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Vivek Kumar sah
'दर्द सबके साथ है.... मगर हौसले सबके अलग है, कोई हताश हो के बिखर जाता है, तो कोई संघर्ष कर के निखर जाता है.....। - Vivek Kumar sah By Vivek Kumar sah
shaukiyashayari
आंखों में लिए हो दरिया , मुस्कराया कैसा जाएगा। भरोसा बार बार तोड़ा गया , कैसे किसी पे आएगा। और तुम्हीं से इश्क़ हुआ था , तुम्हीं से मिला था धोखा। अब बाप जहां करवाएंगे वहीं होगा ब्याह , ये गुनाह मुझसे किसी से हो नहीं पाएगा। Shaukiya Shayar Vivek #broken heart #dhokha#poetry #shayri#yaad #nikaah #vyah by Vivek Kumar (Shaukiya)
shaukiyashayari
कि हर बार सिर्फ जख्म ही तो मिले हैं दिल को मगर 2 फिर भी उसके मोहब्बत में पहला मुस्कुराना याद आता है। कि उसे खबर ख्याल ना कभी सवाल था मेरा -2 फिर भी रोज संजसंवर्कर अप्रेन में 9 बजे की morning क्लास में आना याद आता है। कि उस अकेले के लिए स्टेटस लगाना 2 सबको हाइड करके बस उसी को दिखाना, अनकहे अनसुने प्यार को indirectly जताना , उसके नाम की हूटिंग से खुद को बचाना और फिर अन्दर ही अन्दर खिलखिलाना याद आता है। कि लेक्चर थियेटर में उसे देखना 2 , डिसेक्शन हॉल के बाद रास्ते में मुंह फेरकर उनका नाक फुलाना याद आता है। कि उसके सारे पिक गैलरी से हटाना 2 अप लॉक गूगल में शिफ्ट करके सबसे छुपाना और रात को सोने से पहले उसको निहारते हुए आंख लगाना याद आता है। कि उसे पागलों की तरह चाहना , एक रिप्लाइ के लिए बार बार मेसेज करना , हर जगह से ब्लॉक होना , फिर एक रोज टेक्स्ट मैसेज में मीठा गाली खाना याद आता है। कि को सपनों में ना हो , उसे जहन में बसाना और और चाहकर भी एकतरफा रिश्ते को पल भर भुलाना याद आता है। Shaukiya Shayar Vivek याद आता है एकतरफा poetry by Vivek Kumar (Shaukiya) #peace #dard shayari #tadap #एकतरफा इश्क़ #पोएट्री#कविता#शायरी
shaukiyashayari
कि हर बार सिर्फ जख्म ही तो मिले हैं दिल को मगर 2 फिर भी उसके मोहब्बत में पहला मुस्कुराना याद आता है। कि उसे खबर ख्याल ना कभी सवाल था मेरा -2 फिर भी रोज संजसंवर्कर अप्रेन में 9 बजे की morning क्लास में आना याद आता है। कि उस अकेले के लिए स्टेटस लगाना 2 सबको हाइड करके बस उसी को दिखाना, अपने प्यार को indirectly जताना , उसके नाम की हूटिंग से खुद को बचाना और फिर अन्दर ही अन्दर खिलखिलाना याद आता है। कि लेक्चर थियेटर में उसे देखना 2 , डिसेक्शन हॉल के बाद रास्ते में मुंह फेरकर उनका नाक फुलाना याद आता है। कि उसके सारे पिक गैलरी से हटाना 2 अप लॉक गूगल में शिफ्ट करके सबसे छुपाना और रात को सोने से पहले उसको निहारते हुए आंख लगाना याद आता है। कि उसे पागलों की तरह चाहना , एक रिप्लाइ के लिए बार बार मेसेज करना , हर जगह से ब्लॉक होना , फिर एक रोज टेक्स्ट मैसेज में मीठा गाली खाना याद आता है। कि को सपनों में ना हो ,जहन में बसाना और फिर एक रोज उसका किसी और के साथ जाना जैसे अपनों की तरह सताना याद आता है। आज भी मेरी अल्फाजों से खुद से सवाल करते है किसी को इतना चाहना और क्यूं एकतरफा रिश्ते की तरह सबकुछ पल भर भुलाना याद आता है। Shaukiya Shayar Vivek याद आता है एकतरफा poetry by Vivek Kumar (Shaukiya) #peace #dard shayari #tadap #एकतरफा इश्क़ #पोएट्री#कविता#शायरी
Veeru Vivek
#OpenPoetry विचार विवेक कुमार Follow more such stories by Vivek Kumar Mandal https://nojoto.com/post/f9962bd636850bb5cfd5afc3c4dc0806/ Via N
विवेक कुमार
#LOCKDOWN #घर #में #रहें #सुरक्षित #रहें! जीवन आज कैद है वक्त की जंजीरों में, मगर तेरे साथ बिताया चंद घडीयांँ यही है जो अजाद है। अब जहां भी देखु ऐ हसिन नजारा हमारे साथ है। अब उम्र भर मेरे साथ है मेरी जाने- जां हाथ की लकीरों में। आज सज- सँवर कर आई हो मेरे लिए यूं वक्त न जया करो। आ जा मेरी बाहों में, आज जाने कि जिद्दी ना करो ..आज जाने कि जिद्दी ना करो।। तेरे बीना अब एक पल न गुजरा कर पाउंगा, यूं नजरें न हमसे फेरा करो। आज जाने कि जिद्दी ना करो.. आज जाने कि जिद्दी ना करो।। हाय हम तो मर जाएंगे हम तो लुट जाएंगे ऐसी बातें ना किया करो आज जाने कि जिद्दी ना करो, आज जाने कि जिद्दी ना करो।।✍️✍️by vivek kumar #weather #LOCKDOWN #घर #में #रहें #सुरक्षित #रहें! जीवन आज कैद है वक्त की जंजीरों में, मगर तेरे साथ बिताया चंद घडीयांँ यही है जो अजाद है।