिया उठाया* और बाकी के चार दिए *फिर से* जला दिए । जानते है वह *पांचवां अनोखा दिया* कौन सा था ? वह था *उम्मीद* का दिया... इसलिए *अपने घर में* अपने *मन में* हमेशा उम्मीद का दिया जलाए रखिये । चाहे *सब दिए बुझ जाए* लेकिन *उम्मीद का दिया* नही बुझना चाहिए । ये एक ही दिया *काफी* है बाकी *सब दियों* को जलाने के लिए .... ख़ुशियाँ आएँगी, कुछ समय बाद सब सामान्य होगा , *उम्मीद का दिया जलाए रखें* ©OMG INDIA WORLD एक घर मे *पांच दिए* जल रहे थे। एक दिन पहले एक दिए ने कहा - इतना जलकर भी *मेरी रोशनी की* लोगो को *कोई कदर* नही है... तो बेहतर यही होगा कि
Amit Rajput chief editor
इकराश़
मेरी मोहब्बत कैसी है? बस तुम्हारे जैसी है। (कुछ एहसास है, कुछ जज़्बात है, अनुशीर्षक में पढ़ सकते हैं) तुमसे मैं कभी न कह पाया, पर आज कहना चाहता हूँ। अगर इस साल के ख़त्म होने से पहले नहीं कह पाया तो एक मलाल रह जायेगा। तो बस कुछ बातें हैं जो सुन