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N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} तर्क, वितर्क, कुतर्क व्यक्ति को सदा बैचेन रखते हैं, उस व्यक्ति को चेन, सुख और शांति कभी भी नहीं मिलती, वह तनावपूर्ण जीवन जीता है, उसमें भेदभाव रहने से भक्ति-भाव सदा इस्थिति नही रहता। जय श्री राधेकृष्ण जी!! N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine #Thinking {Bolo Ji Radhey Radhey} तर्क, वितर्क, कुतर्क व्यक्ति को सदा बैचेन रखते हैं, उस व्यक्ति को चेन, सुख और शांति कभी भी नहीं मिलती, वह
#Thinking {Bolo Ji Radhey Radhey} तर्क, वितर्क, कुतर्क व्यक्ति को सदा बैचेन रखते हैं, उस व्यक्ति को चेन, सुख और शांति कभी भी नहीं मिलती, वह
read moreRadhe Radhe
तु इंतिहा बहुत लेता है क्यु कन्हैया हर बार तराशता है मेरी क्षमताए देखता है या मुझे परखता है हम पुराने और परिणाम नया नया दिखाता है पर तु सोच ले हार ना मानुंगी लडाई आर या पार की है लक्ष्य एक दिन जरूर भेद डालुंगी जय श्री राधे ©Radhe Radhe लक्ष्य जरूर भेद डालुंगी
लक्ष्य जरूर भेद डालुंगी
read moreवंदना ....
Unsplash काश...... खुलकर हम अपने सपनों को जी लेते तो ..… ये झूठ के नक़ाब तो नहीं पहनने पड़ते ©वंदना .... #Book की भाषा और इस दुनिया की भाषा बहुत अलग है..... किताब में #समानता बताते हैं और ये दुनिया #भेद करती है 🤗☺️🌹🌹🌹🙏
JAGAT HITKARNI 274
• हजार हजार शुक्र उस जोतीस्वरुप नीरंजन नीराकारका है किं जिसने जमीन व आसमानको बनाया और तमाम सृष्टीको पैदाकीया परंन्तु उस की कारीगरीका भेद किसी पर जाहीर नहीहुआ कि क्या भेदहै फिर मेंरी जबानसे इश्वर परमात्माकी तारीफ अदा नहीहोसक्ती और दूसरा मजमुन बतौर समुद्र केहै सो कलमसे लिखा जाताह कि जो२करतब मैने इन सौदागर महाजनान-के देखे वोह अजब तरहके नजर आये जिससे मुझ गरीब साध अनुपदासको तमांम जहांनके हिंन्दु मुसलमान और साध संत और पण्डित फकीर और मुल्कों मुल्कोंके राजा महाराजा और सातों आठों और सब-विलायतोंके बादशाह और दीगर अंग्रेज वगैराकी खिदमतमें हाथ जोङकर अरज;करना लाजिम आया कि जिसको जादूचाला और राक्षस विधा और काफिर विधा और इन्द्रजाल कहतेहैं वोह एक किसमका पापहै कि जिस्तरहसे रावणने चलायाथा और मेह और मौतको कबजेमें करलीथी पापके सबबसे याने होम करा२के बुद्धी भी भ्रष्ट करदीथी इन्द्रजालके पापसे और काल वगैरा, पङा२करके लक्षमी अपने काबूमें करके लंकामें लेगयाथा और उसीतरहसे- हिरनाकश राजानेभी चलायाथा और उसीतरहसे कंन्स राजानेभी चलायाथा और उसीतरहसे कारुन बादशाहनेभी चलायाथा और रावण हिरनाकश कंस कारुन वगैराकी तरहसे बल राजाके बादसे इन सौदागर महाजनाननेभी-राक्षस विधाका पाप चलायाहै सोइन बनियोंनेभी मेहको और मोतको सहारे करलीहै और बुद्धी भ्रष्ट करदीहै ..... • सोइस.बातका.इन्साफकीया चाहीये क्युंकि इन्साफके-करनेसे,खुद,मालुम,होजावेगा- ... ( २२९ ) साध अनुपदास- लीखी- कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) पढ़ें छावणी ऐरनपुरा, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.) संपर्क :- 02976-273024 , 8905653801 www.jagathitkarnioriginal.org ©JAGAT HITKARNI 274 • हजार हजार शुक्र उस जोतीस्वरुप नीरंजन नीराकारका है किं जिसने जमीन व आसमानको बनाया और तमाम सृष्टीको पैदाकीया परंन्तु उस की कारीगरीका भेद कि
• हजार हजार शुक्र उस जोतीस्वरुप नीरंजन नीराकारका है किं जिसने जमीन व आसमानको बनाया और तमाम सृष्टीको पैदाकीया परंन्तु उस की कारीगरीका भेद कि
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White वफ़ा की उम्मीद किससे है, इश्क़-मोहब्बत किससे है। हर क़दम पर रंग-भेद, तो फिर ये चाहत किससे है। दिल लगाते हैं, मगर डरते हैं, सच कहें तो सभी छलते हैं। वफ़ा की क़ीमत नहीं इस दौर में, फिर भी ये उम्मीद किससे है। हर चहरे पर मुखौटे हैं, हर रिश्ता जैसे सौदे हैं। जिनसे प्यार था, वही पराये, फिर ये मोहब्बत किससे है। सफर में कांटे बिछे हर जगह, साये तक साथ छोड़ देते हैं। जिनसे वफ़ा की आस लगाई, उनसे शिकवा फिर किससे है। सोचता हूँ ये सवाल हर रोज़, क्या जवाब है कोई मेरे पास। शायद दिल ही गलत करता है, वफ़ा की उम्मीद भी किससे है। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Moon वफ़ा की उम्मीद किससे है, इश्क़-मोहब्बत किससे है। हर क़दम पर रंग-भेद, तो फिर ये चाहत किससे है। दिल लगाते हैं, मगर डरते हैं,
#Moon वफ़ा की उम्मीद किससे है, इश्क़-मोहब्बत किससे है। हर क़दम पर रंग-भेद, तो फिर ये चाहत किससे है। दिल लगाते हैं, मगर डरते हैं,
read moreAnjali Singhal
"रंग भी देखो कैसा लगा गए वे सफ़ेद! छुपा मिला इसमें उनके इश्क़ का भेद!!" #safedishq #ishqkarang_safed #sufiyana #sufiyanaishq #AnjaliSinghal
read moreRohidas Chavan
Unsplash येतील लाख वादळे, भेदून काढू.... वाढ माझी खुंटेल, असे शस्त्र अजून होणे नाही... षडयंत्र सारे तुमचे, सफल होणे संभग नाही... हाटलो जरी असेल, मी माघे... तुमच्या कूट नीतीने... तयार रहा!... येईल मी लाख वेगाने, होऊनी वादळ... पचणार नाही सुख माझे, कुणाच्यातरी पोटी.... तेव्हा होऊनी सारथी, न्याय तो नक्कीच देईल... जेव्हा तू असशी सोबती माझ्या, खंत काय ती लढण्या... येतील अडथळे असंख्य, ती सर्व भेदून काढू... खच वाटेवरी चालतांना, साथ मला तुझी हवी.. आहे आशीर्वाद रूपाचे कवच मला तुझे, भेदू शकेल अस्त्र नाही... शेवट माझा, माझ्या यशाचा... कोणी करू शकेल असे शक्यच नाही... मग!...कशाला चिंता कशाची, जाळेल जो, तो आपली चिता.. आपुल्याचं कर्मानी.. हे ईश्वरा... काहीही नकोय मला, फक्त दे अंदन, दे बुद्धी माझ्या ओंजळीत भिकेची... काय खरे, काय खोटे, काय चांगले, काय वाईट.... समजण्याची... माझ्या ऱ्हासाची अन अंतांची... ©Rohidas Chavan भेदून काढू
भेदून काढू
read moreJitendra Giri Hindu
शिवस्य हृदयं विष्णुः, विष्णोश्च हृदयं शिवः। यथा शिवमयो विष्णुः, एवम् विष्णुमयः शिवः॥ अर्थ: भगवान शिव के हृदय में भगवान विष्णु विराजमान हैं
read moreAnjali Singhal
"कीमत से नहीं, किस्मत से मिल पाते हैं। दोस्त ही तो हैं वो, जिनसे हम सारे भेद खोल जाते हैं।।" #AnjaliSinghal #friends #Friendship #Shayari
read moreअदनासा-