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Kapil. pandit

लिखना था किं खुश है

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Karan Meda

मेरी दिल किं बात #brothersday

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कि मिले थे बचपन में   एक स्कूल की क्लास में फिर स्कूल खत्म हुए बिछड़े थे हम 10वीं की क्लास में कुदरत की मेहरबानी हम फिर से मिले लवली ग्रुप में पर जाने क्यों अब फिर से ग्रुप से बिछड़ने लगे क्या रे ऊपर वाले आज लोग ग्रुप में बात भी नहीं करते

©Karan Meda मेरी दिल किं बात 

#brothersday

बी.सोनवणे

तुझियाच ललाटी सौख्यं माझं, तुच सर्वस्वं आहेस आज...! #wetogether

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तुझियाच ललाटी सौख्यं माझं, 
तुच सर्वस्वं आहेस आज...!

©बी.सोनवणे तुझियाच ललाटी सौख्यं माझं, 
तुच सर्वस्वं आहेस आज...!
#wetogether

बी.सोनवणे

"आपुलकी" ज्यास नाही कुणी अश्या 'अनाथांना' त्यांच्या प्रती 'जिव्हाळ्याची' भावना,_ 'ऋणानुबंधनासाठी,प्रेम', "आपुलकीने" आधार देऊनी भरू सौख्यं ह

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"आपुलकी"

ज्यास नाही कुणी अश्या 'अनाथांना'
त्यांच्या प्रती 'जिव्हाळ्याची' भावना,
'ऋणानुबंधनासाठी,प्रेम', "आपुलकीने"
आधार देऊनी भरू सौख्यं हर्षाचे जीवना...!

✒बी.सोनवणे
            मुंबई "आपुलकी"

ज्यास नाही कुणी अश्या 'अनाथांना'
त्यांच्या प्रती 'जिव्हाळ्याची' भावना,_
'ऋणानुबंधनासाठी,प्रेम', "आपुलकीने"
आधार देऊनी भरू सौख्यं ह

RRB_12

*तकदीर के खेल से* *नाराज नहीं होते* *जिंदगी में कभी* *उदास नहीं होते* *हाथों किं लक़ीरों पे*

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 *तकदीर के खेल से*
                   *नाराज नहीं होते*
*जिंदगी में कभी*
                    *उदास नहीं होते*
*हाथों किं लक़ीरों पे*

Poet Shivam Singh Sisodiya

हस्तस्य भूषणं दानं सत्यं कण्ठस्य भूषणम् । श्रोत्रस्य भूषणं शास्त्रं भूषणैः किं प्रयोजनम् ॥ हाथ का भूषण दान है, कण्ठ का सत्य, और कान का भूषण #OpenPoetry

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#OpenPoetry जयतु संस्कृतम् जयतु भारतम् 🚩 हस्तस्य भूषणं दानं सत्यं कण्ठस्य भूषणम् ।
श्रोत्रस्य भूषणं शास्त्रं भूषणैः किं प्रयोजनम् ॥

हाथ का भूषण दान है, कण्ठ का सत्य, और कान का भूषण

बी.सोनवणे

हाक हृदयाची, सौख्यं जीवनाची।। अजब हि रित, भावे प्रेम प्रीत।। भरते धडकी, कसे सांगू सखी।। #wetogether

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हाक हृदयाची, 
सौख्यं जीवनाची।। 

अजब हि रित, 
भावे प्रेम प्रीत।। 

भरते धडकी, 
कसे सांगू सखी।। 

अबोल्यात प्रेम, 
अतोनात मर्म।। 

सये तुझ्या ठायी, 
माझे सर्व काही।। 

निस्वार्थी हे भाव, 
काळजाला ठाव।। 

जीवनाची कथा, 
मांडलीय व्यथा।।

©बी.सोनवणे हाक हृदयाची, 
सौख्यं जीवनाची।। 

अजब हि रित, 
भावे प्रेम प्रीत।। 

भरते धडकी, 
कसे सांगू सखी।।

Kunal Thakur

जब भी कोई आपके इज्जत और प्रतिष्ठा पर चोट करें आप खामोश रहकर उसें बार - बार इस बात को दोहरानें का मौका कभी ना दें कदापि यें आपके जिंदगी किं #nojotohindi #विचार #Cassette #Dilkikitabse #kuvitheshayar

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जब भी कोई आपके इज्जत और प्रतिष्ठा पर चोट करें

आप खामोश रहकर उसें बार - बार इस बात को दोहरानें का मौका कभी ना दें

कदापि यें आपके जिंदगी किं सबसें बड़ी भूल हो सकती हैं

Dil Se.........Written By Kunal........

©Kunal Thakur जब भी कोई आपके इज्जत और प्रतिष्ठा पर चोट करें

आप खामोश रहकर उसें बार - बार इस बात को दोहरानें का मौका कभी ना दें

कदापि यें आपके जिंदगी किं

Harshita Dawar

yaadein challengecompleted chahat rishte yqdidi Written by Harshita Dawar ✍️✍️ Jazzbaat# हारारात सी थी दिल में अपनी अदुरी सी हसरतो क

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Written by Harshita Dawar ✍️✍️
#Jazzbaat#
हारारात सी थी दिल में 
अपनी अदुरी सी हसरतो को गिनना शुरू कर दिया।
महज भीड़ में दम घुटना लगा तो।
मैंने फिर से उड़ना शुरू कर दिया।
दर्द यादे आदुरि खवाइए सब साथ बस 
फिर किसी किं कमी है। #yaadein #challengecompleted #chahat #rishte #yqdidi 
Written by Harshita Dawar ✍️✍️
#Jazzbaat#
हारारात सी थी दिल में 
अपनी अदुरी सी हसरतो क

बी.सोनवणे

उपक्रम विषय :- दरवळली फुले अंगणी वसंत ऋतूची ती पालवी माेहरुन अशी गंधाळली, दरवळली फुले अंगणी अबोल्यात प्रीती बहरली ।।

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दरवळली फुले अंगणी 

वसंत ऋतूची ती पालवी
माेहरुन अशी गंधाळली, 
दरवळली फुले अंगणी 
अबोल्यात प्रीती बहरली ।। 

वेचूनी ठेवलयं सुख परडीत 
हिरव्या रानोमाळ शिवारात, 
त्या नयनी दाटलेल्या स्वप्नांचे 
योग्य भाव लाभू दे बाजारात।। 

आस ह्या मनात आहे कित्येक
वाटते फक्त कष्टाचं व्हावे ते चीज, 
वाटचाल रे ह्याच जीवनाची अशी 
अन् नियतनी सांगितले झीज।। 

आभाळभर सुखाच पांघरूण
नि कस्तुरीचा जणू गंध चंदनी,
ओंजळीत पसा पसा दाण्यांनी
सौख्यं दरवळली फुले अंगणी।। 

बी. सोनवणे 
        मुंबई

©बी.सोनवणे उपक्रम 
विषय :- दरवळली फुले अंगणी 

वसंत ऋतूची ती पालवी
माेहरुन अशी गंधाळली, 
दरवळली फुले अंगणी 
अबोल्यात प्रीती बहरली ।।
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