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Vishw Shanti Sanatan Seva Trust

अन्न का सम्मान करना हमको भारतीय संस्कृति सिखाती है हमारी वैदिक सभ्यता हमको सिखाती है कि हम सभी मनुष्यों को भोजन ग्रहण करते समय अपने पैरों मे

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अन्न का सम्मान करना हमको भारतीय संस्कृति सिखाती है हमारी वैदिक सभ्यता हमको सिखाती है कि हम सभी मनुष्यों को भोजन ग्रहण करते समय अपने पैरों में से पादुका उतार देनी चाहिए । ताकि वह अन्य देवता जो हमारा पेट भर रहे हैं हमारा पालन-पोषण करते हैं उनके सम्मान में भोजन को ग्रहण करते समय हमको चप्पल जूते उतार देनी चाहिए ताकि उनका अपमान ना हो। जो मनुष्य अन्य ग्रहण करते समय चप्पल जूते पहनता है वह नर्क गामी होता है और अनेक प्रकार की यातनाओ भोगने के लिए जब किसी भी प्रकार की योनि में पृथ्वी पर जन्म लेता है तो उसको पशुओं का जन्म मिलता है

©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust Trust अन्न का सम्मान करना हमको भारतीय संस्कृति सिखाती है हमारी वैदिक सभ्यता हमको सिखाती है कि हम सभी मनुष्यों को भोजन ग्रहण करते समय अपने पैरों मे

Yuvraj singh Rathore

#वैदिक शिक्षा #विचार

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Hariom yadav

वैदिक पंक्ति

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Astro guruji

# वैदिक सनातन

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laukik sanskrit

वैदिक संस्कृत

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laukik sanskrit

वैदिक संस्कृत

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Manmohan Dheer

सभ्यता

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पटक पटक के फोड़ डाला
समूचा नारियल उसने भी
फिर दांत से खुरच के कभी
और नाखूनों से निकाल के
खाने लगा था
धो लिए वो टुकड़े उसने
जो उचक गए थे इधर उधर
बाद में खाने को रख चला गया
बहुत कुछ सीख गया था वो
इंसानों को देख समझ के
या हम ही नहीं बढ़ पाए हैं
एक भी कदम आगे की ओर
जिसे सभ्यता कहते हैं .... सभ्यता

Dharmendra Verma

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Nitoo Yadav

सभ्यता@# #विचार

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Sachin Ratnaparkhe

ग़ज़ल
मेरा बोझ है की बस बढ़ता ही जा रहा है,
भरोसा ज़िन्दगी से उतरता ही जा रहा है।

अब रात भी खत्म होने को आई है मगर,
दूर क्षितिज पे सूरज चड़ता ही जा रहा है।

सब कुछ तो हो रहा है नज़रों के सामने,
फिर भी झूठा इतिहास गड़ता ही जा रहा है।

ज़माना बिक चुका अपनी जान की खातिर,
दो कौड़ी में सौदा तय करता ही जा रहा है।

कुछ भी न बचेगा अंत तक इस तरह तो,
सभ्यता का वक्त अब ढलता ही जा रहा है।

की थी नाकामयाब कोशिश सब संभालने की,
मगर मरने वाला भी बेमौत मरता ही जा रहा है। #सभ्यता
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