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Rashmi Malik (crazy)
#PulwamaAttack गुलाब की किताब लिखू या लिख दू कोई घाव अभी मै रो रही भारत भूमि क्या क्रोध में श्रृंगार लिखू मै माँ के प्रति प्रेम लिखू या सुना आँचल आज लिखू मै पापा कहती आवाज लिखू या जय हिन्द वाला प्यार लिखू मै पत्नी का श्रृंगार लिखू या तिरंगे का परिवार लिखू मै वीर की राखी लिखदु या वीरता का राग लिखू मै हो रहे छिन भिन्न भाव मेरे प्रेम लिख दू या दर्द लिखू मै ???? -रश्मि मलिक अर्से
Parasram Arora
लम्बे अर्से बाद वो आया और बिना मिले लौट भी गया हैँ ये वही शख्स हैँ ज़ो पहले ज़ब भी आया महिनो ठहरता था चार सांसे और मुट्ठी भर धूल में बंधी हैँ जिंदगी मेरी और ये भी नही जानता मैं क़ि इस धरती पर कैसे और क्यों उतरा था मुझसे पीछा छुड़ा लेने के बावजूद वो मझे भूला नहीथा शायद उसने मुझे मार कर भी मरने नही दिया था मेरी अनकही बात में छिपे दर्द क़ो भी वो भाँप गया था घुटन उसे भी हुई पर बो उस दर्द क़ो अपने अंदर ही पी गया था ज़ो कांटा फूलों के बींच रह कर पला और बड़ा हुआ उसने अपनी कंटीली चुभन क़ो ज़रा भी कम नही किया था ©Parasram Arora लम्बे अर्से बाद....।
Arora PR
एक अर्से बाद लौटा हू मै आज अपनी बस्ती मे फिर से. लेकिन यहां तो सब कुछ बदला हुआ दिख रहा है.... अब पहले जैसा यहां कुछ भीनहीं दिख रहा है. और आश्चर्य तो तब हुआ ज़ब कोई भी मुझे पहचान नहीं पा रहा है लगता है इस बदली हुई बस्ती के साथ साथ मुझमे भी अच्छा खासा बदलाव आ चुका है ©Arora PR एक अर्से बाद
Bad boy
Life and Breath कहते हैं सब हम मस्ती में रहते हैं उनको ना पता इस दिल मे कितने गम बहते हैं ना देख तू इस चेहरे की smile लंबे अर्से से है मेरा ये दिल घायल लंबे अर्से से...........
Arora PR
एक अर्से से मैं रोया नहीं अब तक खोखली हंसी हँस कर खुद को बहलाता था मैं मुश्किल मे था तभी तों जुझे पुकारा था पर तू बहरा बन कर बैठा रहेगा मुझे मालूम नहीं था ©Arora PR ऐज अर्से से
Rahul Shastri worldcitizens2121
Safar July 10,2019 सत्संग का अर्थ होता है गुरु की मौजूदगी! गुरु कुछ करता नहीं हैं, मौजूदगी ही पर्याप्त है। ओशो सत्संग का अर्थ
Parasram Arora
एक अर्से के बाद आज सुधरने की बात सोची है मैंने गुनाह करते करते अब मैं थक चुका हूं बुरी तरह से बदल चुकी है जिंदगी की चाल ज़रा समझ नही पाया क्यों है एतराज़ मुझे ज़माने की रफ्तार से ©Parasram Arora एक अर्से के बाद..