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person
White Read each word slowly, there is so much power in each sentence. Tears express, how is the pain? Indifference tells, how is sympathy? Pride tells, how much is the money? Culture tells us, how is the family? The speech tells, what kind of a person is he? The debate tells us, what is knowledge like? Stumble tells, how is meditation? Eyes tell, how is the face? Touch tells, what is the intention? Time tells how the relationship is! धीरे - धीरे एक एक शब्द पढियेगा, हर एक वाक्य में कितना दम है। आंसू जता देते है, दर्द कैसा है ? बेरूखी बता देती है, हमदर्द कैसा है ? घमण्ड बता देता है, पैसा कितना है ? संस्कार बता देते है, परिवार कैसा है ? बोली बता देती है, इंसान कैसा है ? बहस बता देती है, ज्ञान कैसा है ? ठोकर बता देती है, ध्यान कैसा है ? नजरें बता देती है, सूरत कैसी है ? स्पर्श बता देता है, नीयत कैसी है ? कौर वक़्त बता देता है, रिश्ता कैसा है ! ©person #bike_wale धीरे - धीरे एक एक शब्द पढियेगा, हर एक वाक्य में कितना दम है। आंसू जता देते है, दर्द कैसा है ? बेरूखी बता देती है, हमदर्द कैसा
#bike_wale धीरे - धीरे एक एक शब्द पढियेगा, हर एक वाक्य में कितना दम है। आंसू जता देते है, दर्द कैसा है ? बेरूखी बता देती है, हमदर्द कैसा #Motivational
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लाखों बात कहने को रखा था पर मेरी बातें कोई समझता ही नहीं यह दुनिया बड़ी बेरहम है यहां पर कोई अपना ही नहीं खुशी की तलाश मैंने बहुत ही की थी पर वो कभी भी मिलती ही नहीं मन बैरागी हो गया था ऐसा के तन्हा रहने का आदत पड़ गया ©person शब्द है
शब्द है #Poetry
read moreVickram
White कोई मर गया तो कम-से-कम छः महीने याद रहता है कोई खास धौका दे दे तो उम्र भर याद रहता है कोई साथ छोड़ दें तो नये मुसाफिर भी तो मिलते हैं हर बार इस ज़िंदगी में एक नया मोड़ रहता है । कभी भीड़ तो कभी अकेलापन ने इम्तिहान लिया ये जिन्दगी का मेला वैसा नहीं जैसा दिखता है बहुत दूर जाने के बाद ही अक्ल आती है अक्सर जब समझ आती है मेला खत्म हो चुका होता है क्यों पहले नहीं समझ आते ये राज ज़िंदगी के जिसे उजाला समझे थे वही तो गहरा अंधेरा है । सब कुछ वहम है मेरा जब तक समझ में आता । ये गलतफहमियां मेरी पूरी उम्र निगल चुकी थी ©Vickram #car कैसा महसूस होता है एक वक्त के बाद
#car कैसा महसूस होता है एक वक्त के बाद #मोटिवेशनल
read moreBANDHETIYA OFFICIAL
White जरा सियासी होने का खामियाजा भुगत रहा हूं, नहीं सियासतदान, नाम न अपनी कुछ पहचान। गुजर रही जनता इन कुछ हालों से, इधर यहां बिल्कुल कुछ इक सालों से, कहे दिये जो अपने हालात,टोका -टोकी फिर तो, अदना है आवाम,आम न, फिर फिर है नादान। राजनीति मत कर,न राय, धमकी है, नेता मत बन, कद्दावर सनकी है, कद न जो अंकुर में, अंकुश उसपे भी हाथी वाला, सर पे है तलवार,ताम न झाम,जहीं हैरान! ©BANDHETIYA OFFICIAL #आम कैसा!
Harvinder Ahuja
मांवा धींया दोनों दुखी, किंवे अपणा दुख वंडावण, इक ऐथे अते दूजी ओथे, पल-पल इक दूजे दा नम्बर मिलावण, इक ना खुद सोंधी, ना सोण देवे दूजी नू, होके भर भर दूरियां नपवावे, कैंदी मैं जी चुकी हां,ना जीण देवां तेनूं, ऐंवे अपणा हक जमावे। ©Harvinder Ahuja # कैसा कन्यादान
# कैसा कन्यादान #कविता
read moreAmit Sir KUMAR
White मां एक शब्द नहीं, एहसास है मां से रिश्ता कुछ खास है जीवन का आधार है, मां मेरी उत्पत्ति का सार है, मां इश्वर का साक्षात्कार हैं, मां प्रेम और समर्पण का आधार है, मां मेरा रोम -रोम तेरा कर्जदार है, मां तेरी महिमा को बारंबार प्रणाम है, मां। ©Amit Sir KUMAR #mothers_day मां एक शब्द नहीं एहसास है.......
#mothers_day मां एक शब्द नहीं एहसास है....... #कविता
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White कैसा अजीब है ये एहसास लगता है कभी जिन्दगी पूरी जी ली हो जैसे फ़िर लगता है कभी अभी तो जिन्दगी शुरू की ही नहीं ©हिमांशु Kulshreshtha कैसा अजीब...
कैसा अजीब... #शायरी
read moreHimanshu Prajapati
पैसा देख कर बता देता हूं उधर कैसा है, चेहरा देखकर बता देता हूं व्यवहार कैसा है, मैं आकता नहीं किसी को पर बातें से बाता देता है, किरदार कैसा है..! ©Himanshu Prajapati #boatclub पैसा देख कर बता देता हूं उधर कैसा है, चेहरा देखकर बता देता हूं व्यवहार कैसा है, मैं आकता नहीं किसी को पर बातें से बाता देता है,